Breaking News

आर्टिस्ट का धड़ अलग, हाथ पर रखा दिखा सिर: ओडिसी डांस में दिखाए मां काली के स्वरूप, नाटक के कलाकार बोले मोबाइल ल बंद करव…

रायपुरएक घंटा पहले

  • कॉपी लिंक
मंच पर शानदार परफॉर्मेंस देते आर्टिस्ट। - Dainik Bhaskar

मंच पर शानदार परफॉर्मेंस देते आर्टिस्ट।

रायपुर के रंग मंदिर में ओडिसी डांस परफॉर्मेंस के दौरान हैरान करने वाला मोमेंट दिखा। अचानक ही ऐसा पल आया जब लगा कि आर्टिस्ट का सिर धड़ से अलग हो गया। मगर ध्यान से देखने पर पता चला कि सामने खड़े आर्टिस्ट ने गर्दन पीछे की ओर छुपा ली और पीछे खड़े आर्टिस ने अपनी गर्दन बगल से दिखाई। दरअसल कलाकार मंच पर देवी काली के स्वरूप का संगीत के जरिए वर्णन करते हुए नृत्य कर रहे थे।

डांस में भारतीय संस्कृति की झलक दिखी।

डांस में भारतीय संस्कृति की झलक दिखी।

रायपुर में संगीत नाटक एकेडमी नई दिल्ली और भातखंडे ललित कला शिक्षण समिति की ओर से 12 से 15 जून तक कलोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। रंग मंदिर में इस दौरान अलग-अलग आर्टफॉर्म लोगों को देखने को मिलेंगी। सोमवार की शाम इसी के दौरान फीमेल आर्टिस्ट ने ओडिसी डांस की परफॉर्मेंस दी।

डांसर्स का ये ग्रुप कोलकाता से आया था।

डांसर्स का ये ग्रुप कोलकाता से आया था।

कार्यक्रम के पहले दिन कोलकाता से शिंजन नृत्यालय की 5 नृत्यांगनाओं ने ओडिसी नृत्य में वंदे-भारत और काली के रूप को दिखाया। वंदे मातरम् राष्ट्रीय गीत को ओडिसी नृत्य में पिरोकर शानदार ढंग से प्रस्तुत किया। तिरंगा भी बनाया। नर्तकों ने न केवल भारत की समृद्ध वनस्पतियों और जीवों को चित्रित किया, बल्कि हरियाली, सुखद जलवायु और विविधता में एकता को भी दिखाया। इसके बाद बसंत पल्लवी नृत्य में उत्सव और खुशी की झलक दिखाई गई।

भारत की महानता भी पेश की।

भारत की महानता भी पेश की।

माता काली के अलग-अलग रूप छिन्नमस्ता, भुवनेश्वरी, बगलामुखी, मातंगी, कमला और अष्टभुजा देवी को नृत्य के माध्यम से प्रस्तुत किया गया। नृत्य से पहले वायलिन और सितार की जबरदस्त जुगलबंदी हुई, इसमें कलाकारों ने राग यमन की प्रस्तुति दी। तबलावादन भी हुआ। कार्यक्रम में संगीत नाटक अकादमी की डॉ. संध्या पुरेचा भी मौजूद रहीं।

आदिम क्षेत्रों की कलात्मक प्रस्तुति।

आदिम क्षेत्रों की कलात्मक प्रस्तुति।

गंगा सोडी दल का गौर मारिया नृत्य
गंगा सोडी दल ने बस्तर के पठार का गौर मारिया नृत्य प्रस्तुति किया। यह नृत्य छत्तीसगढ़ के बाइसन-हॉर्न मारिया समुदाय के लोग करते हैं। इसे जन्म और विवाह जैसे शुभ अवसरों पर किया जाता है। इस नृत्य को जुलूस की तरह करते हुए दिखाया गया। गौर मारिया कलाकार विशेष अवसर की खुशी दिखाने के लिए बड़े उत्साह के साथ नृत्य करते दिखे। ढोल और ताल बजाकर अपनी प्रस्तुति दी।

रीत रिवाजों को गीत के जरिए दिखाया।

रीत रिवाजों को गीत के जरिए दिखाया।

जब गाकर नाटक के कलाकारों ने दर्शकों को चौंकाया
कार्यक्रम के अंत में फणीश्वर नाथ रेणु लिखित पंचलैट नाटक को इंडियन पीपल्स थिएटर एसोसिएशन (इप्टा) रायगढ़ ने प्रस्तुत किया। इसमें एक गांव में रात के अंधेरे को दूर करने के लिए पैट्रोमैक्स (जिसे बोलियों में पंचलैट-लालटेन कहा जाता है) लाया जाता है।

रायगढ़ के कलाकारों ने पेश किया नाटक।

रायगढ़ के कलाकारों ने पेश किया नाटक।

गांव में दो गुट हैं। एक गुट द्वारा दूसरे गुट को इसी बहाने नीचा दिखाने की कोशिश को हास्य व्यंग्य में पिरोया गया है। ‘पंचलैट’ ग्रामीण परिवेश में नए भौतिक संसाधनों के प्रवेश के रोचक प्रभावों को चित्रित करता है। नाटक की शुरुआत में कलाकारों ने गाना गाया और गाते हुए दर्शकों से बोले- आप हमर देवता, सहयोग करव शांति से बइठा, मोबाइल ल बंद करव नाटक ल देखा…।

कार्यक्रम को लोगों ने एंजॉय किया।

कार्यक्रम को लोगों ने एंजॉय किया।

Source link

About dp

Check Also

छत्तीसगढ़ में 1.70 लाख महिलाओं को मिल राह है स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ , दाई-दीदी मोबाइल योजना है कारगर

छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री दाई-दीदी मोबाइल क्लीनिक योजना द्वारा हुई जगह विशेष रूप से छत्तीसगढ़ सरकार …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *