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Delhi News : मौत के बाद चार लोगों को जिंदगी दे गई कृष्णा, दामाद ने दिया था अंगदान का सुझाव

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पति के साथ कंधे से कंधे मिलाकर घर का पोषण करने वाली कृष्णा मरने के बाद भी चार लोगों की जिंदगी सवार गई। मौत के बाद कृष्णा के लीवर को आईएलबीएस अस्पताल, एक किडनी को एम्स, नई दिल्ली, एक किडनी को एएचआर एंड आर अस्पताल में और उनके दिल को फोर्टिस, ओखला में भर्ती मरीजों में ट्रांसप्लांट किया गया। 

दरअसल 55 साल की कृष्णा अपने पति के साथ सब्जी की दुकान लगाती थी। 27 अगस्त को वह टहलने निकली थी, इसी दौरान एक दुर्घटना के कारण उनके सिर पर गंभीर चोट लग गई थी। तभी उनके पति को किसी ने जानकारी दी कि कृष्णा सड़क पर बेहोश है। पति तुरंत मौके पर पहुंचे और अपनी पत्नी को एम्स ट्रामा सेंट्रर ले गए। 29 अगस्त पर यहां वह जिंदगी और मौत से जूझती रही, लेकिन काफी कोशिश के बाद भी उन्हें बचाया नहीं जा सका और डॉक्टरों ने उन्हें ब्रेन स्टेम डेड घोषित कर दिया। 

दामाद ने दिया सुझाव 
कृष्णा के छोटे दामाद किशन ने कृष्णा के परिवार को अंगदान करने के लिए प्रेरित किया। दरअसल दामाद की मां की भी एक दुर्घटना में मौत हो गई थी। मौत के बाद उनके परिजनों ने लखनऊ में अपनी मां के अंगदान किए थे। किशन ने अपनी पत्नी के परिवार को भी अंगदान करने के लिए प्रेरित किया। 

अंगदान के लिए कर रहे प्रेरित 
अंग पुनर्प्राप्ति बैंकिंग संगठन (ओआरबीओ) की प्रमुख डॉ. आरती विज ने कहा कि एम्स जन जागरूकता बढ़ाने के लिए नियमित रूप से विभिन्न गतिविधियों का आयोजन कर रहा है। उन्होंने कहा कि लोगों में जागरूकता के कारण लोग अंगदान के लिए आगे आ रहे हैं। 

हार्ट ट्रांसप्लांट के लिए बना ग्रीन कॉरिडोर 
ओखला फोर्टिस अस्पताल में 19 साल के लड़के में हार्ट ट्रांसप्लांट के लिए पीक आवर के दौरान ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया। इस दौरान महज 14 मिनट में करीब 9.2 किमी का सफर हार्ट को एम्स से फोर्टिस में पहुंचाया गया। फोर्टिस के कार्यकारी निदेशक डॉ. जेड एस मेहरवाल ने बताया कि शाम 5.48 पर एम्स से लाइव हार्ट प्राप्त हुआ, जिसे 6.02 पर अस्पताल में पहुंचा दिया गया।

उन्होंने कहा कि मरीज पिछले डेढ़ साल से हार्ट की समस्या से परेशान था। दो माह से उसके लिए हार्ट की तलाश की जा रही थी। उसकी स्थिति लगातार खराब होती जा रही थी। उन्होंने कहा कि एम्स से हार्ट मिलने की सूचना मिलने के बाद नोटो के नियम के तहत उक्त हार्ट को प्राप्त कर 19 साल के युवक में ट्रांसप्लांट किया गया। 

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पति के साथ कंधे से कंधे मिलाकर घर का पोषण करने वाली कृष्णा मरने के बाद भी चार लोगों की जिंदगी सवार गई। मौत के बाद कृष्णा के लीवर को आईएलबीएस अस्पताल, एक किडनी को एम्स, नई दिल्ली, एक किडनी को एएचआर एंड आर अस्पताल में और उनके दिल को फोर्टिस, ओखला में भर्ती मरीजों में ट्रांसप्लांट किया गया। 

दरअसल 55 साल की कृष्णा अपने पति के साथ सब्जी की दुकान लगाती थी। 27 अगस्त को वह टहलने निकली थी, इसी दौरान एक दुर्घटना के कारण उनके सिर पर गंभीर चोट लग गई थी। तभी उनके पति को किसी ने जानकारी दी कि कृष्णा सड़क पर बेहोश है। पति तुरंत मौके पर पहुंचे और अपनी पत्नी को एम्स ट्रामा सेंट्रर ले गए। 29 अगस्त पर यहां वह जिंदगी और मौत से जूझती रही, लेकिन काफी कोशिश के बाद भी उन्हें बचाया नहीं जा सका और डॉक्टरों ने उन्हें ब्रेन स्टेम डेड घोषित कर दिया। 

दामाद ने दिया सुझाव 

कृष्णा के छोटे दामाद किशन ने कृष्णा के परिवार को अंगदान करने के लिए प्रेरित किया। दरअसल दामाद की मां की भी एक दुर्घटना में मौत हो गई थी। मौत के बाद उनके परिजनों ने लखनऊ में अपनी मां के अंगदान किए थे। किशन ने अपनी पत्नी के परिवार को भी अंगदान करने के लिए प्रेरित किया। 

अंगदान के लिए कर रहे प्रेरित 

अंग पुनर्प्राप्ति बैंकिंग संगठन (ओआरबीओ) की प्रमुख डॉ. आरती विज ने कहा कि एम्स जन जागरूकता बढ़ाने के लिए नियमित रूप से विभिन्न गतिविधियों का आयोजन कर रहा है। उन्होंने कहा कि लोगों में जागरूकता के कारण लोग अंगदान के लिए आगे आ रहे हैं। 

हार्ट ट्रांसप्लांट के लिए बना ग्रीन कॉरिडोर 

ओखला फोर्टिस अस्पताल में 19 साल के लड़के में हार्ट ट्रांसप्लांट के लिए पीक आवर के दौरान ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया। इस दौरान महज 14 मिनट में करीब 9.2 किमी का सफर हार्ट को एम्स से फोर्टिस में पहुंचाया गया। फोर्टिस के कार्यकारी निदेशक डॉ. जेड एस मेहरवाल ने बताया कि शाम 5.48 पर एम्स से लाइव हार्ट प्राप्त हुआ, जिसे 6.02 पर अस्पताल में पहुंचा दिया गया।

उन्होंने कहा कि मरीज पिछले डेढ़ साल से हार्ट की समस्या से परेशान था। दो माह से उसके लिए हार्ट की तलाश की जा रही थी। उसकी स्थिति लगातार खराब होती जा रही थी। उन्होंने कहा कि एम्स से हार्ट मिलने की सूचना मिलने के बाद नोटो के नियम के तहत उक्त हार्ट को प्राप्त कर 19 साल के युवक में ट्रांसप्लांट किया गया। 

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