रायपुर. छत्तीसगढ़ की पहचान क्या है, यहां की परंपरा और संस्कृति की विशिष्टता क्या है, राज्य का विकास कैसे हो, ऐसे तमाम सवाल रविवार 11 जून को रायपुर में News18 India के ओपन माइक कार्यक्रम में उठे और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सभी सवालों के विस्तार से जवाब दिए. लगभग आधे घंटे के ओपन-फोरम में सीएम बघेल ने राज्य की राजनीति से लेकर देश तक की बात की. क्या थे सवाल और सीएम बघेल ने कैसे इन सवालों का जवाब दिया, आइए विस्तार से पढ़ते हैं.
क्या आप कांग्रेस के सबसे लोकप्रिय नेता हैं?
मुझसे भी लोकप्रिय अशोक गहलोत जी हैं, सिद्धारमैया जी भी तीसरी बार मुख्यमंत्री बने हैं, यह निर्णय में आप लोगों पर और जनता पर छोड़ता हूं.
राजस्थान, मप्र और छग चुनाव में कांग्रेस का चेहरा कौन होगा?
राजस्थान में चेहरा वही है, गहलोत जी हमारे सीनियर लीडर हैं, मुख्यमंत्री ही चेहरा बनाया जाता है. जहां सत्ता में नहीं रहते वहां सामूहिक नेतृत्व में चुनाव लड़ा जाता है. चेहरे की घोषणा हाईकमान ही करता है, यह परंपरा है. मध्यप्रदेश में देखना है कि कौन मुख्यमंत्री बनता है, शिवराज सिंह चौहान बीजेपी के मुख्यमंत्री होंगे या नहीं यह देखना होगा.
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लोग कह रहे हैं बघेल साहब राम नाम पर लड़ रहे हैं?
हम लोग जिसके नाम पर आस्था रखते हैं, उसके नाम से वोट नहीं मांगते. हम सब की आस्था राम पर है. छत्तीसगढ़ राम का ननिहाल है, यहां हम भगवान को वनवासी राम के रूप में जानते हैं.
हाईकमान को डिफेंड करने में आपका नाम आता है राहुल गांधी जी या प्रियंका जी हों आप सबसे पहले डिफेंड करते हैं ऐसा क्यों?
मेरी दो पहचान है, पहला तो छत्तीसगढ़िया हूं और दूसरा कांग्रेस का कार्यकर्ता हूं.
अभी मुस्लिम लीग वाले बयान पर भी आपने डिफेंड किया?
जिन्ना की जो मुस्लिम लीग थी, श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने उसके साथ गठबंधन करके सरकार बनाई थी बंगाल में. बहुत सारे ऐसे संगठन हैं उसके नाम से जुड़ा रहता है, इसका यह मतलब नहीं वह सांप्रदायिक हो गया.
बजरंगबली का सवाल?
बजरंगबली के नाम से आप गुंडागर्दी नहीं कर सकते, बजरंगबली ने दिखा दिया कि वह किसके साथ हैं. भारतीय जनता पार्टी के लोग खूब बजरंगबली का नारा लगाए, बजरंगबली सत्य और धर्म के साथ है और कर्नाटक ने दिखा दिया कि बजरंगबली किसके साथ हैं. बजरंग दल आप रखे रहो, बजरंगबली के रास्ते हम चल रहे हैं.
क्या बजरंग दल बैन होने वाला है छत्तीसगढ़ में?
राष्ट्रीय स्तर पर जब चुनाव होते हैं तो उसका घोषणापत्र अलग होता है, राज्यों के अलग-अलग घोषणापत्र हैं.
प्रधानमंत्री का चेहरा?
आज भी मेरा यही जवाब है राहुल गांधी को ही चेहरा बनाकर चुनाव लड़ा जाना चाहिए. भारत जोड़ो यात्रा में राहुल गांधी छत्तीसगढ़ इसलिए नहीं आए क्योंकि वह रास्ते में नहीं पड़ा, अब छत्तीसगढ़ को खिसका तो सकते नहीं थे.
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छत्तीसगढ़ मॉडल क्या है?
जो गुजरात का मॉडल देखा मैंने, 9-10 सालों में उसमें लोगों की जो स्थिति थी, वो और कमजोर होती गई. कुछ लोग बड़े मजबूत होते गए. गुजरात मॉडल यह है, आम जनता की जेब से पैसे निकाल कर कुछ लोगों के जेब में डाल दिया जाए और छत्तीसगढ़ मॉडल यह है कि छत्तीसगढ़ खजाने का पैसा छत्तीसगढ़ के लोगों का है और इसलिए खजाने का पैसा किसानों को मजदूरों को युवाओं को महिलाओं को हम दे रहे हैं. यहां आम जनता मजबूत हुई है.
