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महिलाओं के लिए अच्छी खबर: हरियाणा के सुनील जागलान ने छेड़ी ऐसी मुहिम, घर-घर लग रहे ‘गाली बंद’ के चार्ट

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घर हो या बाहर जाने-अनजाने लोग आमतौर पर अपशब्दों का प्रयोग कर ही देते हैं। इनमें से अधिकांश अपशब्द नारी केंद्रित होते हैं। नारी के प्रति सम्मान का भाव जगाने के लिए ‘सेल्फी विद डॉटर फाउंडेशन’ ने मेरठ शहर में अभियान छेड़ दिया है। अब तक 180 घरों में चार्ट लगाया गया है। इस चार्ट में घर के सदस्यों द्वारा प्रयुक्त गालियों का ब्योरा होगा।

फाउंडेशन के निदेशक और हरियाणा निवासी सुनील जागलान बताते हैं कि आमतौर पर हमारी किसी से बहस हो जाए या गुस्सा आ जाए तो हम आपा खो देते हैं। ऐसे में महिला केंद्रित गालियों का प्रयोग करते हैं। घरेलू हिंसा की पहली नींव ये अपशब्द ही होते हैं। मेरठ में घर-घर चार्ट लगाने का असर ये हुआ है कि पुरुष सदस्य शब्दों के प्रयोग से पूर्व ज्यादा सचेत हो रहे हैं। घर में लगे चार्ट में अपशब्द प्रयोग करने वाले सदस्य का नाम और गालियों की संख्या रोज दर्ज होती है। दो हफ्ते बाद इसका रिपोर्ट कार्ड तैयार किया जाएगा।

चार्ट में महिला शक्तियों की तस्वीरें
महिला सम्मान को समर्पित इस अभियान में प्रत्येक धर्म की महिला शक्तियों को दर्शाया गया है। समाजसेवी सुनील जागलान महिला सशक्तिकरण को समर्पित अभियानों से जाने जाते हैं।

यह भी पढ़ें: सदमे में बैंक मैनेजर: पुलिस को मिले अहम सबूत, सगे देवर से चल रही पूछताछ, जल्द खुलेगा डबल मर्डर का राज

होने लगा सकारात्मक बदलाव
अब्दुल्लापुर निवासी अलफिशां बताती हैं कि घर के पुरुष सदस्यों पर इसका सकारात्मक असर हुआ है और उनमें बदलाव दिखाई दे रहा है। हाशिमपुरा निवासी जुबैर कहते हैं कि महिलाओं के संबंध में जाने-अनजाने अपशब्द कहे जाते हैं। मुझे खुद भी पता नहीं चलता था कि कब मैं इसका शिकार हो गया। मैंने घर पर चार्ट लगाया है और खुद में बदलाव महसूस किया है।

यह भी पढ़ें: बड़ी वारदात: डबल मर्डर की लखनऊ तक गूंज, शिखा के पिता ने SSP को बताए पांच नाम, हस्तिनापुर में ADG-IG का डेरा

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घर हो या बाहर जाने-अनजाने लोग आमतौर पर अपशब्दों का प्रयोग कर ही देते हैं। इनमें से अधिकांश अपशब्द नारी केंद्रित होते हैं। नारी के प्रति सम्मान का भाव जगाने के लिए ‘सेल्फी विद डॉटर फाउंडेशन’ ने मेरठ शहर में अभियान छेड़ दिया है। अब तक 180 घरों में चार्ट लगाया गया है। इस चार्ट में घर के सदस्यों द्वारा प्रयुक्त गालियों का ब्योरा होगा।

फाउंडेशन के निदेशक और हरियाणा निवासी सुनील जागलान बताते हैं कि आमतौर पर हमारी किसी से बहस हो जाए या गुस्सा आ जाए तो हम आपा खो देते हैं। ऐसे में महिला केंद्रित गालियों का प्रयोग करते हैं। घरेलू हिंसा की पहली नींव ये अपशब्द ही होते हैं। मेरठ में घर-घर चार्ट लगाने का असर ये हुआ है कि पुरुष सदस्य शब्दों के प्रयोग से पूर्व ज्यादा सचेत हो रहे हैं। घर में लगे चार्ट में अपशब्द प्रयोग करने वाले सदस्य का नाम और गालियों की संख्या रोज दर्ज होती है। दो हफ्ते बाद इसका रिपोर्ट कार्ड तैयार किया जाएगा।

चार्ट में महिला शक्तियों की तस्वीरें

महिला सम्मान को समर्पित इस अभियान में प्रत्येक धर्म की महिला शक्तियों को दर्शाया गया है। समाजसेवी सुनील जागलान महिला सशक्तिकरण को समर्पित अभियानों से जाने जाते हैं।

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होने लगा सकारात्मक बदलाव

अब्दुल्लापुर निवासी अलफिशां बताती हैं कि घर के पुरुष सदस्यों पर इसका सकारात्मक असर हुआ है और उनमें बदलाव दिखाई दे रहा है। हाशिमपुरा निवासी जुबैर कहते हैं कि महिलाओं के संबंध में जाने-अनजाने अपशब्द कहे जाते हैं। मुझे खुद भी पता नहीं चलता था कि कब मैं इसका शिकार हो गया। मैंने घर पर चार्ट लगाया है और खुद में बदलाव महसूस किया है।

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