11:12 AM, 31-Aug-2022
Ganesh Chaturthi 2022
– फोटो : अमर उजाला
अब बस थोड़ी ही देर बाद भगवान गणेश की स्थापना और पूजा के लिए सबसे अच्छा मुहू्र्त आने वाला है। इस शुभ मुहूर्त में करें गणपति की स्थापना,पूजा और पाएं भगवान सिद्धिदाता से सुख-समृद्धि
गणेश स्थापना शुभ मुहू्र्त
पहला मुहूर्त: प्रात: 6:05 से 9:27 बजे तक
दूसरा मुहूर्त: प्रातः 10:30 से दोपहर 2:00 बजे तक
तृतीय मुहूर्त: दोपहर 3:30 से सायं 5 बजे तक
चतुर्थ मुहूर्त: सायं 6:00 से सेन 7:00 बजे तक
मध्याह्न काल मुहूर्त: प्रातः 11:20 से दोपहर 1:20 तक
अच्छा मुहूर्त- सुबह 11.20 से दोपहर 1.20 तक
11:00 AM, 31-Aug-2022
भगवान गणेश
सभी देवी-देवताओं में गणेशजी को बहुत अधिक कुशाग्र बुद्धि वाला माना गया है। गजाननजी की लम्बी सूंड महाबुद्धित्व का प्रतीक है लम्बी सूंड तीव्र सूंधने की क्षमता होती है। जिसका अर्थ है कि जो समझदार व्यक्ति है वह अपने आसपास के माहौल को पहले से ही सूंघ सकता है। गणेश जी की सूंड हमेशा हिलती-डुलती रहती है, जिसका तात्पर्य है कि मनुष्य को हमेशा सचेत रहना चाहिए।
10:19 AM, 31-Aug-2022
Ganesh Chaturthi 2022
– फोटो : अमर उजाला
आज देशभर में गणेशोत्सव की धूम है। भगवान गणेश के भक्त अपने घरों और सार्वजनिक जगहों पर गणेशजी की भव्य प्रतिमाएं स्थापित करके विधि-विधान से पूजा कर रहै हैं। गणेशोत्सव का पर्व 9 सितंबर तक चलेगा। ऐसे आने वाले 10 दिनों में भगवान गणेश की पूजा-अर्चना करते हुए भगवान गणपति से जीवन में सुख-समृद्धि और संपन्नता का आशीर्वाद प्राप्त करेंगे।
इस गणेशोत्सव पर कैसे करनी चाहिए भगवान गणेश की उपासना यहां पढ़ें पूरी पूजा विधि- (गणेश पूजा विधि)
10:17 AM, 31-Aug-2022
10:02 AM, 31-Aug-2022
09:57 AM, 31-Aug-2022
आज बप्पा घर-घर में विराजमान होंगे। भाद्रपद शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि पर भगवान गणेश का जन्मोत्सव मनाया जाता है। इस तिथि पर भगवान गणेश के भक्त अपने घरों और प्रतिष्ठानों में गणपति की मूर्ति की स्थापना करते हैं और अंनत चतुर्दशी पर उनका विसर्जन करते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं भगवान गणेश की स्थापना और विसर्जन क्यों करते हैं।
जानने के लिए यहां क्लिक करें- गणेश स्थापना और विसर्जन क्यों?
09:46 AM, 31-Aug-2022
Ganesh Chaturthi 2022
– फोटो : अमर उजाला
किसी भी शुभ कार्य जैसे धार्मिक और मांगलिक अनुष्ठान करने से पहले सबसे भगवान गणेश की पूजा अवश्य की जाती है। भगवान गणेश को मंगलकर्ता और विध्नहर्ता कहा जाता है। भगवान गणेश की पूजा और उनके बारे में कई पौराणिक कथाएं प्रचलित हैं। जैसे-
– सबसे पहले गणपति पूजन क्यों आवश्यक होता है?
– गणेश जी को दूर्वा क्यों चढ़ाते हैं?
– भगवान गणेश को तुलसी क्यों नहीं चढ़ाते हैं?
– भगवान गणेश को क्यों है सिद्धिदाता
– गणपति जी को मोदक क्यों पसंद हैं?
– गणेश जी का विशाल शरीरे लेकिन उनका वाहन छोटा चूहा क्यों?
– गणेश जी का एक दांत टूटा क्यों है?
