ख़बर सुनें
विस्तार
हाईकोर्ट ने एयरपोर्ट सामान में कारतूस मिलने के दो मामलों में आरोपियों के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी रद्द कर दी। अदालत ने प्राथमिकी इस शर्त पर खारिज की है कि आरोपी एमसीडी या अन्य सरकारी स्कूलों के 200-200 छात्रों को मच्छरमार व सैनिटाइजर किट पांच दिन में प्रदान करेंगे। अदालत ने जांच अधिकारी को आदेश की अनुपालन रिपोर्ट 16 अगस्त को पेश करने का निर्देश दिया है।
न्यायमूर्ति जसमीत सिंह ने दोनों मामलों में दिए फैसले में कहा कि अनजाने में किए गए छोटे-छोटे अपराध के कारण पुलिस तंत्र को आरोपी की ओर से किए गए कृत्यों और चूक के कारण जांच करनी पड़ती है।
हालांकि पुलिस के उपयोगी समय का उपयोग महत्वपूर्ण मामलों के लिए किया जा सकता है लेकिन ऐसे मामलों के कारण उनका समय का उपयोग गलत दिशा में किया जाता है। अदालत ने कहा कि इन छोटे-मोटे मामलों में याचिकाकर्ताओं को समाज के लिए कुछ अच्छा करना चाहिए।
अदालत ने यूएस से आए नमनप्रीत ढिल्लों के मामले में प्राथमिकी रद्द करते हुए कहा कि मामले के तथ्यों से यह स्पष्ट है कि याचिकाकर्ता के पास से केवल एक कारतूस बरामद किया गया है और उसके पास से कोई अन्य आग्नेयास्त्र बरामद नहीं हुआ है जिससे यह स्पष्ट होता है कि याचिकाकर्ता के पास कारतूस का कब्जा नहीं था, न ही उसकी किसी से दुश्मनी थी। ऐसे में मुकदमे को जारी रखने से अदालत व पुलिस का समय ही खराब होगा।
नमनप्रीत से एक और रियाजुद्दीन के बैग से मिले थे 6 कारतूस
यूएस में रहने वाला नमनप्रीत 15 नवंबर, 2021 को बीमार दादी से मिलने भारत आया था। उसके सामान से एक कारतूस बरामद हुआ था। याची ने कहा कि उसके अंकल दीपावली व अन्य त्योहारों पर लाइसेंसी पिस्टल से हवाई फायर कर खुशी मनाते हैं और उसी दौरान एक कारतूस उनके ट्राउजर की जेब में रह गया था जिसकी उसे जानकारी नहीं थी। पुलिस ने भी जांच के उसके तर्क की पुष्टि की।
दूसरे मामले में देहरादून निवासी बक्शी मोहम्मद रियाजुद्दीन के पास से 23 जनवरी, 2021 को छह कारतूस मिले थे। ऑयल फील्ड सर्विसेज में काम करने वाला रियाजुद्दीन जब एयरपोर्ट पर पहुंचा तो उसके बैग से कारतूस मिले। याची ने कहा उसके पास हथियार का लाइसेंस है और यात्रा के अंतिम समय उसका बैग फट गया व दूसरा बैग बदलना पड़ा और उसमें कारतूस की उसे जानकारी नहीं थी।
I want to thank you for sharing such a piece of good information that provides you, that’s great.