₹500 बेरोजगारी भत्ता जो अपने शुरू किया है क्या यह गेमचेंजर साबित होगा?
मैं बेरोजगारी भत्ता देकर खुश नहीं हूं. मैंने यह कहा था कि मुझे खुशी तब होगी जब उस व्यक्ति को रोजगार मिलेगा. बेरोजगारी भत्ता दे दिया यहां हमारा काम खत्म नहीं होता उसके बाद हमारा ट्रेनिंग प्रोग्राम शुरू होता है.
शराबबंदी को लेकर सरकार की इतनी कोशिश?
शराबबंदी नहीं, हम तो नशाबंदी की सोचते हैं. कोरोनाकाल एक ऐसा काल था, जिसमें पूरे देश में लॉकडाउन था, इसके बावजूद शराब पहुंचती रही. हमारे यहां फैक्ट्री बंद है, हरियाणा से गाड़ी पकड़ी गई, उसके बाद सैनिटाइजर पीकर कुछ लोग मर गए, कुछ लोग होम्योपैथिक सिरप पी के मर गए. ऐसे में यदि बंद करेंगे तो हाल गुजरात जैसे या बिहार जैसे हो सकते हैं, मैं ऐसा नहीं चाहता.
धर्मांतरण का सवाल?
धर्मांतरण का मुद्दा जो है यह बीजेपी के द्वारा थोपा गया मुद्दा है. मैं बीजेपी के लोगों को जब चुनौती देता हूं, 15 साल के कार्यकाल में सबसे ज्यादा चर्च बनी तो चुप हो जाते हैं. उसके पहले उतने नहीं थे, उसके बाद उतने नहीं बने, सबसे ज्यादा उनके समय में बने. कोई भी आस्था का केंद्र तब बनेगा जब उसके मानने वाले रहेंगे. मैं हिंदू हूं तो मंदिर बनेगा, कोई सिख है, सिख होना जरूरी है तभी गुरुद्वारा बनेगा. उसी प्रकार चर्च तब बनेगा जब उसके मानने वाले लोग होंगे. सबसे ज्यादा चर्च भारतीय जनता पार्टी के समय में बनी, इसका यह मतलब है धर्मांतरण उनके समय में ज्यादा हुआ. धर्मांतरण का मुद्दा, स्वीकृत कहां से होगा राष्ट्रपति के हस्ताक्षर से केंद्र में सरकार की किसकी है? क्यों नहीं कर लेते? यह सब केंद्र का विषय है पूरे देश में लागू करते क्यों नहीं? बीजेपी यहां क्यों हल्ला कर रही है लोकसभा आने वाला है बिल लाए पारित कर दें.
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दिल्ली में देख लीजिये सुप्रीम कोर्ट ने ऑर्डर दिया अगले दिन अध्यादेश ले आए कहा कि आप नहीं कर सकते. छत्तीसगढ़ में इनके पास कोई मुद्दा नहीं है वह गाय के नाम से वोट मांगते थे, वह भी छूट गया. राम के नाम से वोट मांगते थे वह भी छूट गया. 15 साल सरकार में थे राम वन गमन पथ पर एक ईंट भी नहीं रखी. अब लव जिहाद वाला मामला आया था, गरीब लोगों के बीच में अगर प्रेम हो जाए तो वह जिहाद हो गया और इनके बच्चे करते हैं तो वह लव हो जाता है. बीजेपी के बड़े नेता जिनकी बेटी शादीशुदा हैं, मुसलमान के घर में बैठी हुई है उसमें आंदोलन क्यों नहीं करते उसमें चुप हो जाते हैं. हम तो महात्मा गांधी को मानने वाले हैं बोलने से पहले करते हैं.
कानून देख लीजिए, टेनी के लिए अलग, आम जनता के लिए अलग, बृजभूषण के लिए अलग पहलवानों के लिए अलग. ED के भरोसे आप चुनाव नहीं लड़ सकते. ED तो बूथ में वोट डालने जाएगी नहीं, वहां तो भारतीय जनता पार्टी को जाना पड़ेगा.
परिवारवाद पर सवाल
गांधी परिवार में लोग परिवारवाद का इल्जाम लगाते हैं. राजनाथ जी का बेटा राजनीति में है, सिंधिया जी को आप ले आए, हमारी पार्टी से ले जाकर एक को मुख्यमंत्री बना दिया, इसी छत्तीसगढ़ में रमन सिंह का बेटा सांसद बना था. इनको तकलीफ गांधी परिवार से है, इनको तकलीफ गांधी शब्द से है.
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Tags: Assembly Elections 2023, CM Bhupesh Baghel, News18 Hindi
FIRST PUBLISHED : June 11, 2023, 19:11 IST
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