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Dilli ki Yogshala : जारी रहेगी दिल्ली की योगशाला, डीपीएसआरयू बोर्ड बैठक में विस्तार को मिली मंजूरी

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केजरीवाल सरकार का दिल्ली की योगशाला कार्यक्रम बिना रुके जारी रहने की संभावना है। दिल्ली फार्मास्युटिकल साइंसेज एंड रिसर्च यूनिवर्सिटी (डीपीएसआरयू) के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स ने शनिवार को हुई 29वीं बैठक में कार्यक्रम जारी रखने का निर्णय लिया है। बोर्ड ने दिल्ली की योगशाला की खूबियों का मूल्यांकन करने के बाद डीपीएसआर विश्वविद्यालय अधिनियम के तहत इस कार्यक्रम के विस्तार को मंजूरी दी। दिल्ली की योगशाला को आगे जारी रखने की सिफारिश को एलजी की अध्यक्षता वाली विश्वविद्यालय सामान्य परिषद के समक्ष रखा गया है।

दिल्ली फार्मास्युटिकल साइंसेज एंड रिसर्च यूनिवर्सिटी के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स की में सभी सदस्य मौजूद थे। सूत्रों का कहना है कि एजेंडा में ‘दिल्ली की योगशाला’ को विश्वविद्यालय के आउटरीच कार्यक्रम के तौर पर रखने पर विचार किया गया। गहन चर्चा के बाद सर्वसम्मति से कार्यक्रम को आगे बढ़ाने का फैसला ले लिया गया। सूत्रों के मुताबिक बोर्ड ने इस संबंध में तीन बड़े फैसले लिए हैं। 

इसके तहत शैक्षणिक कार्यक्रम (शिक्षण एवं अनुसंधान) पूर्व निर्धारित के अनुसार जारी रखने, जनहित में डीपीएसआर विश्वविद्यालय अधिनियम के तहत विस्तार और बोर्ड ऑफ गवर्नेंस की सिफारिशों को अनुसमर्थन के लिए सामान्य परिषद के समक्ष रखने पर सहमति बनी। दिल्ली की योगशाला कार्यक्रम के दो प्रमुख घटक हैं। सबसे पहले प्रशिक्षण जबकि दूसरा भाग आउटरीच कार्यक्रम है।

भाजपा के दबाव में जबरदस्ती की गई स्थगित
आरोप है कि भाजपा के दबाव में दिल्ली की योगशाला को अधिकारियों ने इसे जारी रखने के निर्णय को वापस ले लिया। भाजपा नेताओं ने अधिकारियों, खासतौर पर प्रशिक्षण और तकनीकी शिक्षा (टीटीई) के सचिव पर भाजपा नेताओं द्वारा इस कार्यक्रम को आगे ना बढ़ाने का दबाव डाला गया।

सिसोदिया ने एलजी से मांगी थी मंजूरी
सप्ताह की शुरुआत में दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने उपराज्यपाल से मुलाकात कर कार्यक्रम जारी रखने की मंजूरी मांगी थी। उन्होंने एलजी के साथ इसपर विस्तार से बात की कि दिल्ली की योगशाला के बारे में विस्तार से बताया। यह भी बताया कि नागरिकों के लिए वास्तव में यह कैसे फायदेमंद साबित होगी। उन्होंने एलजी से हाथ जोड़कर इस प्रस्ताव को मंजूरी देने का अनुरोध किया था। उनसे दिल्लीवासियों के स्वास्थ्य का संज्ञान लेने की अपील की थी।

पिछले साल कार्यक्रम की हुई थी शुरुआत
दिल्ली सरकार ने पिछले साल दिल्लीवासियों को स्वस्थ रखने के लिए इस कार्यक्रम की शुरुआत की थी। इसके तहत दिल्लीवासियों को निशुल्क योग सिखाया जाता है। इसके तहत प्रशिक्षित प्रशिक्षक लोगों को योग सिखाते हैं। दिल्ली सरकार योग और ध्यान को एक जन आंदोलन बनाना चाहती है। हर नागरिक तक पहुंचाने के लिए देश में यह अपनी तरह का पहला कार्यक्रम है।

कोविड के बाद की बीमारियों से लड़ने में हुआ फायदा
दिल्ली की योगशाला के तहत दिल्ली में 600 जगहों पर 17,000 से अधिक लोग मुफ्त योग कक्षाओं से लाभान्वित हो रहे हैं। इससे कोविड के बाद की बीमारियों से जूझ रहे करीब 11,000 लोगों को विभिन्न स्वास्थ्य संबंधपी समस्याओं से उबारने में मदद की। योगशाला के तहत कोरोना काल में ऑनलाइन योग कक्षाएं भी आयोजित की गई। होम आइसोलेशन में 4500 संक्रमितों को इसका फायदा उठाया। इनमें से 2,000 लोग ऐसे थे जिन्हें बहुत गंभीर समस्या थी। परियोजना पर किए गए सर्वेक्षणों ने शानदार परिणाम दिए हैं।

