भोपाल17 मिनट पहले
सतपुड़ा भवन के अंदर की पहली तस्वीर
सतपुड़ा बिल्डिंग में लगी आग बुझ गई। अब आरोपों की लपटें तेज हैं। स्वास्थ्य विभाग में ईओडल्ब्यू-लोकायुक्त से जुड़ी जांच की फाइलों के साथ 40 हजार फाइलें खाक हो गई हैं। इनमें बोरों में भरी उन फाइलों की कतरनें भी हैं, जिन्हें एक सप्ताह में मशीन से नष्ट किया गया है। जांच के बाद स्थिति साफ होगी कि गड़बड़ियों से जुड़े दस्तावेज तो राख में नहीं बदल गए। अफसर भी यह बात कर रहे हैं कि जो दस्तावेज जल गए हैं, उन्हें हाईकोर्ट में चल रहे केसों के ऑनलाइन सिस्टम से लिया जाएगा। बाकी ईओडब्ल्यू और लोकायुक्त में चल रहे प्रकरणों से री-क्रिएट कर लिया जाएगा।
बुधवार को सतपुड़ा भवन जाने वाले कर्मचारियों की छुट्टी घोषित कर दी गई है। डायरेक्टोरेट सेवाएं जेपी अस्पताल शिफ्ट की जा सकती हैं। NHM, हेल्थ कॉर्पोरेशन, भोपाल CMHO सेे भी कर्मचारी काम कर सकते हैं। स्वास्थ्य विभाग ने पांच सदस्यीय इंटरनल कमेटी भी बनाई है जो फाइलों के साथ कंप्यूटरों में नष्ट हुए डाटा का आंकलन करेगी। विपक्ष का आरोप है कि आग में नर्सिंग घोटाले और आयुष्मान गड़बड़ी से जुड़ी फाइलें जला दी गई। वहीं अफसरों का दावा है कि ये फाइलें दूसरे ऑफिस में सुरक्षित हैं। शेष | पेज 12 पर
जबकि आरोप लग रहें है कि आयुष्मान योजना की गड़बड़ी से जुड़ी फाइलें स्वास्थ्य विभाग के इसी दफ्तर में थी। दूसरी तरफ गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. राजेश राजौरा की जांच कमेटी मंगलवार को तीन बार घटनास्थल पर पहुंची। दोपहर 1 बजे के बाद कमेटी ने फारेंसिंक टीम के साथ तीनों फ्लोर का दो घंटे तक मुआयना किया। एफएसएल टीम ने नमूने लिए। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सुबह मामले का रिव्यू करने के बाद तीन दिन में जांच रिपोर्ट मांगी है।
20 लोगों के बयान आज दर्ज होंगे
पीडब्ल्यूडी की इलेक्ट्रिकल सेफ्टी टीम (ईएंडएम) और फोरेंसिक साइंस लैब के एक्सपर्ट ने मौके पर जांचकर सैंपल लिए। कर्मचारियों-अधिकारियों के बयान दर्ज किए हैं। बुधवार को फिर एक बार निरीक्षण होगा, क्योंकि कई जगह धुआं निकलना जारी था। बिल्डिंग का तापमान भी बढ़ा हुआ था। अंधेरे के कारण टार्च भी खरीद कर तुरंत बुलाई गई। करीब 20 और लोगों के बयान बुधवार और गुरुवार को दर्ज किए जाएंगे।
सरकार की शुरुआती जांच – आग लगते ही सूचना दे देते तो नहीं होती इतनी बड़ी तबाही
शुरुआती पड़ताल में जांच कमेटी के सामने आया है कि तीसरी मंजिल पर स्थित जनजातीय क्षेत्रीय विकास योजना (टीएडीपी) के असिस्टेंट कमिश्नर वीरेंद्र सिंह के कक्ष से आग फैलने की खबर मिली। सोमवार को वे छुट्टी पर थे। टीएडीपी में डायरेक्टर सोनिया मीणा और वीरेंद्र के कक्ष में एसी लगा था। सोनिया उस दिन वल्लभ भवन में थीं। धुआं निकलने पर वीरेंद्र का कक्ष खोला गया, इसमें सोफा जलता मिला।
पहले स्टाफ ने फायर एक्सटिंगुइश से आग बुझाने की कोशिश की, तब तक लपटें चौथी मंजिल में स्वास्थ्य विभाग तक पहुंच गईं। आग दोपहर 3:35 बजे लगी। फायर ब्रिगेड 45 से 50 मिनट लेट पहुंची। पहले दो गाड़ियां आईं तो उनका पानी खत्म हो गया। आग नहीं बुझी। इसी कारण आग विकराल होती चली गई। -भोपाल फ्रंट पेज भी पढ़ें
भास्कर एक्सपर्ट- लगातार 16 घंटे की आग में पिलर के सरिए पिघल गए होंगे, 41 साल पुरानी बिल्डिंग में काम करना खतरनाक… नई बनानी होगी
सतपुड़ा बिल्डिंग 41 साल पुरानी है और यहां 16 घंटे लगातार आग रही। पिलर और बीम में मौजूद लोहा आग के टेंपरेचर के कारण पिघल गया होगा। अब यह पिलर और बीम बिल्डिंग का लोड लेने लायक नहीं बचे होंगे। स्ट्रक्चर कितना कमजोर हो चुका है, इसका आकलन स्ट्रक्चर हेल्थ असेसमेंट से कराया जाना चाहिए। इसमें बिल्डिंग के पिलर, बीम सहित पूरे स्ट्रक्चर की स्ट्रेंथ टेस्ट की जाती है। इसके आधार पर यह अनुमान लगाया जाता है कि बिल्डिंग की उम्र कितने साल बची है और इसमें क्या सुधार करके इसकी उम्र को बढ़ाया जा सकता है। इसके आधार पर ही अगला निर्णय लेना चाहिए। हमारा अनुभव कहता है कि अब इस बिल्डिंग को नए सिरे से बनाना ही ठीक है।
-एमएस श्रोती, स्ट्रक्चर कंसल्टेंट
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