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NIA ने हुर्रियत टेरर फंडिंग केस में जहूर वटाली की 17 संपत्तियां की कुर्क

नई दिल्ली. राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने हुर्रियत टेरर फंडिंग मामले में जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के फाइनेंसर जहूर अहमद शाह वटाली की 17 संपत्तियों को कुर्क कर लिया है, जिसमें जेकेएलएफ कमांडर यासीन मलिक वर्तमान में आजीवन कारावास की सजा काट रहा है. यासीन मलिक के अलावा, हाफिज मुहम्मद सईद, जमात-उद-दावा के अमीर और लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के शीर्ष कमांडर और हिज्बुल-मुजाहिदीन के शीर्ष कमांडर मोहम्मद यूसुफ शाह उर्फ सैयद सलाहुद्दीन सहित 17 अन्य पर चार्जशीट दाखिल हुई थी.

मामला 30 मई 2017 को एनआईए द्वारा स्वत: संज्ञान लेकर दर्ज किया गया था. मलिक को उनके खिलाफ सभी विभिन्न आरोपों में दोषी ठहराया गया था, और मई 2022 में इस मामले में आजीवन कारावास और जुर्माने की सजा सुनाई गई थी. यह मामला जम्मू-कश्मीर में आईएसआई समर्थित संगठनों जैसे लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी), जम्मू और कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ), जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) द्वारा संचालित आतंकवादी और अलगाववादी गतिविधियों से संबंधित है. ये संगठन नागरिकों और सुरक्षा बलों पर हमलों को बढ़ावा देने और संचालित कर घाटी में आतंक फैला रहे थे.

पटियाला हाउस के आदेश पर हुई कार्रवाई
कश्मीर में कुपवाड़ा के हंदवाड़ा क्षेत्र में वटाली से संबंधित 17 संपत्तियों को सोमवार को यूए (पी) अधिनियम की धारा 33 (1) के तहत विशेष एनआईए कोर्ट, पटियाला हाउस के आदेश पर एनआईए द्वारा कुर्क किया गया है. ये प्रतिबंधित आतंकवादी समूह कश्मीर में अलगाववादी गतिविधियों को चलाने और समर्थन देने के लिए 1993 में गठित ऑल पार्टी हुर्रियत कॉन्फ्रेंस (APHC) का उपयोग एक मोर्चे के रूप में कर रहे थे. इस मामले की जांच से पता चला है कि APHC सहित मामले में आरोपी के रूप में आरोपित अलगाववादियों ने एक आपराधिक साजिश में प्रवेश किया था और कश्मीर घाटी में एक अशांत माहौल बनाने और हिंसा का सहारा लेने के लिए आम जनता को भड़काने की रणनीति अपनाई थी.

वटाली था हवाला एजेंट, हाफिज सईद से लेता था मिलता था धन
एनआईए की जांच से पता चला है कि वटाली एक हवाला एजेंट था, जो हाफिज सईद से धन प्राप्त कर रहा था, जो संयुक्त राज्य अमेरिका का ‘विशेष रूप से नामित वैश्विक आतंकवादी’ और संयुक्त राष्ट्र का ‘सूचीबद्ध वैश्विक आतंकवादी’ है. हाफिज सईद 2001 के संसद हमले और 2008 के मुंबई हमलों का मास्टरमाइंड था. उन्होंने विभिन्न स्रोतों से 2011 और 2013 के बीच करोड़ों में चल रहे बैंक खाते में विदेशी प्रेषण प्राप्त किया था. इसके अलावा, उन्होंने अपनी प्रोपराइटरशिप फर्म मेसर्स ‘ट्रिसन इंटरनेशनल’, श्रीनगर में विदेशी प्रेषण प्राप्त किया था और उनके एनआरई बैंक खातों में अस्पष्टीकृत प्रेषण भी पाए गए थे.

जांच में पाया गया कि राजस्व रिकॉर्ड में न तो वटाली और न ही उनकी मैसर्स ट्रिसन फार्म्स एंड कंस्ट्रक्शन्स प्रा. लिमिटेड कंपनी इस भूखंड की मालिक थी. वटाली वर्तमान में नई दिल्ली में विशेष एनआईए अदालत के समक्ष मुकदमे का सामना कर रहे हैं.

Tags: Kashmir news, NIA, Terror Funding, Yasin Malik


Source : https://hindi.news18.com/news/nation/yasin-malik-in-jail-nia-attaches-17-properties-terror-financier-zahoor-watali-in-hurriyat-terror-funding-case-6496405.html

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