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OMG! भागलपुर की संध्या मिश्रा ने की 62 परिवारों के 121 सूप की अकेले पूजा, जानें क्‍यों?

रिपोर्ट: शिवम सिंह

भागलपुर. लोक आस्था का चार दिवसीय महापर्व छठ अब संपन्न होने को है. रविवार को व्रति महिलाओं ने अपने-अपने घाट पर अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया. घाटों पर छठी मैया के गीतों को गुनगुनाते हुए छठ व्रती आराधना करती दिखीं. भागलपुर जिले के तिलकामांझी सुरखीकल मिश्रा टोला की रहने वाली छठ व्रती महिला संध्या मिश्रा अकेले 62 परिवारों के 121 सूप की पूजा करती हैं. ये सूप उनके देशभर में रह रहे एक दर्जन से अधिक रिश्तेदारों के थे. दिनभर उन सूपों को पकवानों और फलों से सजाने के लिए संध्या मिश्रा के साथ कई अन्य महिलाएं भी जुटी हुई थीं. वे कहती हैं कि दो साल कोरोना और फिर खुद की बीमारी के बावजूद छठी मैया के आशीर्वाद से वह इस व्रत को पिछले 34 वर्षों से करती आ रही हैं.

संध्या मिश्रा बताती हैं कि बेंगलुरु, रांची, नागपुर, पटना, देवघर समेत देश के कई राज्यों में उनके रिश्तेदार हैं. उन लोगों की छठ वही करती हैं. इस बार ऐसे ही 62 परिवारों का 121 सूप पूजा के लिए था. उन्होंने बताया कि कोरोना काल में उनकी तबीयत खराब हो गई थी. फिर भी छठ पर्व का व्रत नहीं छोड़ा. वहीं, पिछले साल ऑपरेशन भी हुआ था, बावजूद इस बार भी मैंने छठ व्रत को किया. यह शक्ति सूर्य भगवान और छठी मैया के आशीर्वाद से ही आती है.

घर की महिलाएं करती हैं पकवान बनाने में मदद
एक ही घर में 62 परिवारों के 121 सूप को पकवान और फलों से सजाना भी बड़ा काम है. ऐसे में घर और आसपास की कई महिलाएं उन्हें इस काम में मदद करती हैं. निधि मिश्रा बताती हैं कि ठेकुआ और चावल के लड्डू छठ पर्व पर विशेष रूप से प्रसाद के तौर पर तैयार किए जाते हैं. यह प्रकृति से जुड़ा पर्व है. हरे बांस का बना सूप-डाला, मिट्टी का चूल्हा, आम की लकड़ी, कबरंगा, सुथनी जैसे कई ऐसे दुर्लभ चीज हैं जो हमें प्रकृति से जोड़ती हैं. हम लोगों का परिवार पूरे देश में फैला हुआ है, बावजूद आस्था व पवित्रता के महान पर्व छठ पर्व में सभी एक जगह एकत्रित होते हैं.

अस्ताचलगामी सूर्य को दिया पहला अर्घ्य
रविवार की शाम को जिले के सभी छठ घाटों पर व्रतियों ने अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया. इस दौरान छठी मैया से परिवार की समृद्धि, संतान की प्राप्ति और मंगल कामना की गई. भागलपुर के आसपास के सभी गंगा घाटों पर, तालाबों में तो कहीं गड्ढे बनाकर साथ ही साथ कई घरों की छत पर पानी जमाकर डूबते सूर्य को दूध व गंगाजल से अर्घ्य दिया गया. बूढ़ानाथ घाट, पुल घाट, खेड़ी घाट, सखीचंद घाट, खिरनी घाट, पीपली धाम घाट, नीलकोठी घाट, मुसहरी घाट पर हजारों छठव्रतियों के साथ उनके परिवार के लोग पहुंचे. हर गली- मोहल्ले में छठ गीत बज रहे थे. घाटों पर सुरक्षा को लेकर प्रशासन की ओर से पुख्ता इंतजाम किए गए थे. कई घाटों व चौक-चौराहों पर सीसीटीवी कैमरा लगाकर निगरानी की गई.

Tags: Bhagalpur news, Bihar Chhath Puja, Chhath Mahaparv

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