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Sun Poisoning: गर्मियों में बढ़ रही है सन पॉइजनिंग की समस्या, जानिए इसके कारण और बचाव के बारे में विस्तार से

देशभर में इन दिनों भीषण गर्मी और तेज धूप का दौर जारी है, सेहत के लिहाज से यह मौसम कई प्रकार से खतरनाक हो सकता है। तेज धूप के कारण न सिर्फ हीट स्ट्रोक का खतरा रहता है साथ ही स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने सभी लोगों को सन पॉइजनिंग के जोखिमों को लेकर भी अलर्ट रहने को कहा है। आखिर ये सन पॉइजनिंग क्या होता है, किन्हें इसका जोखिम है और इसके क्या दुष्प्रभाव हो सकते हैं, आइए इस बारे में समझते हैं।

सन पॉइजनिंग को गंभीर सनबर्न की समस्या के रूप में संदर्भित किया जाता है। यह तब होता है जब आप लंबे समय तक सूर्य से निकलने वाली पराबैंगनी (यूवी) किरणों के संपर्क में रहते हैं। आपकी त्वचा कितनी सेंसिटिव है, इसपर भी सन पॉइजनिंग का जोखिम काफी हद तक निर्भर करता है। 

सन पॉइजनिंग के बारे में जानिए

स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, सन पॉइजनिंग असल में कोई विषाक्तता नहीं है, यह एक टर्म है जिसे सनबर्न के गंभीर मामले के लिए इस्तेमाल किया जाता है। इस समस्या को पॉलीमोरफिक लाइट इरप्शन भी कहा जाता है। इसके कारण आपको त्वचा की समस्याओं के साथ शारीरिक स्वास्थ्य की भी कई दिक्कतें हो सकती हैं। चूंकि इन दिनों तापमान बहुत अधिक है और धूप का ज्यादा जोखिम है इसलिए अगर आप इससे बचाव नहीं करते हैं तो सन पॉइजनिंग होने का जोखिम हो सकता है।

सन पॉइजनिंग के कैसे होते हैं लक्षण

सन पॉइजनिंग के कारण आप सनबर्न जैसे के लक्षणों का अनुभव कर सकते हैं। यूवी किरणों के संपर्क में आने के 6 से 12 घंटे के भीतर सनबर्न के लक्षण दिखाई दे सकते हैं। हल्के सनबर्न के मामलों में, आपको लालिमा, दर्द और सूजन का अनुभव हो सकता है। ये अपने आप ठीक भी हो जाता है। हालांकि सन पॉइजनिंग यानी कि सनबर्न की गंभीर स्थिति में त्वचा की समस्याओं के साथ आपको कई और दिक्कतें भी हो सकती हैं। 

  • फफोले या त्वचा पर दाने होना।
  • बुखार (और कभी-कभी ठंड लगना)
  • निर्जलीकरण- उलझन की समस्या
  • मतली-उलटी
  • सिर दर्द- चक्कर आना
सन पॉइजनिंग का इलाज और बचाव

सन पॉइजनिंग के अधिकतर मामलों में डॉक्टर ठंडे पानी से नहाने या कोल्ड कंप्रेस की सलाह देते हैं। त्वचा पर लोशन लगाने से नमी बनाए रखने में मदद मिल सकती है। इसके अलावा, तरल पदार्थ पीने से  शुष्क त्वचा और खोई हुई नमी को कंट्रोल किया जा सकता है। इन उपायों से समस्या काफी हद तक कंट्रोल हो जाती है। 

वहीं यदि आपको डिहाइड्रेशन है तो आईवी फ्ल्यूड, ब्लिस्टरिंग सनबर्न के लिए स्टेरॉयड क्रीम और कुछ एंटीबायोटिक्स भी दी जा सकती है।

कैसे रहें इन समस्याओं से सुरक्षित?

सन पॉइजनिंग  से बचाव और इसके जोखिमों को कम करने के लिए कुछ बातों का ध्यान रखें। 

  • धूप में जाते समय  सनस्क्रीन लगाएं जो सूरज की यूवीए किरणों से बचाता है। 
  • सुबह 10 बजे से दोपहर 2 बजे के बीच बाहर निकलने से बचें। 
  • धूप का चश्मा, टोपी और सुरक्षात्मक कपड़े पहनें।
  • शरीर को निर्जलित होने से बचाने के लिए तरल पदार्थों-पानी का सेवन करते रहें।

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नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्टस से एकत्रित जानकारियों के आधार पर तैयार किया गया है। 

अस्वीकरण: अमर उजाला की हेल्थ एवं फिटनेस कैटेगरी में प्रकाशित सभी लेख डॉक्टर, विशेषज्ञों व अकादमिक संस्थानों से बातचीत के आधार पर तैयार किए जाते हैं। लेख में उल्लेखित तथ्यों व सूचनाओं को अमर उजाला के पेशेवर पत्रकारों द्वारा जांचा व परखा गया है। इस लेख को तैयार करते समय सभी तरह के निर्देशों का पालन किया गया है। संबंधित लेख पाठक की जानकारी व जागरूकता बढ़ाने के लिए तैयार किया गया है। अमर उजाला लेख में प्रदत्त जानकारी व सूचना को लेकर किसी तरह का दावा नहीं करता है और न ही जिम्मेदारी लेता है। उपरोक्त लेख में उल्लेखित संबंधित बीमारी के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श लें।



Source : https://www.amarujala.com/photo-gallery/lifestyle/fitness/sun-poisoning-causes-symptoms-know-what-is-sun-poisoning-and-prevention-tips-2023-06-10

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