![Rigzin Chorol: पति का सपना साकार करने के लिए पहनी सेना की वर्दी, कहा- उन्हें गर्व होगा रिगजिन चोरोल](https://i0.wp.com/spiderimg.amarujala.com/cdn-cgi/image/width=414,height=233,fit=cover,f=auto/assets/images/2022/10/31/750x506/rigzin-chorol_1667177874.jpeg?resize=414%2C233&ssl=1)
रिगजिन चोरोल
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चेन्नई के ऑफिसर्स ट्रेनिंग एकेडमी (ओटीए) से पास होने वाले 186 कैडेटों में कई प्रेरित करने वाले हैं। इनमें जिंदगी की दुश्वारियों का सामना करने के बाद सेना में आने वाली महिलाएं हैं, तो देश सेवा के लिए कॉरपोरेट की नौकरी छोड़कर आने वाले भी हैं।
पासिंग आउट परेड से एक और खुशनुमा तस्वीर सामने आई है। एक परिवार के दूसरे सदस्य ने बतौर अधिकारी सेना जॉइन की है, तीसरी लाइन में है। लद्दाख स्काउट्स में राइफलमैन रिगजिन खंडप की ड्यूटी के दौरान दुर्घटना में मृत्यु हो गई थी। खंडप की पत्नी रिगजिन चोरोल ने पति को खोने के बाद सेना में अधिकारी बनने की ठानी। 11 माह के कठोर प्रशिक्षण के बाद सेना में शामिल हुईं चोरोल कहती हैं, मेरे पति लद्दाख स्काउट्स में थे और आर्मी अफसर बनना चाहते थे। यह उनके सपने को साकार करने जैसा है।
अर्थशास्त्र स्नातक चोरोल गोद में लिए अपने बच्चे को देखते हुए कहती हैं, इसे गौरवपूर्ण माहौल देने के लिए सेना में आई हूं। यकीन है कि मेरे पति को गर्व होगा। चोरोल सेना की पहली लद्दाखी महिला अधिकारी हैं। इसी तरह, रुद्राक्ष सिंह राजपुरोहित सुप्रीम कोर्ट में वकालत करते थे। आकर्षक करियर छोड़कर वह सेना में आए हैं। उन्होंने बताया, वह दादा से प्रेरित हुए हैं। उनके दादा सेना के आयुध विंग में सूबेदार हुआ करते थे।
कॉरपोरेट की नौकरी छोड़ लेफ्टिनेंट बनीं शिवानी
इस बार अधिकारी बनने वालों में लेफ्टिनेंट शिवानी तिवारी चर्चा में हैं। दरअसल, शिवानी कॉरपोरेट कंपनी की आकर्षक नौकरी छोड़कर सेना में आई हैं। शिवानी के पिता पहले से नौसेना में अधिकारी हैं। शिवानी की बहन सुमेधा इसी ऑफिसर्स ट्रेनिंग एकेडमी में जूनियर कैडेट के रूप में प्रशिक्षण प्राप्त कर रही हैं। परिवार से तीसरे सदस्य के सेना में बतौर अधिकारी शामिल होने का बेसब्री से इंतजार कर रही शिवानी की मां कहती हैं, बच्चों को बचपन से अपने पिता की तरह सेना की वर्दी पहनने का शौक था। वह बहुत खुश हैं।