मंगलवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में शहरी विकास प्रोत्साहन योजना के तहत राज्य के सात प्राधिकरणों को एक हजार करोड़ रुपये की सीड कैपिटल देने का निर्णय किया गया है। योजना के तहत प्राधिकरणों को भूमि अर्जन के लिए आने वाले खर्च के 50 प्रतिशत तक राज्य सरकार द्वारा सहायता दी जाएगी।
इस निर्णय के अनुसार, मुख्यमंत्री के गृह जिले गोरखपुर विकास प्राधिकरण को सर्वाधिक 400 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है, जबकि अलीगढ़ और आगरा विकास प्राधिकरण को 150 करोड़ रुपये एक-एक करोड़ का आवंटन किया गया है। बुलंदशहर और बरेली विकास प्राधिकरण को भी 100 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है। इसके अलावा, झांसी को 90 करोड़ और चित्रकूट विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण को 10 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है।
पिछले वर्ष प्रारंभिक वित्तीय वर्ष में इस योजना के लिए चार हजार करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई थी, लेकिन दिशा-निर्देश न तय होने के कारण इसमें से एक हजार करोड़ रुपये को लखनऊ विकास प्राधिकरण के खाते में रख दिया गया था। अप्रैल के महीने में योजना संबंधी दिशा-निर्देश जारी होने के बाद, अब एक हजार करोड़ रुपये को सात विकास प्राधिकरणों को दिए जाने का फैसला किया गया है।
यह योजना नगरीय क्षेत्रों के सुनियोजित और सुव्यवस्थित विकास के साथ-साथ नगरीय जनसंख्या को आवासीय सुविधा उपलब्ध कराने के लिए शुरू की गई है। इससे प्राधिकरणों को टाउनशिप विकसित करने के लिए भूमि का अर्जन करने के लिए पर्याप्त धनराशि मिलेगी, जिनके पास यह संसाधन पहले नहीं था।