दिल्ली-एनसीआर (Delhi-NCR) और यूपी के पर्यटकों से उत्तराखंड के कई पर्यटक स्थल पूरी तरह से पैक रहे। रविवार को वीकेंड पर पर्यटकों की भारी भीड़ की वजह से नेशनल हाईवे घंटों तक जाम रहा। हरिद्वार, मूसरी, हल्द्वानी, नैनीताल आदि शहरों में पर्यटकों की भारी भीड़ देखने को मिली। दिल्ली-हरिद्वार हाईवे पर भी पर्यटकों की कार रेंगती रही। पुलिस द्वारा अतिरिक्त फोर्स भी तैनात किया गया, लेकिन जाम के झाम से कोई राहत नहीं मिली।
हरिद्वार में वीकेंड और चार धाम यात्रा को लेकर बड़ी संख्या में तीर्थ यात्रियों के पहुंचने से रविवार को फिर यातायात व्यवस्था गड़बड़ा गई। हाईवे पर हर तरफ जाम लगने से राहगीर परेशान हो गए। पुलिस कर्मी जाम खुलवाने को पसीना बहाते नजर आए। घंटों तक वाहन रेंग-रेंगकर ही आगे बढ़े। हालांकि इस बार शहर की अंदरूनी सड़कों पर जाम से राहत देखने को मिली। चारधाम यात्रा के लिए देशभर से श्रद्धालु हरिद्वार पहुंच रहे हैं।
वहीं वीकेंड के चलते भी आसपास के राज्य हरियाणा, दिल्ली, यूपी, राजस्थान से यात्री हरिद्वार पहुंचे। रविवार को सुबह से बड़ी संख्या में यात्रियों के हरिद्वार पहुंचने पर सड़कों पर वाहनों का दबाव बढ़ने लग गया। जिसके चलते हाईवे पर हर तरफ जाम की स्थिति बनती रही। घंटों तक वाहन रेंग-रेंगकर चलते रहे। हाईवे पर लगे जाम को खुलवाने के लिए पुलिस कर्मी पूरी भागदौड़ करते जरूर दिखे।
सीओ यातायात, राकेश रावत ने कहा कि गाड़ियों के दबाव अधिक होने के कारण जाम लगा था, लेकिन मौके पर मौजूद पुलिस कर्मी यातायात व्यवस्था को सुचारु करने के लिए कार्य करते रहे। यातायात व्यवस्था को सुचारू करने के लिए यातायात पुलिस लगातार प्रयास करती रही। बाद में स्थिति सामान्य हो गयी थी।
मसूरी में वीकेंड पर उमड़े पर्यटक जाम में फंसे
वीकेंड पर मसूरी में पर्यटकों की संख्या में भारी बढ़ोतरी होने से मसूरी-देहरादून मार्ग पर किताबघर से लेकर पदमनी निवास तक वाहनों की कतारें लगी रहीं, जिससे पर्यटकों के साथ ही स्थानीय निवासियों को भारी असुविधा का सामना करना पड़ा। पर्यटक स्थलों पर भी सुबह से लेकर शाम तक पर्यटकों की अच्छी खासी भीड़ जुटी रही।
कैंपटी फॉल में पर्यटकों ने प्राकृतिक झरने का लुत्फ उठाया। कैंपटी फॉल के स्थानीय दुकानदार सुमन नौटियाल ने बताया कि हर वीकेंड पर यहां पर्यटकों की अच्छी खासी भीड़ जुट रही है। मसूरी होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष संजय अग्रवाल ने बताया कि वीक एंड होने के कारण होटलों में 70 से 80 फीसदी तक बुकिंग हो गई है।
गौरतलब है कि पर्यटन नगरी मसूरी में माल रोड के सुधारीकरण का काम चल रहा है, जिसके चलते माल रोड को जगह जगह से खोदा गया है। इस वजह से वाहन माल रोड पर नहीं जा पा रहे हैं। पर्यटकों को माल रोड पर पैदल ही होटल तक जाना पड़ रहा है, जिससे काफी परेशानी हो रही है।
मालरोड के बैरियर बंद किए जाने पर हंगामा
जिलाधिकारी के आदेश के बाद शनिवार को सुबह के समय मसूरी पालिका के दोनों बैरियरों से वाहनों को अंदर नहीं जाने दिया गया। इस पर बैरियर पर तैनात कर्मचारियों के साथ लोगों की तीखी नोकझोंक हो गई। कुछ देर बाद दोपहिया वाहनों को जाने दिया गया और चौपहिया को 11:00 बजे के बाद ही अंदर जाने की रियायत दी गई।