विस्तार

केजरीवाल सरकार का दिल्ली की योगशाला कार्यक्रम बिना रुके जारी रहने की संभावना है। दिल्ली फार्मास्युटिकल साइंसेज एंड रिसर्च यूनिवर्सिटी (डीपीएसआरयू) के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स ने शनिवार को हुई 29वीं बैठक में कार्यक्रम जारी रखने का निर्णय लिया है। बोर्ड ने दिल्ली की योगशाला की खूबियों का मूल्यांकन करने के बाद डीपीएसआर विश्वविद्यालय अधिनियम के तहत इस कार्यक्रम के विस्तार को मंजूरी दी। दिल्ली की योगशाला को आगे जारी रखने की सिफारिश को एलजी की अध्यक्षता वाली विश्वविद्यालय सामान्य परिषद के समक्ष रखा गया है।

दिल्ली फार्मास्युटिकल साइंसेज एंड रिसर्च यूनिवर्सिटी के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स की में सभी सदस्य मौजूद थे। सूत्रों का कहना है कि एजेंडा में ‘दिल्ली की योगशाला’ को विश्वविद्यालय के आउटरीच कार्यक्रम के तौर पर रखने पर विचार किया गया। गहन चर्चा के बाद सर्वसम्मति से कार्यक्रम को आगे बढ़ाने का फैसला ले लिया गया। सूत्रों के मुताबिक बोर्ड ने इस संबंध में तीन बड़े फैसले लिए हैं। 

इसके तहत शैक्षणिक कार्यक्रम (शिक्षण एवं अनुसंधान) पूर्व निर्धारित के अनुसार जारी रखने, जनहित में डीपीएसआर विश्वविद्यालय अधिनियम के तहत विस्तार और बोर्ड ऑफ गवर्नेंस की सिफारिशों को अनुसमर्थन के लिए सामान्य परिषद के समक्ष रखने पर सहमति बनी। दिल्ली की योगशाला कार्यक्रम के दो प्रमुख घटक हैं। सबसे पहले प्रशिक्षण जबकि दूसरा भाग आउटरीच कार्यक्रम है।

भाजपा के दबाव में जबरदस्ती की गई स्थगित

आरोप है कि भाजपा के दबाव में दिल्ली की योगशाला को अधिकारियों ने इसे जारी रखने के निर्णय को वापस ले लिया। भाजपा नेताओं ने अधिकारियों, खासतौर पर प्रशिक्षण और तकनीकी शिक्षा (टीटीई) के सचिव पर भाजपा नेताओं द्वारा इस कार्यक्रम को आगे ना बढ़ाने का दबाव डाला गया।

सिसोदिया ने एलजी से मांगी थी मंजूरी

सप्ताह की शुरुआत में दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने उपराज्यपाल से मुलाकात कर कार्यक्रम जारी रखने की मंजूरी मांगी थी। उन्होंने एलजी के साथ इसपर विस्तार से बात की कि दिल्ली की योगशाला के बारे में विस्तार से बताया। यह भी बताया कि नागरिकों के लिए वास्तव में यह कैसे फायदेमंद साबित होगी। उन्होंने एलजी से हाथ जोड़कर इस प्रस्ताव को मंजूरी देने का अनुरोध किया था। उनसे दिल्लीवासियों के स्वास्थ्य का संज्ञान लेने की अपील की थी।

पिछले साल कार्यक्रम की हुई थी शुरुआत

दिल्ली सरकार ने पिछले साल दिल्लीवासियों को स्वस्थ रखने के लिए इस कार्यक्रम की शुरुआत की थी। इसके तहत दिल्लीवासियों को निशुल्क योग सिखाया जाता है। इसके तहत प्रशिक्षित प्रशिक्षक लोगों को योग सिखाते हैं। दिल्ली सरकार योग और ध्यान को एक जन आंदोलन बनाना चाहती है। हर नागरिक तक पहुंचाने के लिए देश में यह अपनी तरह का पहला कार्यक्रम है।

कोविड के बाद की बीमारियों से लड़ने में हुआ फायदा

दिल्ली की योगशाला के तहत दिल्ली में 600 जगहों पर 17,000 से अधिक लोग मुफ्त योग कक्षाओं से लाभान्वित हो रहे हैं। इससे कोविड के बाद की बीमारियों से जूझ रहे करीब 11,000 लोगों को विभिन्न स्वास्थ्य संबंधपी समस्याओं से उबारने में मदद की। योगशाला के तहत कोरोना काल में ऑनलाइन योग कक्षाएं भी आयोजित की गई। होम आइसोलेशन में 4500 संक्रमितों को इसका फायदा उठाया। इनमें से 2,000 लोग ऐसे थे जिन्हें बहुत गंभीर समस्या थी। परियोजना पर किए गए सर्वेक्षणों ने शानदार परिणाम दिए हैं।

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