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छेड़छाड़ वाले प्रोफेसर की 5 महीने में भी जांच अधूरी: आरोपी प्रोफेसर को अकादमिक कार्य से दूर किया, डायरेक्टर बोले- चेयरमैन को ही एक्शन लेने का अधिकार

इंदौरएक घंटा पहले

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श्रीगोविन्दराम सेकसरिया प्रौद्योगिकी एवं विज्ञान संस्थान (SGSITS) के प्रोफेसर पर एक छात्रा ने पिछले दिनों छेड़छाड़ का आरोप लगाया था। छात्रा की शिकायत पर पुलिस ने जहां केस दर्ज कर लिया था। वहीं प्रोफेसर के खिलाफ डिपार्टमेंटल इन्क्वायरी चल रही है। घटना के 5 महीने बाद भी डिपार्टमेंटल जांच ही पूरी नहीं हो सकी है। SGSITS के निदेशक का कहना है कि जल्द ही चेयरमैन को रिपोर्ट सौंप दी जाएगी। एक्शन लेने का अधिकार उन्हें ही है।

तुकोगंज पुलिस को SGSITS कॉलेज में पढ़ने वाली 24 वर्षीय छात्रा ने जनवरी में शिकायत की थी। पीड़ित छात्रा अपने परिजनों के साथ पुलिस थाने पहुंची थी। उसने कॉलेज के प्रोफेसर आरएस गामड़ के खिलाफ अश्लील हरकतें करने और छेड़खानी का मामला दर्ज करवाया था। आरोपी प्रोफेसर गामड़ SGSITS में इलेक्ट्रॉनिक्स कम्युनिकेशन विभाग में पदस्थ हैं।

पीड़ित छात्रा ने पुलिस को बताया था कि वो क्लास करने कॉलेज गई थी। क्लास खत्म होने के बाद सभी स्टूडेंट्स हॉल से बाहर चले गए, लेकिन तबीयत खराब होने के कारण वो क्लास से बाहर नहीं जाते हुए, थोड़ी देर रूक गई।

इसी दौरान आरोपी प्रोफेसर ने हालचाल जानने के बहाने पीड़िता का हाथ पकड़कर उसके साथ अश्लील हरकत की। पीड़ित छात्रा प्रोफेसर की हरकतों से डर गई, जिसके बाद वह किसी तरह भाग कर घर पहुंची। छात्रा ने परिजनों को आपबीती सुनाई, जिसके बाद परिजनों के साथ थाने पहुंचकर रिपोर्ट दर्ज करवाई।

प्रोफेसर आरएस गामड़। जिन पर छात्रा ने छेड़छाड़ के आरोप लगाए हैं।

पीड़ित छात्रा की शिकायत पर पुलिस ने आरोपी प्रोफेसर आरएस गामड़ पर आईपीसी की धारा 354 के तहत मामला दर्ज किया था। आरोपी प्रोफेसर को गिरफ्तार भी कर लिया गया था। कॉलेज में प्रोफेसर गामड़ को अकादमिक कार्य से पूरी तरह से मुक्त कर रखा है। वो कॉलेज तो आते हैं लेकिन साइन कर वापस चले जाते हैं। उनके खिलाफ चल रही डिपार्टमेंटल जांच अभी पूरी नहीं हुई है।

SGSITS के निदेशक डॉ.राकेश सक्सेना।

SGSITS के निदेशक डॉ.राकेश सक्सेना का कहना है कि मामले में एफआईआर दर्ज हो गई थी। तब हमारी तरफ से तुरंत पीएस को इन्फॉर्म कर दिया था। प्रो.आरएस गामड़ को क्लासेस से दूर कर दिया है। एआईसीटीई नॉम्स के अनुसार एक कमेटी होती है, वो बैठी थी, उन्होंने अपना निर्णय दे दिया है। वो हमने अपने चेयरमैन को भेज दिया है। एक डिपार्टमेंटल कमेटी होती है, वो इन्क्वॉयरी भी जरूरी होती है। उसकी जांच रिपोर्ट भी चेयरमैन को भेजी जाती है। क्लास वन गजेटेड ऑफिसर होने के कारण इनके ऊपर एक्शन लेने का अधिकार हमारे चेयरमैन को होता है। 15 जून तक प्रो.गामड़ के खिलाफ एक्शन ले लेंगे, ऐसी उम्मीद है।

तुकोगंज थाने में छात्रा ने प्रोफेसर आरएस गामड़ के खिलाफ केस दर्ज करवाया है।

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dp

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