दिल्ली विश्वविद्यालय
– फोटो : फाइल फोटो
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डीयू के एसओएल ने पढ़ाई के स्वरुप को बदलने के लिए लर्निंग मैनेजमेंट सिस्टम की योजना तैयार की थी। अब आगामी 15 दिसंबर से शुरु होने वाले नए सत्र से इस सिस्टम को लागू किया जा रहा है।
कैंपस ऑफ ओपन लर्निंग की निदेशक डॉ पायल मागो ने बताया कि इस सिस्टम के तहत सबसे पहले छात्र लॉग इन करेेंगे। यहां उसे लिखित पाठ्य सामग्री मिल जाएगी। यदि वह ऑनलाइन पीडीएफ फॉर्मेट में सामग्री लेना चाहते हैं तो उसकी फीस में से चार सौ रुपये की कमी भी कर दी जाएगी। पहले की तरह छात्र को लिखित सामग्री हार्ड कॉपी के रूप में भी मिलती रहेगी। यह सामग्री कोर्स के मुताबिक ही उपलब्ध होगी।
डॉ मागो ने बताया कि इस साल के अंत तक दिसंबर मेंं सामग्री को ई-बुक्स व पॉडकॉस्ट में परिवर्तित कर दिया जाएगा। इससेे लाभ यह होगा कि यदि छात्र बुक्स को पढ़ना नहीं चाहते तो वह अपनी पढ़ाई सुन कर भी कर सकेंगे। जनवरी-फरवरी तक वीडियो फाइल बनकर तैयार हो जाएगी। बेस्ट शिक्षकों की रिकॉर्डिड कक्षाएं भी लर्निंंग मैनेजमेंट सिस्टम पर उपलब्ध करा दी जाएंगी।
इसके माध्यम से उनको वास्तविक कक्षा का अनुभव भी मिल सकेगा। इस मैनेजमेंट सिस्टम के तैयार होने पर प्रत्येक छात्र को एक यूजर आईडी व पॉसवर्ड दिया जाएगा। इसके माध्यम से वह सीधे हमसे जुड़ जाएगा। छात्र घर बैठे ही वीडियो लेक्चर भी देख व सुन भी सकेंगे।
दिल्ली विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ ओपन लर्निंग (एसओएल) में अब पाठ्य सामग्री भी ऑनलाइन मिलेगी। ऑनलाइन सामग्री लेने पर छात्र की फीस में से चार सौ रुपये की कटौती भी की जाएगी। इसके साथ ही इस साल के अंत में ई-बुक्स से पढ़़ाई की सुविधा भी मिलनी शुरु होगी। यह सब सुविधाएं एसओएल के लर्निग मैनेजमेंट सिस्टम के तहत मिलेंगी।
डीयू के एसओएल ने पढ़ाई के स्वरुप को बदलने के लिए लर्निंग मैनेजमेंट सिस्टम की योजना तैयार की थी। अब आगामी 15 दिसंबर से शुरु होने वाले नए सत्र से इस सिस्टम को लागू किया जा रहा है।
कैंपस ऑफ ओपन लर्निंग की निदेशक डॉ पायल मागो ने बताया कि इस सिस्टम के तहत सबसे पहले छात्र लॉग इन करेेंगे। यहां उसे लिखित पाठ्य सामग्री मिल जाएगी। यदि वह ऑनलाइन पीडीएफ फॉर्मेट में सामग्री लेना चाहते हैं तो उसकी फीस में से चार सौ रुपये की कमी भी कर दी जाएगी। पहले की तरह छात्र को लिखित सामग्री हार्ड कॉपी के रूप में भी मिलती रहेगी। यह सामग्री कोर्स के मुताबिक ही उपलब्ध होगी।
डॉ मागो ने बताया कि इस साल के अंत तक दिसंबर मेंं सामग्री को ई-बुक्स व पॉडकॉस्ट में परिवर्तित कर दिया जाएगा। इससेे लाभ यह होगा कि यदि छात्र बुक्स को पढ़ना नहीं चाहते तो वह अपनी पढ़ाई सुन कर भी कर सकेंगे। जनवरी-फरवरी तक वीडियो फाइल बनकर तैयार हो जाएगी। बेस्ट शिक्षकों की रिकॉर्डिड कक्षाएं भी लर्निंंग मैनेजमेंट सिस्टम पर उपलब्ध करा दी जाएंगी।
इसके माध्यम से उनको वास्तविक कक्षा का अनुभव भी मिल सकेगा। इस मैनेजमेंट सिस्टम के तैयार होने पर प्रत्येक छात्र को एक यूजर आईडी व पॉसवर्ड दिया जाएगा। इसके माध्यम से वह सीधे हमसे जुड़ जाएगा। छात्र घर बैठे ही वीडियो लेक्चर भी देख व सुन भी सकेंगे।
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