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Covid in China: चीन के अंदरूनी मंगोलिया इलाके में जन्मा है बीएफ.7, अब दूसरे शहरों में बीए.5.2 वैरिएंट फैल रहा


चीन में कोरोना
– फोटो : पीटीआई

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कोरोना संक्रमण को लेकर डाटा साझा करने के लिए बने अंतरराष्ट्रीय बोर्ड जीआईएसएआईडी ने भारत सहित दुनिया के सभी सदस्य देशों को सतर्क किया है। बोर्ड ने शुक्रवार को अपने सदस्य देशों को जानकारी दी कि चीन के बीजिंग और फुजियान में कोरोना के जिस बीएफ.7 स्वरूप का प्रसार सबसे अधिक बताया जा रहा है, उसका जन्म संभावित रूप से अंदरूनी मंगोलिया में हुआ है। वहीं, चीन के दूसरे शहरों में फिलहाल बीए.5.2 वैरिएंट तेजी से फैल रहा है। इसे ओमिक्रॉन का उप वैरिएंट माना जा रहा है। दुनिया में कोरोना वायरस के जीनोम सीक्वेंस को लेकर यह बोर्ड जनवरी 2020 में सक्रिय हुआ था। अब तक यहां 1.44 करोड़ से भी अधिक सीक्वेंस मौजूद हैं।

जीआईएसएआईडी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि उनके पास मौजूदा 1.44 करोड़ सीक्वेंस से जब चीन के जीनोम सीक्वेंस की तुलना की तो पता चला कि इस साल जुलाई से दिसंबर माह के बीच दुनिया के विभिन्न हिस्सों में देखे जाने वाले और विश्व स्तर पर प्रसारित कोरोना वायरस के स्वरूप मिलते-जुलते हैं। ऐसे में सभी देशों को सलाह है कि वे कोविड सतर्कता पर अधिक ध्यान दें। इन स्वरूपों का प्रसार रोकने के लिए अलग अलग मापदंडों पर सतर्कता बेहद जरूरी है।

चीन में अभी कोविड के कई स्वरूप सक्रिय
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के एक अधिकारी ने जीआईएसएआईडी के इस संदेश की पुष्टि करते हुए कहा है कि चीन के हालात ज्यादा स्पष्ट नहीं है। विश्व स्वास्थ्य संगठन से भी अधिक जानकारी नहीं मिल पा रही है। जीआईएसएआईडी की रिपोर्ट में प्रारंभिक तौर पर पता चल रहा है कि वहां कोविड के कई स्वरूप प्रभावी हैं।

 

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कोरोना संक्रमण को लेकर डाटा साझा करने के लिए बने अंतरराष्ट्रीय बोर्ड जीआईएसएआईडी ने भारत सहित दुनिया के सभी सदस्य देशों को सतर्क किया है। बोर्ड ने शुक्रवार को अपने सदस्य देशों को जानकारी दी कि चीन के बीजिंग और फुजियान में कोरोना के जिस बीएफ.7 स्वरूप का प्रसार सबसे अधिक बताया जा रहा है, उसका जन्म संभावित रूप से अंदरूनी मंगोलिया में हुआ है। वहीं, चीन के दूसरे शहरों में फिलहाल बीए.5.2 वैरिएंट तेजी से फैल रहा है। इसे ओमिक्रॉन का उप वैरिएंट माना जा रहा है। दुनिया में कोरोना वायरस के जीनोम सीक्वेंस को लेकर यह बोर्ड जनवरी 2020 में सक्रिय हुआ था। अब तक यहां 1.44 करोड़ से भी अधिक सीक्वेंस मौजूद हैं।

जीआईएसएआईडी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि उनके पास मौजूदा 1.44 करोड़ सीक्वेंस से जब चीन के जीनोम सीक्वेंस की तुलना की तो पता चला कि इस साल जुलाई से दिसंबर माह के बीच दुनिया के विभिन्न हिस्सों में देखे जाने वाले और विश्व स्तर पर प्रसारित कोरोना वायरस के स्वरूप मिलते-जुलते हैं। ऐसे में सभी देशों को सलाह है कि वे कोविड सतर्कता पर अधिक ध्यान दें। इन स्वरूपों का प्रसार रोकने के लिए अलग अलग मापदंडों पर सतर्कता बेहद जरूरी है।

चीन में अभी कोविड के कई स्वरूप सक्रिय

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के एक अधिकारी ने जीआईएसएआईडी के इस संदेश की पुष्टि करते हुए कहा है कि चीन के हालात ज्यादा स्पष्ट नहीं है। विश्व स्वास्थ्य संगठन से भी अधिक जानकारी नहीं मिल पा रही है। जीआईएसएआईडी की रिपोर्ट में प्रारंभिक तौर पर पता चल रहा है कि वहां कोविड के कई स्वरूप प्रभावी हैं।

 

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