लखनऊ, वार्ता- प्राचीन काल में भारतीय परम्परा का हिस्सा रहा भिक्षाटन आज बच्चों के भविष्य के लिए खतरनाक है। भिक्षावृत्ति से विमुक्त होने वाले बच्चों की समृद्धि और सफलता के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुरू की ‘स्माइल परियोजना’। इस परियोजना के तहत 102 बच्चों को प्रमाण पत्र और शैक्षिक किट वितरित किए गए।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बच्चों को दिव्यांग बनाकर उनसे जबरन भिक्षावृत्ति करवाने वाले गिरोहों के खिलाफ सख्ती से कार्रवाई करने का भी ऐलान किया। वह बच्चों को ‘मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना’ और ‘स्माइल परियोजना’ के तहत आर्थिक सहायता प्रदान कर रहे हैं। इसके तहत भिक्षावृत्ति से मुक्त होने वाले बच्चों को हर महीने 1.20-1.30 लाख रुपए की सहायता मिलेगी।
शिक्षा और भिक्षावृत्ति से विमुक्त हुए बच्चों को स्वयंसेवी संस्थाओं से जोड़कर उनके भविष्य को संवार रही है सरकार। ‘स्माइल परियोजना’ के तहत दिव्यांग बच्चों को शैक्षणिक सामग्री भी प्रदान की जा रही है।
मुख्यमंत्री ने शिक्षा के महत्व को बताते हुए कहा कि हर व्यक्ति का जीवन अमूल्य है और एक अच्छा इंसान ही एक अच्छा डॉक्टर, इंजीनियर और अधिकारी बन सकता है। इसलिए सरकार शिक्षा के माध्यम से बच्चों के भविष्य को समृद्ध बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।
स्माइल परियोजना के तहत सहायता प्रदान कर रही सरकार उन बच्चों की तलाश कर रही है जिन्हें शिक्षा के माध्यम से समृद्धि की दिशा मिल सके। इस परियोजना के माध्यम से समाज में उन्हें स्वावलंबी बनाने का संकल्प लिया गया है।
कार्यक्रम में महिला एवं बाल विकास मंत्री बेबी रानी मौर्या, बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह और महापौर सुषमा खरकवाल भी मौजूद रहीं। इस मौके पर बच्चों और उनके अभिभावकों से संवाद किया गया और उनके सपनों के प्रति सरकार की पूरी संवेदनशीलता दिखाई गई।