चंडीगढ़18 मिनट पहले
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![पंजाब के लोगों को कैश (नकदी) पसंद है। - Dainik Bhaskar](https://i0.wp.com/images.bhaskarassets.com/web2images/521/2023/06/08/orig_download-19_1686178914.jpg?resize=618%2C464&ssl=1)
पंजाब के लोगों को कैश (नकदी) पसंद है।
डिजिटल लेनदेन के दौर में भी पंजाब के लोगों को कैश (नकदी) पसंद है। हाल ही में जारी सीएमएस की ‘इंडिया कैश वाइब्रेंसी रिपोर्ट 2023’ के मुताबिक, पंजाब में एक साल में एटीएम से नकद निकासी में 6.6 फीसदी की वृद्धि हुई है।
वित्त वर्ष 2022 में पंजाब के हर एटीएम से औसतन 1.4 करोड़ रुपए की निकासी हुई, जो 2023 में बढ़कर 1.5 करोड़ रुपए हो गई। वहीं, हरियाणा में कैश निकासी में महज 0.7 फीसदी की ग्रोथ देखी गई। पंजाब में एक लाख की आबादी पर 26 एटीम, हरियाणा में 24 तो वहीं, हिमाचल प्रदेश में 30 एटीएम हैं।
रिपोर्ट के अनुसार देश की अर्थव्यवस्था में नकदी का महत्व बढ़ रहा है। कोविड के बाद अर्थव्यवस्था के पटरी पर लौटने के बाद रिटेल कैश मैनेजमेंट का खर्च भी डेढ़ गुना बढ़ गया है। यह 2021-22 के 1.49 करोड़ रुपये से बढ़कर 2022-23 में 2.06 करोड़ रुपये पहुंच गया।
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हिमाचल में नकद निकासी 3.3% बढ़ी…
हिमाचल प्रदेश में भी कैश निकासी में 3.3 फीसदी की वृद्धि हुई। वित्त वर्ष 2022 में हर एटीएम से औसतन 1.17 करोड़ रुपए निकाले गए, जो 2023 में बढ़कर 1.21 करोड़ हो गई।
रिपोर्ट के मुताबिक देश में प्रति एटीएम औसतन 1.35 करोड़ रुपए निकासी
रिपोर्ट के मुताबिक, 2022-23 में देश में प्रति एटीएम औसतन 1.35 करोड़ रुपये निकाले गए। 2021-22 में यह आंकड़ा औसतन 1.23 करोड़ रुपये का था। एटीएम के इस्तेमाल मंे दिल्ली के लोग सबसे आगे रहे। वित्त वर्ष 2022 के मुकाबले 2023 में यहां 23.78 फीसदी अधिक एटीएम का इस्तेमाल किया गया।
कैश निकासी में देश में कर्नाटक पिछले सबसे आगे हैं। वित्त वर्ष 2023 के दौरान कर्नाटक के एक एटीएम से सालभर में औसतन 1.73 करोड़ रुपये निकाले गए। जो 20222 में 1.46 करोड़ रुपए था। कोरोना काल में एटीएम का सबसे कम इस्तेमाल हुआ। मार्च, 2020 में सिर्फ 2.84 लाख करोड़ निकाले गए। अप्रैल, 2020 में रकम घटकर सिर्फ 1.28 लाख करोड़ रह गई थी।