इन सभी सवालों का यहां पाएं जवाब- (यहां पढ़े पूरी कहानी)
09:27 AM, 31-Aug-2022
Ganesh Chaturthi 2022
– फोटो : अमर उजाला
आज गजानन,विध्ननहर्ता और सिद्धि प्रदान करने वाले भगवान गणेश का जन्मोत्सव मनाया जा रहा है। गणेश ज्ञान और बुद्धि के ऐसे देवता हैं,जिनकी उपासना से जीवन में सुख-समृद्धि,सफलता,मान-सम्मान और ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है। आज से घरों और पंडालों में गणपति विराजमान होंगे। घर की किस तरह से गणपति की स्थापना की जाए ताकि ज्यादा से ज्यादा शुभ फल की प्राप्ति हो सके इसे जानने के लिए….. (यहां पढ़ें पूरी खबर)
09:10 AM, 31-Aug-2022
Happy Ganesh Chaturthi 2022 Wishes
– फोटो : istock
आज से भगवान गणेश की उपासना और साधना का महापर्व गणेशोत्सव प्रारंभ हो गया है। यह 09 सितंबर तक चलेगा। इस बार की भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की गणेश चतुर्थी बहुत ही खास और शुभ फल देने वाली है। 300 साल बाद गणेश चतुर्थी पर दुर्लभ संयोग बना रहा है। दरअसल इस बार गणेश चतुर्थी तिथि पर वही शुभ योग और संयोग बना हुआ है जो गणेशजी के जन्म के समय बना था। भगवान गणेश का जन्म बुधवार के दिन, चतुर्थी तिथि, चित्रा नक्षत्र और मध्याह्र काल में हुआ था। इसके अलावा 31 अगस्त से 9 सितंबर तक गणेश उत्सव के बीच कई शुभ और मंगलकारी शुभ योग बनेगा।
08:45 AM, 31-Aug-2022
गणेश चतुर्थी 2021 शुभकामना संदेश
– फोटो : Amar ujala
गणेश चतुर्थी वॉलपेपर और शुभकामना संदेश
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08:34 AM, 31-Aug-2022
गणेश चतुर्थी की शुभकामनाएं
– फोटो : amar ujala
08:24 AM, 31-Aug-2022
– फोटो : अमर उजाला
– धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भगवान गणेश की पूजा में तुलसी नहीं अर्पित करनी चाहिए।
– गणपति की पूजा में शंख से जल कभी नहीं चढ़ाना चाहिए।
– भगवान गणपति की पूजा बिना दूर्वा घास और मोदक के अधूरी मानी जाती है।
– भगवान गणेश के प्रिय फूल हैं- गेंदा, गुलाब, कनेर, चंपा, शमी, दूर्वा, धतूरा और बिल्व पत्र
– भगवान गणेश की पूजा के दौरान कभी काले रंग के वस्त्र नहीं पहनना चाहिए।
– जब भगवान गणेश की मूर्ति स्थापना हो जाए तो कभी इसे एक जगह से दूसरी जगह नहीं करना चाहिए।
08:07 AM, 31-Aug-2022
आज गणेश चतुर्थी पर भगवान गणेश की पूजा करने से पहले गणपति के मंत्र बोलें
वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ।
निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥
अर्थ- घुमावदार सूंड वाले,विशालकाय शरीर,करोड़ों सूर्य के समान कीर्ति और तेज वाले, मेरे भगवान गणेश हमेशा मेरे सारे कार्य बिना बाधा के पूरे करें।
एकदन्तं महाकायं लम्बोदरगजाननम्ं।
विघ्नशकरं देवं हेरम्बं प्रणमाम्यहम्॥
अर्थ- जिनके एक दांत और सुंदर मुख है, जो शरण में आए भक्तों की रक्षा और प्रणतजनों की पीड़ा को नाश करने वाले हैं, उन शुद्ध स्वरूप आप गणपित को कई बार प्रणाम है।
गजाननाय पूर्णाय साङ्ख्यरूपमयाय ते ।
विदेहेन च सर्वत्र संस्थिताय नमो नमः ॥
अर्थ- हे गणेश्वर ! आप गज के समान मुख धारण करने वाले, पूर्ण परमात्मा और ज्ञानस्वरूप हैं । आप निराकार रूप से सर्वत्र विद्यमान हैं, आपको बारम्बार नमस्कार है ।
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