विकसित होने के बाद ऐसा दिखेगा सुमेर सागर ताल।
– फोटो : अमर उजाला।
विस्तार
गोरखपुर शहर के भीतर अतिक्रमण मुक्त हुए सुमेर सागर ताल के सुंदरीकरण की योजना दो साल से फाइलों में अटकी है। त्वरित आर्थिक विकास योजना के तहत ताल के लिए तैयार 27 करोड़ रुपये की योजना की निविदा भी पूरी नहीं हो सकी है। ऐसे में कम से कम एक साल तक सुमेर सागर ताल को रामगढ़ताल की तरह से पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करने की योजना के परवान चढ़ने की संभावना नहीं दिख रही है।
धर्मशाला बाजार और विजय चौराहा के बीच सुमेर सागर ताल करीब साढ़े 18 एकड़ में फैला हुआ है। इस ताल पर चारों तरफ से अतिक्रमण कर कुछ लोगों ने कब्जा कर रखा था। लोगों ने मकान बनाए तो दुकानदारों के गोदाम बन गए थे। प्रशासन ने जब इसकी सुधि ली तो करीब दो साल पूर्व अभियान चलाकर ताल को खाली कराया गया।
इसके बाद से ही पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करने की योजना दौड़ने लगी। इसे रामगढ़ताल के बाद दूसरे पर्यटन केंद्र के तौर पर विकसित करने की कवायद हुई, जो फाइलों में ही अटक कर रह गई।
पूरी नहीं हो सकी टेंडर प्रक्रिया, प्रयास में जीडीए अधिकारी
सुमेर सागर ताल के सुंदरीकरण के लिए जीडीए की ओर से तीसरी बार टेंडर निकालने की तैयारी है। अधिकारियों के मुताबिक, पूर्व में जो टेंडर हुए, उसके लिए सिर्फ एक या दो ही आवेदन आए। इस वजह से यह प्रक्रिया अधूरी है। निकाय चुनाव के कारण इसकी प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी। इसलिए अब तीसरी बार टेंडर निकालने की योजना बन रही है। अधिकारियों का कहना है कि बिना टेंडर के कोई काम नहीं कराया जा सकता है।
इसे भी पढ़ें: सीएम योगी ने जनता दरबार में सुनी फरियाद, बोले- पीड़ितों को न्याय मिलने में न हो विलंब