![Uttarakhand: उत्तर भारत के लोगों में बिना संक्रमण बढ़ रही सूजन की समस्या, इस शोध में हुए कई खुलासे swelling problem without infection is increasing in North India people Doon Medical College Hospital research](https://i0.wp.com/staticimg.amarujala.com/assets/images/2022/08/11/750x506/human-eye_1660218652.jpeg?resize=414%2C233&ssl=1)
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उत्तर भारत के लोगों में बिना किसी संक्रमण के आंखों की सूजन की समस्या बढ़ रही है। इससे उनकी आंखों की रोशनी भी कम हो रही है। यह सूजन आंखों के बाहरी हिस्से में पाई जा रही है। दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल के शोध में इसका खुलासा हुआ है।
शोध के दौरान लोगों की आंखों में सबसे अधिक एंटीरियर यूवीआईटिस (आंखों के आगे वाले हिस्से में सूजन) मिला। यह शोध दून मेडिकल कॉलेज के नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. सुशील ओझा, लखनऊ एसजीपीजीआई के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. वैभव जैन और यूपीएमयू सैफई की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. रीना शर्मा ने साथ मिलकर किया। यह शोध तमिलनाडु के जनरल ऑफ ऑप्थैल्मिक साइंस एंड रिसर्च में प्रकाशित भी हो चुका है।
आंखों के बाहरी हिस्से में अधिक सूजन पाई जा रही
दून मेडिकल कॉलेज के नेत्र रोग विशेषज्ञ व एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. सुशील ओझा ने बताया कि आंखों की लालपन की स्थिति पता करने के लिए यह शोध किया गया। शोध में पता चला कि बिना इंफेक्शन आंखों के लालपन का बड़ा कारण सूजन है। उत्तर भारत के लोगों की आंखों के बाहरी हिस्से में अधिक सूजन पाई जा रही है।
आंखों में यूवीआईटिस नामक सूजन हो रही है। यह एक ऑटो इम्यून डिसऑर्डर है। ऐसे में इम्यूनो सप्रेसिव थेरेपी देकर मरीजों का इलाज किया जा रहा है। इस तरह की सूजन होने पर आंखों की रोशनी जाना, मोतियाबिंद और आंख सूख के छोटी हो जाने का खतरा बना रहता है।