Chhath Puja 2022 Day 3: कल डूबते सूर्य को दिया जाएगा अर्घ्य, जानें सूर्यास्त का समय और जल चढ़ाने की विधि
छठ पूजा का तीसरा दिन:संध्या अर्घ्य का महत्व
आज छठ महापर्व का तीसरा दिन है। आज के दिन छठी मइया की पूजा के लिए प्रसाद बनाया जाता है और शाम को सूर्यास्त के समय डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। लेकिन अर्घ्य देने से पूर्व घाट पर सायं काल में बांस की टोकरी में छठ पूजा में शामिल सभी पूजा सामग्री, फल और पकवान आदि को अर्घ्य के सूप में सजाया जाता है और इसके बाद अपने परिवार के साथ सूर्य को अर्घ्य देता हैं। अर्घ्य के समय सभी लोग पवित्र नदी या घाट के किनारे एकत्रित होकर सूर्य देव को जल अर्पित करते हैं और छठ के प्रसाद से भरे हुए सूप से छठी मइया की पूजा की जाती है।
छठ पूजा: संध्या अर्घ्य का समय
छठ पूजा का तीसरा दिन ( 30अक्तूबर 2022)
(संध्या अर्घ्य) सूर्यास्त का समय: सायं 5:38 पर
आपके शहर में सायंकालीन अर्घ्य का मुहूर्त
शहर | संध्या अर्घ्य का समय |
दिल्ली | सायं 05:38 मिनट पर |
कोलकाता | सायं 05:00 बजे |
मुंबई | सायं 06:06 मिनट पर |
चेन्नई | सायं 05 :43 मिनट पर |
पटना | सायं 05: 10 मिनट पर |
रांची | सायं 05:12 मिनट पर |
लखनऊ | सायं 05:25 मिनट पर |
जयपुर | सायं 05:46 मिनट पर |
भोपाल | सायं 05:43 मिनट पर |
रायपुर | सायं 05:29 मिनट पर |
देहरादून | सायं 05: 32 मिनट पर |
नोएडा | सायं 05: 37 मिनट पर |
वाराणसी | सायं 05:19 मिनट पर |
सूर्य देव को अर्घ्य देने की विधि
- छठ पूजा में सूर्यदेव और छठी मइया की पूजा की जाती है।
- षष्ठी तिथि पर सभी पूजन सामग्री को बांस के डाले और सूप में रख लें।
- अब डाला लेकर नदी, तालाब या किसी घाट पर जाएं।
- इसके बाद नदी, तालाब, घाट या किसी जल में प्रवेश करके मन ही मन सूर्य देव और छठी मैया को प्रणाम करें।
- अब ढलते हुए सूर्य को अर्घ्य दें।
- सूर्य को अर्घ्य देते समय “एहि सूर्य सहस्त्रांशो तेजोराशे जगत्पते, अनुकम्पय मां देवी गृहाणार्घ्यं दिवाकर” मंत्र का उच्चारण करें।