मुंबई के गोरेगांव में एक चॉल है। इसका नाम पात्रा चॉल है। यहां गरीब लोग बड़ी संख्या में रहते हैं। मामला 2007 का है। तब महाराष्ट्र में कांग्रेस और एनसीपी गठबंधन की सरकार थी। मुख्यमंत्री थे विलासराव देशमुख।
सरकार ने एक योजना बनाई। कहा- पात्रा चॉल में रहने वाले 672 किराएदारों को फ्लैट मिलेगा। इसके लिए हाउसिंग डेवलपमेंट एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड यानी एचडीआईएल की सहायक कंपनी गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन को महाराष्ट्र हाउसिंग एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (एमएचडीए) ने कॉन्ट्रैक्ट दे दिया। कॉन्ट्रैक्ट के मुताबिक, गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन की तरफ से 672 फ्लैट चॉल के किराएदारों को देने होंगे और तीन हजार फ्लैट एमएचडीए को हैंडओवर करना होगा। 47 एकड़ जमीन पर ये फ्लैट बनने थे। तय ये भी हुआ था कि किराएदारों और एमएचडीए के लिए फ्लैट तैयार करने के बाद जो जमीन बच जाएगी उसे बिक्री और विकसित करने के लिए अनुमति देनी होगी।
सबकुछ तय था कि कौन-कौन क्या करेगा और कैसे करेगा। लेकिन कॉन्ट्रैक्ट लेने वाली फर्म गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन ने ऐसा नहीं किया। फर्म ने न तो चॉल के लोगों के लिए फ्लैट बनाए और न ही एमएचडीए को कोई फ्लैट दिया। कंपनी ने जमीन आठ अन्य बिल्डरों को 1,034 करोड़ रुपये में बेच दी।
इस घोटाले में गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन और हाउसिंग डेवलपमेंट एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड यानी एचडीआईएल के लोग शामिल थे। ये कंपनी देश के चर्चित पीएमसी घोटाले में भी शामिल है। कंपनी के डायरेक्टर ने अपने और अपने परिवार के सदस्यों के नाम पर बैंक कर्मचारियों और अफसरों के साथ मिलकर फर्जी तरीके से लोन लिया। फिर कंपनी के एनपीए को खत्म करने के लिए 250 करोड़ रुपये का फेक डिपॉजिट बैंक में दिखाया गया। इसके बाद बैंक ने फिर से एनपीए वाली कंपनी एचडीआईएल को फ्रेश लोन दे दिया।
अब आप सोच रहे होंगे कि इस घोटाले से शिवसेना सांसद संजय राउत का क्या लेना-देना है? तो सुनिए… जिस एचडीआईएल ने ये दोनों घोटाले किए थे, उसके डायरेक्टर प्रवीण राउत, सारंग वधावन, राकेश वधावन हैं। प्रवीण राउत और सारंग को 2020 में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गिरफ्तार किया था। दोनों से पूछताछ में संजय राउत का कनेक्शन सामने आया।
प्रवीण राउत शिवसेना सांसद संजय राउत के दोस्त हैं। प्रवीण का नाम भी पीएमसी बैंक घोटाला मामले में सामने आ चुका है। पता चला कि प्रवीण राउत की पत्नी माधुरी ने संजय राउत की पत्नी वर्षा को 55 लाख रुपये का ब्याज मुक्त कर्ज दिया था, जिसका इस्तेमाल राउत परिवार ने दादर में एक फ्लैट खरीदने के लिए किया था। इसे लेकर ईडी ने वर्षा और माधुरी राउत के बयान दर्ज किए थे।
- संजय राउत के दोस्त प्रवीण राउत के खाते में 2010 में 95 करोड़ रुपये आए। ये रकम उन जमीनों को बेचकर मिली थी, जिसपर गरीबों के लिए फ्लैट बनने थे।
- इस मामले में सुजीत पतकार का भी नाम सामने आया था। ईडी ने सुजीत के घर भी छापेमारी की थी। सुजीत भी संजय राउत से जुड़ा हुआ है। सुजीत संजय की बेटी की एक फर्म में पार्टनर हैं।
- सुजीत की पत्नी और संजय राउत की पत्नी ने एक साथ मिलकर अलीबाग में जमीन खरीदी। ईडी की जांच में सामने आया है कि ये जमीन भी उसी घोटाले के पैसे से ली गई थी।
- कोरोनाकाल में सुजीत को मुंबई और पुणे के कई कोरोना सेंटर का कॉन्ट्रैक्ट मिला। भाजपा नेता किरीट सोमय्या ने इन केंद्रों पर भी अनियमितता का आरोप लगाया है।
- किरीट सोमय्या ने इस मामले में मुंबई के शिवाजी नगर पुलिस में एफआईआर भी दर्ज कराई है।
विस्तार
मुंबई के गोरेगांव में एक चॉल है। इसका नाम पात्रा चॉल है। यहां गरीब लोग बड़ी संख्या में रहते हैं। मामला 2007 का है। तब महाराष्ट्र में कांग्रेस और एनसीपी गठबंधन की सरकार थी। मुख्यमंत्री थे विलासराव देशमुख।
सरकार ने एक योजना बनाई। कहा- पात्रा चॉल में रहने वाले 672 किराएदारों को फ्लैट मिलेगा। इसके लिए हाउसिंग डेवलपमेंट एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड यानी एचडीआईएल की सहायक कंपनी गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन को महाराष्ट्र हाउसिंग एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (एमएचडीए) ने कॉन्ट्रैक्ट दे दिया। कॉन्ट्रैक्ट के मुताबिक, गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन की तरफ से 672 फ्लैट चॉल के किराएदारों को देने होंगे और तीन हजार फ्लैट एमएचडीए को हैंडओवर करना होगा। 47 एकड़ जमीन पर ये फ्लैट बनने थे। तय ये भी हुआ था कि किराएदारों और एमएचडीए के लिए फ्लैट तैयार करने के बाद जो जमीन बच जाएगी उसे बिक्री और विकसित करने के लिए अनुमति देनी होगी।
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