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जल की रानी ग्रामीणों को बना रही रोजगार का राजा, नीली क्रांति की दिखी आहट

वेद प्रकाश/ऊधम सिंह नगर: किसानों की आय में बढ़ोत्तरी के लिए जिला मत्स्य पालन विभाग द्वारा छोटे किसानों को मछली पालन की ट्रेनिंग दी गई. पिछले दो साल में जिले में 195 तालाबों का निर्माण कराया गया है . इसके साथ ही किसानों को बत्तख पालन और तालाब किनारे केले की खेती के गुण भी सिखाएं जा रहे हैं. ताकि छोटे किसानों को अधिक लाभ मिल सके. जिला मत्स्य पालन विभाग द्वारा किसानों को मछली पालन की तरफ आकर्षित करने के लिए सरकार द्वारा चलाई जा रही है. साथ ही सब्सिडी का लाभ दिया जा रहा है। मछली के बच्चों की खरीद में आने वाले खर्च को कम करने के लिए सितारगंज विकासखंड में एक्वा पार्क बनाया जा रहा है.

ऊधम सिंह नगर जिले में छोटे किसानों की आय में बढ़ोत्तरी के लिए जिला मत्स्य पालन विभाग के अधिकारी संजय छिमवाल के नेतृत्व में केंद्र और राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही, योजनाओं के अन्तर्गत 195 तालाबों का निर्माण कराया गया. इससे पूर्व किसानों को मछली पालन से जुड़ी ट्रेनिंग विभागीय खर्च पर पंतनगर विवि और अपने परिक्षेत्र से दिलाई गई. ताकि छोटे किसानों सफल मछली पालन कर अपने आय और जिलें में मछली के उत्पादन में वृद्धि हो सकें.

पंतनगर विवि में दी जाती है मछली पालन की ट्रेनिंग
न्यूज 18 लोकल से बातचीत करते हुए मत्स्य पालन विभाग के प्रभारी संजय छिमवाल ने बताया कि केंद्र और प्रदेश सरकार द्वारा किसानों की आय में वृद्धि करने के लिए किसानों को मछली पालन से जोड़कर सब्सिडी उपलब्ध कराई जा रही है. उन्होंने कहा कि जो किसान मछली पालन करने के इच्छुक हैं उन्हें पंतनगर विवि और हमारे परिक्षेत्र में विभागीय बजट से ट्रेनिंग दी जाती है.

40 हजार क्विंटल हुआ मछली उत्पादन
संजय छिमवाल ने बताया कि पिछले दो वर्षों में 120 छोटे किसानों के उनके खेत में तालाब बनवाकर मछली पालन से जोड़ा गया जबकि जिले में पिछले 2 वर्षों में केंद्र और राज्य सरकार द्वारा 75 तालाबों का निर्माण कराया गया ताकि जिले में मछली उत्पादन को बढ़ाया जा सके. उन्होंने कहा कि 2022-23 में जिले का मछली उत्पादन 40 हजार कुंटल तक पहुंच गया है जोकि हमारे लिए काफी खुशी की बात है. और अब मछली पालन के साथ साथ बत्तख पालन और तालाब किनारे केले की खेती कराई जाएगी, जिससे की किसानों की आय में बढ़ोत्तरी हो.

सितारगंज में हेचरी का होगा निर्माण
संजय छिमवाल ने बताया कि जिले के डामों में रोहू, नैन, कतला, सिल्वर, कॉमन, ग्रास, की हेचरी बनाकर बच्चों का उत्पादन किया जा रहा है. जबकि केंद्र सरकार द्वारा 2023-24 के एक्वा पार्क की सितारगंज विकासखंड में स्वीकृति मिली है. जहां पंगेसियास , गोल्डफिश, सिलपिया और अन्य प्रमुख मछलियों की हेचरी तैयार की जाएगी. उन्होंने कहा कि एक्वा पार्क का काम पूरा होने के जब मछली के बच्चे तैयार होने लगेंगे. किसानों को दूर दूर से बच्चे नहीं मांगवाने पड़ेंगे. जिससे किसानों का नुकसान और खर्च काफी कम हो जाएगा.और किसानों की आय में बढ़ोत्तरी होगी.

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dp

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