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संघर्ष के दौर में रेलवे स्टेशन और फुटपाथ पर गुजरती थीं मुशताक खान की रातें, ऐसे हाथ लगी पहली फिल्म

आज बॉलीवुड एक्टर मुशताक खान का जन्मदिन है। मुशताक खान को फैंस शायद नाम से न जान पाएं, लेकिन उन्हें देखते ही उनका काम उन्हें तुरंत याद हो आएगा। मुशताक के हिस्से भले ही फिल्मों में लीड रोल न आए हों, वह सपोर्टिंग एक्टर के रूप में जाने जाते हैं, लेकिन अपने किरदारों को वह पूरी संजीदगी के साथ अदा करना बखूबी जानते हैं। मुशताक बहुत कम उम्र में ही मनोरंजन जगत से जुड़ गए। रिपोर्ट्स के मुताबिक जब वे सातवीं में थे तो नाटकों में हिस्सा लेने लगे। इसके अलावा बचपन में उन्होंने रामलीला में काम किया। इसके बाद वह बड़ा एक्टर बनने का सपना लेकर मायानगरी चले आए। यहां उनके संघर्ष के दिन बहुत कठिन थे। आइए जानते हैं मुशताक खान के बारे में…. 

मुशताक खान का जन्म 31 दिसम्बर 1959 को बालाघाट मध्य प्रदेश में हुआ। मुशताक ने कम उम्र से ही लोगों का मनोरंजन करना शुरू कर दिया। बचपन में इन्हे जब रामलीला में काम करने का मौका मिलता तो ये पूरी जान लगा दिया करते। अपनी शानदार प्रस्तुति के लिए मुशताक की खूब तारीफ हुआ करती। सातवीं क्लास से ही मुशताक खान नाटको से जुड़ गए। फिर कॉलेज मे भी इन्होंने नाटको में काम किया। इनके काम से खुश होकर इन्हे आर्ट्स & कल्चर प्रोग्राम का सेकेट्री बना दिया गया।

मुशताक के अभिनय कौशल को देख इनके कुछ दोस्तों और शिक्षकों ने इन्हें मायानगरी जाकर किस्मत आजमाने की सलाह दी। दोस्तों ने कहा, ‘तुम जैसे अच्छे कलाकार को इस छोटी सी जगह में नहीं रहना चाहिए। बाहर निकलो, कुछ बड़ा करो।’ मुशताक ने जब अपने घर में इस बात का जिक्र किया तो सभी ने विरोध किया। मुशताक से फैमिली बिजनेस से जुड़ने को कहा गया। एक तरफ मुशताक की आंखों में एक्टर बनने के सपने थे, दूसरी तरफ परिवार के लोग विरोध में खड़े थे। हालांकि, इस दौरान मुशताक के बड़े भाई ने उनका भरपूर साथ दिया और घरवालों को मनाकर इन्हें मुंबई भेजने का इंतजाम करवा दिया।

मुंबई आगर मुशताक खान यहां की हकीकत से दो-चार हुए। रिपोर्ट्स के मुताबिक मायानगरी में मुशताक के पास रहने की कोई जगह नहीं थी तो वह रेलवे स्टेशन पर रात गुजारते और फुटपाथ पर सोते थे। इनके पास पैसे तो थे पर इतने नहीं कि रहना और खाना दोनों हो सके। महीनों इन्होंने इसी तरह गुजारे। इनका एक-एक दिन पहाड़ के समान गुजरता था। दिनभर मुश्ताक काम की तलाश में लोगों से मिलते, मगर सब किसी ना किसी बहाने से मना कर देते। जिन दोस्तों ने मुंबई आने की सलाह दी वे ही मजाक उड़ाने लगे। बाद में मुशताक खान थिएटर से जुड़ गए। वहीं एक दिन जब ये एक नाटक में काम कर रहे थे तो मशहूर फिल्म निर्माता इस्माइल श्रॉफ की नजर इन पर पड़ी। उन्हें इनका अभिनय पसन्द आया और इस तरह उन्होंने अपनी फिल्म ‘थोड़ी सी बेवफाई’ मे काम करने का ऑफर मुशताक को दिया। इस तरह मुशताक खान का फिल्मी सफर शुरू हुआ। 

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फिर एक दिन मुशताक खान की मुलाकात लेखक सलीम खान से हुई। सलीम खान ने इन्हे महेश भट्ट से मिलवाया और फिल्म ‘कब्जा’ मे कोई रोल देने को कहा। जब महेश ने मुशताक का काम देखा तो वो बेहद खश हुए और मुशताक को अपनी लगभग हर फिल्म मे रोल दिए। मुशताक खान ने ‘सड़क’, ‘दिल है कि मानता नहीं’, ‘साथी’, ‘आशिकी’, ‘जूनून’, ‘गुमराह’, ‘गोपी किशन’, राजा’, ‘वेलकम’, ‘गदर’, ‘क्रन्तिवीर’, ‘हम हैं राही प्यार के’, ‘नाराज’, ‘सर’ जैसी सैकड़ों फिल्मों में छोटे रोल किए। साथ ही इन्होंने कई टीवी शो में भी काम किया है। 

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