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जयराम रमेश का आरोप: BJP विचारक ने मुझसे कहा- नेहरू को बदनाम करना एक बात, पर हरि सिंह को ऊंचा दिखाना बेवकूफी

जयराम रमेश (फाइल)

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पूर्व प्रधानमंत्री जवारहर लाल नेहरू और जम्मू-कश्मीर पर टिप्पणी करने बाद से केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू लगाताार विवादों में हैं। इस बीच, रविवार कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने कहा कि इसको लेकर उन्होंने भाजपा के एक विचारक से बात की और उन्होंने (भाजपा नेता) कहा कि नेहरू को बदनाम किया जाना एक बात है, लेकिन तत्कालीन शासक हरि सिंह को परोपकारी नायक के रूप में पेश करना स्वार्थ सिद्ध करने जैसा है। 

रिजिजू ने कहा था कि नेहरू की ‘गलतियों’ में अनुच्छेद 370 लागू करना और पाकिस्तान के साथ पैदा हुए विवादों को संयुक्त राष्ट्र में ले जाना शामिल था। उन्होंने कहा था कि इन गलतियों ने देश के संसाधनों को खत्म कर दिया और आतंकवाद ने हजारों सैनिकों और नागरिकों की जान ले ली। 

रमेश ने ट्वीट कर कहा, मैंने आज सुबह भाजपा के एक विचारक से किरेन रिजिजू के बारे में बात की, जिनका ‘डिस्टोरियंस’ (तथ्यों को तोड़ने-मरोड़ने वाले) क्लब ने नया प्रवेश है। कांग्रेस नेता ने नाम लिए बिना कहा, उन्होंने (भाजपा के विचारक) मुझे ये संदेश भेजा- हैरान करने वाली बात यह है कि नेहरू को बदनाम किया जाना एक बात है, लेकिन हरि सिंह को ईमानदार और परोपकारी नायक के रूप में पेश किया जाना मूर्खतापूर्ण और स्वार्थ सिद्ध करने जैसा है।  

हरि सिंह, जम्मू और कश्मीर रियासत के अंतिम शासक थे। उन्होंने जम्मू-कश्मीर के भारत में विलय के दस्तावेज पर हस्ताक्षर किए थे। रिजिजू ने एक लेख में ‘पांच नेहरूवादी भूलों’ का हवाला देते हुए लेख लिखा था। इन पांच भूलों में जनमत संग्रह के विचार को आगे बढ़ाना, जम्मू-कश्मीर के विलय को अस्थायी करार देना शामिल है। 

केंद्रीय मंत्री रिजिजू ने हाल ही में जम्मू-कस्मीर के विलय का मुद्दा उठाते हुए कहा था कि भारत अभी भी नेहरू की मूर्खता की कीमत चुका रहा है, क्योंकि नेहरू ने हरि सिंह के विलय के अनुरोध को खारिज कर दिया और विशेष दर्जा देने पर जोर दिया।

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पूर्व प्रधानमंत्री जवारहर लाल नेहरू और जम्मू-कश्मीर पर टिप्पणी करने बाद से केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू लगाताार विवादों में हैं। इस बीच, रविवार कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने कहा कि इसको लेकर उन्होंने भाजपा के एक विचारक से बात की और उन्होंने (भाजपा नेता) कहा कि नेहरू को बदनाम किया जाना एक बात है, लेकिन तत्कालीन शासक हरि सिंह को परोपकारी नायक के रूप में पेश करना स्वार्थ सिद्ध करने जैसा है। 

रिजिजू ने कहा था कि नेहरू की ‘गलतियों’ में अनुच्छेद 370 लागू करना और पाकिस्तान के साथ पैदा हुए विवादों को संयुक्त राष्ट्र में ले जाना शामिल था। उन्होंने कहा था कि इन गलतियों ने देश के संसाधनों को खत्म कर दिया और आतंकवाद ने हजारों सैनिकों और नागरिकों की जान ले ली। 

रमेश ने ट्वीट कर कहा, मैंने आज सुबह भाजपा के एक विचारक से किरेन रिजिजू के बारे में बात की, जिनका ‘डिस्टोरियंस’ (तथ्यों को तोड़ने-मरोड़ने वाले) क्लब ने नया प्रवेश है। कांग्रेस नेता ने नाम लिए बिना कहा, उन्होंने (भाजपा के विचारक) मुझे ये संदेश भेजा- हैरान करने वाली बात यह है कि नेहरू को बदनाम किया जाना एक बात है, लेकिन हरि सिंह को ईमानदार और परोपकारी नायक के रूप में पेश किया जाना मूर्खतापूर्ण और स्वार्थ सिद्ध करने जैसा है।  

हरि सिंह, जम्मू और कश्मीर रियासत के अंतिम शासक थे। उन्होंने जम्मू-कश्मीर के भारत में विलय के दस्तावेज पर हस्ताक्षर किए थे। रिजिजू ने एक लेख में ‘पांच नेहरूवादी भूलों’ का हवाला देते हुए लेख लिखा था। इन पांच भूलों में जनमत संग्रह के विचार को आगे बढ़ाना, जम्मू-कश्मीर के विलय को अस्थायी करार देना शामिल है। 

केंद्रीय मंत्री रिजिजू ने हाल ही में जम्मू-कस्मीर के विलय का मुद्दा उठाते हुए कहा था कि भारत अभी भी नेहरू की मूर्खता की कीमत चुका रहा है, क्योंकि नेहरू ने हरि सिंह के विलय के अनुरोध को खारिज कर दिया और विशेष दर्जा देने पर जोर दिया।

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