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पहाड़ में मछली पालन बना स्वरोजगार का जरिया,हो रही है अच्छी आमदनी

सोनिया मिश्रा/चमोली.उत्तराखंड का चमोली जिला सबसे सीमांत और सबसे बड़ा जिला होने के साथ ही अपने अति दुर्गम क्षेत्र के लिए मशहूर है. इसलिए यहां के स्थानीय युवक युवतियों को पढ़ लिखकर रोजगार की चिंता सताती है, लेकिन अब धीरे धीरे जिले के युवा मछली पालन को स्वरोजगार का जरिया बना रहें हैं. और इसमें ट्राउट मछली अहम भूमिका निभा रही है. दरअसल ट्राउट मछली ठंडे पानी की मछली है जिसमें अन्य मछलियों की अपेक्षा ओमेगा 3 अधिक मात्रा में होता है. साथ ही स्वाद में भी यह बेहद लाजवाब होती है. जिससे यह सभी की पसंदीदा भी बन जाती है.

जिले की सीमांत ग्राम पंचायत ल्वाणी के काश्तकार मोहन सिंह बिष्ट बताते हैं कि सहायक निदेशक मत्स्य पालन विभाग चमोली के द्वारा हमें यह जानकारी दी गई थी कि हमारे गांव में वें मछली पालन (फिशरी) का एक प्रोजेक्ट लगाना चाहते हैं क्योंकि यह स्थान ट्राउट मछली के उत्पादन के लिए बेहतर है. जिसके बाद मत्स्य विभाग की टीम ने पानी और मिट्टी की टेस्टिंग की.और यहां मछली उत्पादन का सेटअप लगवाया. साथ ही विभाग द्वारा लगातार हमें दिशा निर्देश दिए गए और उसी का परिणाम है कि आज हमें फिश उत्पादन से अच्छा मुनाफा हो रहा है.

मछली पालन में लगी है 74 कॉपरेटिव सोसाइटी
हमने मछली पालन का काम 2017 से शुरू किया था और जनपद चमोली की 74 कॉपरेटिव सोसाइटी लोगों को स्वरोजगार की ओर कदम बढ़ाने और स्वरोजगार के लिए इस पर काम कर रही है. वह बताते हैं कि मत्स्य पालन से उन्हें साल में 2 से ढाई लाख का मुनाफा भी हो जाता है. और साथ ही 10 से 15 काश्तकारों को स्वरोजगार से भी जोड़ा है. और साथ-साथ हमने पैकेजिंग का काम भी शुरू किया है,जो कि हमें जिला योजना से स्वीकृत हुआ है जिससे हम दूर दूर तक मछलियों की पैकेजिंग करके भेजते हैं.

ट्राउट मछली उत्पादन के लिए जिले में आदर्श स्थिति
मत्स्य अधिकारी चमोली जगदम्बा राज बताते हैं कि चमोली जिला पहाड़ी जिला है इसलिए यहां ट्राउट मछली पालन का काम किया जाता है.चमोली जिले में वर्तमान समय में 8 मत्स्य जीवी सहकारी समितियां हैं साथ ही जिले में 100 से अधिक काश्तकार मत्स्य पालन का काम कर रहे हैं. विभाग द्वारा यहां ट्राउट स्पेस बनाए जाना, उनके मार्केटिंग की व्यवस्था करना, मछलियों के वितरण के लिए आइस बॉक्स तैयार करने केसाथ ही दूर जगहों में मछली को टांसपोर्ट करने के लिए रेफ्रीजरेटर वैन उपलब्ध करवाई जा रही है.

Tags: Chamoli News, Local18, Uttarakhand news

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