ऋषिकेश में होटल, रिजॉर्ट और कैंप पर्यटकों से हो गए फुल
तीर्थनगरी ऋषिकेश में अप्रैल के आखिरी वीकेंड को होटल, रिजॉर्ट और कैंप फुल रहे। रविवार को भी यही स्थिति रहेगी। ऋषिकेश में होटल, रिजॉर्ट नहीं मिलने पर कई पर्यटकों ने पहाड़ों की रानी मसूरी का रुख किया। ऋषिकेश में बड़ी संख्या में पर्यटकों की भीड़ उमड़ने से पर्यटन से कारोबारियों के चेहरे खिले नजर आए। मैदानी इलाकों में गर्मी असर दिखाने लगी है।
वहीं कई स्कूलों में गर्मियों की छुट्टियां भी पड़ने लगी है, जिससे हरियाणा, पंजाब, दिल्ली, एनसीआर आदि इलाकों से पर्यटक शनिवार और रविवार वीकेंड पर सैर सपाटे के लिए तीर्थनगरी ऋषिकेश पहुंच रहे हैं। इस बार अप्रैल के अंतिम वीकेंड पर पर्यटकों का हुजूम उमड़ने से होटल, रिजॉर्ट और कैंपो की बुकिंग वीकेंड से एक दिन पहले ही फुल हो गई। स्थिति यह रही कि शनिवार को तीर्थनगरी पहुंचे कई पर्यटकों को होटल, रिजॉर्ट में रूम तो दूर डोर मेट्री तक नहीं मिली।
ऐसे में उन्होंने निराश होकर मसूरी और अन्य पर्यटक स्थलों का रूख किया। ऋषिकेश सर्किल होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष विजय बिष्ट ने बताया कि यह पहला वीकेंड है जब बड़ी संख्या में पर्यटक उमड़े हैं। मई और जून में इस बार पर्यटकों की संख्या और बढ़ेगी, जिससे कोरोना के कारण मंदी से जूझ रहे पर्यटन कारोबार में तेजी आएगी। कैंप संचालक वैभव थपलियाल ने बताया कि कैंपों में भी यही स्थिति रही।
बसों में बैठने के लिए यात्रियों में रही मारामारी
यात्रा सीजन में लोकल रूट पर भी सवारियों का दबाव बढ़ने लगा है। दून रूट पर इसका असर नजर आया। संयुक्त यात्रा रोडवेज बस अड्डा परिसर में देहरादून-ऋषिकेश के बीच संचालित लाल रंग की अनुबंधित बसों में एक-एक सीट के लिए सवारियों में मारामारी रही। धक्का मुक्की होने पर विवाद भी होता रहा।
ऋषिकेश-देहरादून के बीच रोडवेज की अनुबंधित बसों की कमी के चलते सवारियों को परेशानी उठानी पड़ी। ऋषिकेश और देहरादून के बीच हर रोज एक दर्जन से अधिक बसें 24 से अधिक फेरे लगाती हैं, लेकिन शनिवार को सेवाएं प्रभावित होने से लोकल सवारियों को दिक्कत हुई।
रोडवेज बस से सफर करने वाले वाले शिव प्रसाद कोठारी, सुरेंद्र सिंह का कहना कि पखवाड़ाभर से सवारियों का दबाव बढ़ने से परिवहन व्यवस्था पर असर पड़ा है। बसों के फेरे भी कम लग रहे हैं, जिससे सुबह 10 बजे तक बसें मिल जाती हैं, लेकिन उसके बाद बस में सीट मिलना मुश्किल होता है।
काफी इंतजार के बाद एक बस के बस अड्डा परिसर में आमद होती है, जहां पहले से उमड़ी सवारियों में सीट के लिए मारामारी होती है। यात्रा सीजन में परिवहन विभाग को बसों के फेरे बढ़ाने चाहिए। ऋषिकेश रोडवेज डिपो के एआरएम पीके भारती का कहना है कि वीकेंड जाम से बसों को आने जाने में समय अधिक लगता है, इससे सवारियों को परेशानी आ रही है। सुबह और शाम बसों के फेरे बढ़ाए जा रहे हैं।