उच्च न्यायालय के आदेश पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए केजरीवाल ने ट्वीट किया, ‘क्या देश को ये जानने का भी अधिकार नहीं है कि उनके प्रधानमंत्री कितना पढ़े हैं? कोर्ट में इन्होंने डिग्री दिखाए जाने का जबरदस्त विरोध किया। क्यों? और उनकी डिग्री देखने की मांग करने वालों पर जुर्माना लगा दिया जायेगा? ये क्या हो रहा है?’
उन्होंने कहा, ‘अनपढ़ या कम पढ़े लिखे प्रधानमंत्री देश के लिए बेहद खतरनाक हैं।’
अप्रैल 2016 में तत्कालीन केंद्रीय सूचना आयुक्त एम श्रीधर आचार्युलु ने दिल्ली विश्वविद्यालय और गुजरात विश्वविद्यालय को मोदी को प्राप्त डिग्रियों के बारे में केजरीवाल को जानकारी प्रदान करने का निर्देश दिया था। तीन महीने बाद, गुजरात उच्च न्यायालय ने सीआईसी के आदेश पर रोक लगा दी, जब विश्वविद्यालय ने उस आदेश के खिलाफ अदालत का रुख किया। इस मामले की सुनवाई के दौरान केजरीवाल के वकील पर्सी कविना के अनुरोध के बावजूद न्यायमूर्ति वैष्णव ने अपने आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया।