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ओडिशा ट्रेन हादसे से सबक! रेलवे करने जा रहा है कई बदलाव, लिया यह बड़ा फैसला

हाइलाइट्स

ओडिशा ट्रेन हादसे से सबक लेते हुए रेलवे अपने कार्यप्रणाली में बदलाव करने जा रहा है.
रेलवे ने कर्मचारियों को रखरखाव में शॉर्टकट नहीं लेने के लिए संवेदनशील बनाने की बात कही है.

नई दिल्ली: ओडिशा ट्रेन हादसे (Odisha Train Accident) के बाद रेलवे के कार्यप्रणाली पर सवाल खड़ा हो रहा है. इस बीच रेलवे ने हादसे से सबक लेते हुए अपने कार्यप्रणाली में कई बदलाव करने जा रहा है. सभी ‘लोकेशन बॉक्स’ में डबल-लॉक लगाना, रखरखाव कर्मचारियों को गलतियों को न छिपाने के लिए प्रोत्साहित करना, शॉर्टकट नहीं लेना. ये कुछ सिस्टम हैं जिन्हें रेलवे दुर्घटनाओं के विरुद्ध अपनी प्रणाली को सुस्पष्ट करने के उपायों के रूप में लागू करेगा.

इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार वर्तमान में, स्टेशनों पर केवल रिले रूम को डबल-लॉक तंत्र के साथ सुरक्षित किया जाता है, और सिग्नल मेंटेनर और स्टेशन मास्टर के पास एक-एक चाबी होती है. लोकेशन बॉक्स एक चाबी से खोले जाते हैं, जो सिग्नल मेंटेनर के पास होती है. सूत्रों ने बुधवार को कहा कि इससे होने वाली दुर्घटनाओं के कारण का संकेत क्या हो सकता है, इस पर विचार किया जा रहा है. हरी बत्ती के बावजूद कोरोमंडल एक्सप्रेस गलत तरीके से पूरी गति से लूप लाइन में प्रवेश करती है और खड़ी मालगाड़ी से टकरा जाती है. सूत्रों ने आगे बताया कि रेल मंत्रालय इस तरह के डबल-लॉक व्यवस्था के साथ लोकेशन बॉक्स को सुरक्षित करने की योजना को मजबूत कर रहा है.

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क्या होता है ‘लोकेशन बॉक्स’
रिपोर्ट में कहा गया है कि एक सिग्नलिंग तकनीशियन ने नियत प्रक्रिया को दरकिनार करते हुए आने वाली कोरोमंडल एक्सप्रेस के लिए ग्रीन सिग्नल प्राप्त करने के लिए बहनागा बाजार स्टेशन पर लोकेशन बॉक्स को ‘लूप’ किया था. लोकेशन बॉक्स आमतौर पर पटरियों के साथ रखा जाता है, साथ ही यह पॉइंट मोटर से कनेक्शन का एक जंक्शन रखता है (रेल का जंगम टुकड़ा जो दो अलग-अलग ट्रैक होने पर ट्रेन को उसके निर्दिष्ट ट्रैक पर भौतिक रूप से निर्देशित करता है). इसके साथ ही इससे सिग्नलिंग लाइट, ट्रैक-ऑक्यूपेंसी डिटेक्टर, और वस्तुतः हर महत्वपूर्ण टुकड़ा जो ‘ इंटरलॉकिंग’ का काम निर्बाध रूप से होता है.

पटरियों के किनारे ऐसे कई बॉक्स हैं, इसलिए नीति निर्माताओं के सामने एक समस्या यह है कि क्या स्टेशन मास्टर को इतनी सारी चाबियों के लिए जवाबदेह बनाना संभव है. जिसका मुख्य काम ट्रेन संचालन सुनिश्चित करना है. मंत्रालय के एक सूत्र ने कहा कि ‘तकनीक के युग में टू स्टेप ऑथेंटिकेशन के साथ एक इलेक्ट्रॉनिक लॉकिंग सिस्टम संभव है और इसके लिए वास्तव में दो भौतिक चाबियों की आवश्यकता नहीं होती है.’

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मंगलवार को ओडिशा से लौटे रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने रेलवे में महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे के मौजूदा सुरक्षा और सुरक्षा तंत्र को मजबूत करने वाले बदलाव लाने की योजना को मजबूत करने के लिए प्रमुख अधिकारियों के साथ विचार-विमर्श किया है. महाप्रबंधकों और मंडल रेल प्रबंधकों के साथ मंगलवार को हुई एक वर्चुअल बैठक में रेलवे बोर्ड के चेयरमैन एके लाहोटी ने कहा कि कर्मचारियों को रखरखाव में शॉर्टकट नहीं लेने के लिए संवेदनशील बनाया जाना चाहिए.

चलेगा 15 दिन का सुरक्षा अभियान
बैठक में भाग लेने वाले एक अधिकारी ने कहा ‘बैठक में यह भी बताया गया कि गलती कितनी भी छोटी क्यों न हो, जमीन पर मौजूद कर्मचारियों को फटकार के डर से इसे वरिष्ठों से छिपाने की जरूरत महसूस नहीं होनी चाहिए.’ बैठक के बाद बुधवार को जारी निर्देश में रेलवे ने विभाग प्रमुखों समेत सभी रैंक के अधिकारियों के लिए 15 दिन का सुरक्षा अभियान चलाने का आदेश दिया. निर्देश में कहा गया है कि ‘अधिकारियों को निरीक्षण के दौरान पर्याप्त समय देना चाहिए और यह एक उद्देश्यपूर्ण निरीक्षण होना चाहिए. गुणवत्ता रखरखाव कार्य करने के लिए कर्मचारियों की सलाह ली जानी चाहिए. अधिकारियों को प्रणालीगत मुद्दों का अच्छी तरह से विश्लेषण करना चाहिए.’

Tags: Indian railway, Odisha, Train accident


Source : https://hindi.news18.com/news/nation/odisha-train-accident-rigged-location-box-suspected-trigger-for-odisha-mishap-rlys-plans-double-lock-on-them-6450637.html

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