![बारिश ने खोली बिजली पोल की 'पोल': विभाग ने दो साल पहले ही लगाए थे, 66 टूटकर गिरे; अफसर बोले- गुणवत्ता जांचेंग 66 electric poles were broken and fell down due to rain in GPM](https://i0.wp.com/staticimg.amarujala.com/assets/images/2023/06/09/750x506/chhattisgarh-news_1686323703.jpeg?resize=414%2C233&ssl=1)
बारिश में टूटकर गिरे बिजली पोल।
– फोटो : संवाद
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छत्तीसगढ़ के गौरेला-पेंड्रा-मरवाही (GPM) जिले में हुई बेमौसम बारिश ने छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत मंडल के पोल की पोल खोल दी। विभाग की ओर से लगाए गए सीमेंट के खंभे बारिश और हवाओं के चलते टूटकर गिर गए। इसमें एक-दो नहीं बल्कि ग्रामीण क्षेत्र में लगे 66 पोल शामिल हैं। इसके चलते इलाकों में लाइल गुल है। खास बात यह है कि इन बिजली के खंभों को दो-तीन साल पहले ही लगाया गया था। ग्रामीण जहां इसमें भ्रष्टाचार की बात कह रहे हैं। वहीं अफसरों ने गुणवत्ता की जांच कराने की बात कही है।
दरअसल, पिछले दिनों जिले में हुई बेमौसम बरसात के बाद 66 विद्युत पोल टूट गए। इसके कारण कई इलाकों में विद्युत व्यवस्था बाधित हो गई। इसे फिर से सुचारू करने के लिए कर्मचारियों को काफी मशक्कत करनी पड़ी। जो पोल टूटकर गिरे, उनमें अधिकतर सीमेंट के थे। इससे पहले भी काफी तेज हवाएं चलीं और तूफान आए, लेकिन पुराने खंभों को नुकसान नहीं हुआ। ऐसे में इस बार सीमेंट के खंभों के इस तरह गिरने पर उसकी गुणवत्ता को लेकर सवाल खड़े हो गए हैं।
ग्रामीणों का कहना है कि, उनके गांव में 20-20 वर्षों से लगे विद्युत पोल नहीं टूटे। जबकि पिछले दो-तीन वर्षों से में लगे खंभे हल्की आंधी बरसात में टूट जा रहे हैं, जिससे उन्हें काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। वहीं विद्युत वितरण कंपनी के डिवीजनल इंजीनियर यूके सोनवानी का कहना है कि ज्यादातर पोल पेड़ गिरने की वजह से टूटे हैं। फिर भी मौके पर जाकर गुणवत्ता की जांच करूंगा। भू गुणवत्ता और जांच की जिम्मेदारी विद्युत वितरण कंपनी के सिविल डिपार्टमेंट की है।