केंद्रीय सहकारिता सचिव ज्ञानेश कुमार
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केंद्र सरकार ने ‘सहकार से समृद्धि’ के विजन को साकार करने की दिशा में पांच महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं। इसके तहत पैक्स समितियों को रिटेल बाजार में उतारा जाएगा। इसके अलावा सभी समितियों को प्रधानमंत्री किसान समृद्धि केंद्रों के दायरे में लाया जाएगा। प्राथमिक कृषि ऋण समितियों के कार्य क्षेत्रों में विस्तार किया जाएगा।
इस संबंध में केंद्रीय सहकारिता सचिव ज्ञानेश कुमार ने अमर उजाला से विशेष बातचीत में बताया कि आने वाला समय सहकारिता का है। वर्तमान में देश में एक लाख एक हजार 285 सहकारी समितियों से 13 करोड़ से अधिक लोग जुड़े हैं। इसी तरह से डेयरी के क्षेत्र में एक लाख 38 हजार 347 समितियां पंजीकृत हैं, इन समितियों कसे 1.5 करोड़ लोग जुड़े हैं।
वहीं, 24 हजार 912 समितियां मछली पालन के क्षेत्र में कार्य कर रही हैं, इनसे 38 लाख लोग जुड़े हैं। बताया, आने वाले पांच वर्षों में सभी समितियों की संख्या को दोगुना करने का लक्ष्य रखा गया है। केंद्रीय सचिव ने बताया कि देशभर में लगभग एक लाख प्राथमिक कृषि ऋण सहकारी समितियां हैं, जो मैपिंग पर उर्वरक खुदरा विक्रेता के रूप में कार्य नहीं कर रही हैं।
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