अशोक यादव/कुरुक्षेत्र: श्रीकृष्ण के विराट स्वरूप के बाद अब धर्मनगरी कुरुक्षेत्र में भीम सेन का महाबली रूप देखने को मिलेगा. यही नहीं, धर्मनगरी में भीम का पहला भव्य मंदिर भी बनने जा रहा है, जिसमें महाबली भीम की प्रतिमा स्थापित की जाएगी. खास बात यह कि ये प्रतिमा तमिलनाडु में बन रही है. इस पूरे प्रोजेक्ट पर 90 से 120 करोड़ रुपये खर्च होगा.
महाभारत युद्ध में भीम का अहम स्थान रहा है. इसी कारण कुरुक्षेत्र में महाबली भीम की विशाल प्रतिमा स्थापित की जा रही है. यूं तो काले पत्थर से बनने वाली महाबली भीम की प्रतीमा 32 फीट ऊंची बनाई जा रही है, लेकिन यह 40 फीट ऊंचे प्लेटफार्म पर स्थापित की जाएगी. इस लिहाज से इसकी ऊंचाई 72 फीट हो जाएगी. प्रतिमा स्थापित होने के बाद दूर से लोग इसके दर्शन कर सकेंगे.
प्रतिमा श्री गीता भीम धाम मंदिर के स्थापित की जाएगी. बताया गया कि 40 फीट के मंच पर महाभारत काल के चित्रों को दर्शाया जाएगा और इसी के ऊपर भीम की प्रतिमा स्थापित की जाएगी. बता दें कि धर्मनगरी कुरुक्षेत्र में भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को गीता का उपदेश दिया था और यहां मंदिर काफी प्रचलित हैं. इसी कड़ी एक और श्री गीता भीम धाम मंदिर कुरुक्षेत्र के ज्योतिसर में बनने जा रहा है.
आपके शहर से (कुरुक्षेत्र)
नवग्रह खिड़कियों द्वारा होंगे श्री कृष्ण के दर्शन
इसके अलावा यहां श्रीराम, श्री कृष्ण और तिरुपति बालाजी का मंदिर भी बनाया जाएगा. ख़ास बात यह होगी कि श्रीकृष्ण मंदिर में भगवान कृष्ण के दर्शन दरवाजे से नहीं होंगे, बल्कि नवग्रह खिड़कियों द्वारा कराए जाएंगे. ठीक उसी प्रकार जिस प्रकार कर्नाटक के उडुपी शहर में कन्हैया के दर्शन के लिए नवग्रह खिड़कियों का इस्तेमाल किया जाता है.
इसलिए बनेगी नवग्रह खिड़की
मान्यता है कि भगवान कृष्ण के एक अनन्य भक्त थे कनकदास, लेकिन किन्हीं कारणों से उन्हें मंदिर के अंदर घुसने नहीं दिया जाता था. भक्त ने श्रीकृष्ण से दर्शन देने की अभिलाषा जताई तो श्रीकृष्ण ने अपने भक्त का मान रखते हुए उन्हें अपने दर्शन देने का अनोखा रास्ता खोज निकाला. उन्होंने पहले से स्थापित उस मंदिर के पीछे एक नवग्रहों की एक खिड़की बना दी. भक्त कनकदास ने मंदिर की उसी खिड़की से श्री कृष्ण के दर्शन किए और तभी से यह परंपरा उडुपी मंदिर में चली आ रही है. आज भी भक्त उसी खिड़की से श्री कृष्ण के दर्शन करते हैं.
मंदिर निर्माण में लग सकते हैं 3-4 साल
इस पूरे प्रोजेक्ट को बनने में लगभग तीन से चार साल का समय लग सकता है. भक्तजनों से एकत्रित किए गए चंदे का भी इस मंदिर को बनाने में अहम योगदान रहने वाला है. उडुपी के 800 साल पुराने माधवाचार्य पंथ के पलुमरि मठ द्वारा इसका निर्माण कराया जा रहा है.
एलएंडटी करेगी मूर्ति स्थापित
ब्लैक ग्रेनाइट से बनी भीम की 200 टन से ज्यादा की प्रतिमा तमिलनाडु के मूर्तिकार द्वारा तमिलनाडु में ही निर्मित की जाएगी. मूर्ति की संरचना की जिम्मेदारी देश की प्रतिष्ठित इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी एलएंडटी के हाथों में है. इसे स्थापित करने का भी जिम्मा एलएंडटी के पास ही है.
कई मठों की भी स्थापना
महाभारत में पवन पुत्र भीम सिंह का अहम किरदार था, इसी कारण इस प्रतिमा की स्थापना के लिए धर्मस्थली कुरुक्षेत्र को चुना गया. इसके अलावा आंध्रप्रदेश के अविलंब मठ, पुत्रगढ़ मठ समेत 4-5 प्राचीन मठों की स्थापना भी यहां की जाएगी. इन मठों की श्रृंखला यूएस, यूके और सिडनी में भी है.
गीता रिसर्च सेंटर का निर्माण
फिलहाल ज्योतिसर में गीता भीम धाम तो बनेगा ही इसके अलावा यहां मेडिटेशन हॉल और म्यूजियम, गीता रिसर्च सेंटर का भी निर्माण किया जाएगा. उम्मीद जताई जा रही है कि पूरा प्रोजेक्ट अगले तीन-चार सालों में पूरा हो जाएगा.
विभिन्न राज्यों से बुलाए गए हैं कारीगर
इस दर्शनीय स्थलों को बनाने के लिए राजस्थान, तमिलनाडु, उड़ीसा और दक्षिण भारत से कारीगरों को बुलाया गया है. इन मंदिरों का बनाने का मुख्य उद्देश्य है कि आने वाली पीढ़ी को गीता और सनातन धर्म से अवगत करना है. जिस प्रकार दक्षिण भारत में हज़ारों साल पुराने मंदिर आज भी देखने को मिलते हैं, इसी प्रकार कुरुक्षेत्र में भी मंदिरों की श्रृंखला बनाने का उद्देश्य है.
.
Tags: Haryana news, Hindu Temple, Kurukshetra News, Local18
FIRST PUBLISHED : June 12, 2023, 16:42 IST