तमिलनाडु कैडर के आईपीएस अधिकारी और आईटीबीपी के महानिदेशक संजय अरोड़ा अब दिल्ली पुलिस के नए आयुक्त होंगे। वह गुजरात कैडर के राकेश अस्थाना की जगह लेंगे। उनके सोमवार को पदभार ग्रहण करने की संभावना है। संजय अरोड़ा की सेवानिवृत्ति 31 जुलाई, 2025 को है। गृहमंत्रालय ने भारतीय पुलिस सेवा के 1988 बैच के अधिकारी संजय अरोड़ा की दिल्ली पुलिस आयुक्त के पद पर नियुक्ति के लिए रविवार सुबह आदेश जारी किए। सक्षम प्राधिकारी ने अंतर-कैडर प्रतिनियुक्ति के तहत अरोड़ा के एएमजीयूटी कैडर में नियुक्ति की मंजूरी दे दी है।
संजय अरोड़ा ने आईटीबीपी में रहते हुए सीमा सुरक्षा में जुड़े कई महत्वपूर्ण कार्यों को अंजाम दिया। तमिलनाडु पुलिस में विभिन्न पदों पर कार्य किया और स्पेशल टास्क फोर्स के पुलिस अधीक्षक रहते हुए कुख्यात चंदन तस्कर वीरप्पन गिरोह के खिलाफ कार्रवाई में महत्वपूर्ण सफलता हासिल की थी। इस कार्रवाई के लिए उन्हें मुख्यमंत्री वीरता पदक से सम्मानित किया गया था। अरोड़ा ने 31 अगस्त, 2021 को आईटीबीपी के 31वें महानिदेशक के रूप में पदभार ग्रहण किया था। उन्हें 2004 में सराहनीय सेवा के लिए पुलिस पदक, 2014 में विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पुलिस पदक, पुलिस विशेष कर्तव्य पदक, आंतरिक सुरक्षा पदक और संयुक्त राष्ट्र शांति पदक से सम्मानित किया जा चुका है।
जानें- नए पुलिस आयुक्त ने कहां-कहां दीं सेवाएं
मालवीय राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, जयपुर (राजस्थान) से इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग में स्नातक अरोड़ा ने 1991 में एनएसजी द्वारा प्रशिक्षित होने के बाद तमिलनाडु के मुख्यमंत्री को सुरक्षा प्रदान करने के लिए विशेष सुरक्षा समूह (एसएसजी) के गठन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उस समय लिट्टे से जुड़ीं गतिविधियां चरम पर थीं। उन्होंने 1997 से 2002 तक प्रतिनियुक्ति पर कमांडेंट के रूप में भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) में सेवाएं दीं। वे 2000 से 2002 तक आईटीबीपी अकादमी, मसूरी में कमांडेंट (लड़ाकू विंग) के रूप में सेवारत रहे। इसके बाद 2004 तक पुलिस आयुक्त, कोयंबटूर के रूप में कार्य किया। पुलिस उप महानिरीक्षक, विल्लुपुरम रेंज और सतर्कता और भ्रष्टाचार विरोधी उप निदेशक के रूप में भी सेवाएं दीं। आईजी (स्पेशल ऑपरेशन) बीएसएफ, आईजी छत्तीसगढ़ सेक्टर सीआरपीएफ और आईजी ऑपरेशन सीआरपीएफ के रूप में काम किया है।
एक साल कार्यभार संभालने के बाद अस्थाना की विदाई
गुजरात कैडर के आईपीएस अधिकारी राकेश अस्थाना दिल्ली पुलिस में बतौर पुलिस आयुक्त एक वर्ष का कार्यभार संभालने के बाद रविवार को सेवानिवृत्त हो गए। शुरुआत में उनका कार्यकाल काफी विवादों में रहा था। उन्होंने एक वर्ष के दौरान दिल्ली पुलिस में काफी परिवर्तन किए। दिल्ली पुलिस की पीसीआर वैन को पुलिस थानों से जोड़ा। इनके कार्यकाल में 25 हजार से ज्यादा पुलिसकर्मियों व अधिकारियों को पदोन्नति मिली। खास बात ये रही कि उन्होंने सिपाही से लेकर थानाध्यक्ष समेत सीनियर अधिकारियों का तबादला किया और सभी की नई जगह तैनाती की।
बाहर के अफसर को दिल्ली पुलिस आयुक्त बनाने की परंपरा बनी
अरुणचल प्रदेश, गोवा, मिजोरम और केंद्र शासित कैडर (एजीएमयूटी) से बाहर के आईपीएस अफसर को दिल्ली पुलिस आयुुक्त बनाने की परंपरा से बनती जा रही है। सबसे पहले यूपी कैडर के आईपीएफ अजयराय शर्मा को वर्ष 1999 में दिल्ली पुलिस आयुक्त नियुक्त किया गया था। इसके बाद 2021 में गुजरात कैडर के आईपीएस अफसर राकेश अस्थाना को यह जिम्मेदारी दी गई और अब तमिलनाडु कैडर के अफसर को दिल्ली पुलिस आयुक्त नियुक्त किया है। बाहर के कैडर से दिल्ली पुलिस आयुक्त बनाने से दिल्ली पुलिस मुख्यालय में बैठे यूटी कैडर के आईपीएस अफसरों में नाराजगी है। उनका कहना है कि जब एजीएमयूटी में पर्याप्त आईपीएस अफसर हैं तो बाहर के कैडर से दिल्ली पुलिस आयुक्त क्यों नियुक्त किया जा रहा है।