फिलहाल बजट पेश होने में तो ज्यादा दिक्कत होती नहीं दिख रही, लेकिन उसमें की जाने वाली घोषणाओं को आगे लागू करने के लिए सरकार को नई रणनीति बनानी पड़ सकती है। इसके अलावा जी-20 की तैयारियों को लेकर भी सरकार को जिम्मेदारी तय करनी पड़ेगी, क्योंकि पीडब्ल्यूडी कई अहम प्रोजेक्ट्स पर काम कर रही है और यह मंत्रालय भी सिसोदिया के ही अधीन था।
मंत्री बने रहेंगे सिसोदिया पर काम कौन संभालेगा?
आगे सरकार का कामकाज कैसा चलेगा, इस बारे में भी केजरीवाल को जल्द ही निर्णय लेना पड़ेगा। सूत्रों का कहना है कि यह तो तय है कि जिस तरह सत्येंद्र जैन को मंत्री पद से नहीं हटाया गया था, उसी तरह सिसोदिया भी सरकार में मंत्री बने रहेंगे। उन्हें हटाने का कोई सवाल ही नहीं उठता। जहां तक उनके विभागों का सवाल है, तो अभी कुछ महत्वपूर्ण विभागों का जिम्मा अन्य मंत्रियों को सौंपा जा सकता है। इसकी उम्मीद कम है कि सीएम मंत्रालयों का जिम्मा खुद संभालेंगे। वह पहले की तरह निगरानी और निर्देशन वाली भूमिका ही निभाते रहेंगे।
क्या दिल्ली कैबिनेट में बदलाव करेंगे केजरीवाल?
कैबिनेट में किसी तरह के फेरबदल की संभावना भी फिलहाल नहीं दिख रही है। ऐसे में सरकार के सुचारू संचालन में सीएम ऑफिस की भूमिका अब और बढ़ जाएगी। इसके अलावा सौरभ भारद्वाज, आतिशी, सोमनाथ भारती, दिलीप पांडे जैसे कुछ अन्य वरिष्ठ विधायकों और जास्मिन शाह जैसे सरकार के भरोसेमंद सलाहकारों को भी कुछ नई जिम्मेदारियां सौंपी जा सकती हैं। सूत्रों के मुताबिक, डिप्टी सीएम की गिरफ्तारी की आशंका पहले से थी। जाहिर है कि इसको देखते हुए सीएम ने सरकार के सुचारू संचालन के लिए पहले से ही कुछ रणनीति बना रखी होगी, जिसका खुलासा जल्द ही हो जाएगा। चूंकि इस वक्त एलजी के साथ भी दिल्ली सरकार का टकराव चल रहा है, इसे देखते हुए सीएम अभी किसी बड़े बदलाव का रिस्क शायद न लें।