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Delhi Excise Policy : सरकार ने किया साफ- अभी एक महीने तक जारी रहेगी दिल्ली में नई आबकारी नीति

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नई आबकारी नीति वापस लेने से मचे सियासी घमासान के बीच दिल्ली सरकार ने शनिवार देर रात स्पष्ट किया कि अभी एक माह तक मौजूदा व्यवस्था ही लागू रहेगी। पुरानी आबकारी नीति लागू करने में कुछ औपचारिकताएं पूरी करने के लिए यह समय लिया गया है। सूत्रों का कहना है कि नई आबकारी नीति में विस्तार के लिए मुख्य सचिव ने उपमुख्यमंत्री व आबकारी मंत्री मनीष सिसोदिया को प्रस्ताव भेजा, जिसके कैबिनेट से पास होने के बाद फाइल उपराज्यपाल के पास जाएगी। अभी तक न तो कैबिनेट नोट तैयार हुआ है और न ही कैबिनेट की बैठक की तारीख तय है। ऐसे में वैकल्पिक इंतजाम करने के लिए वक्त चाहिए।  

 ताजा फैसले के मद्दनेजर मुख्य सचिव को शराब की दुकानों पर भीड़ न हों और सरकारी दुकानों में शराब बिक्री शुरू होने से पहले गैर कानूनी तरीके होने वाली बिक्री पर नजर रखने के निर्देश दिए हैं। हालांकि दिल्ली सरकार और आबकारी विभाग की ओर से इस संबंध में कोई प्रतिक्रिया नहीं आई कि नई आबकारी नीति वापस लेने के बाद शराब बिक्री की क्या व्यवस्था रहेगी।   इससे पहले दिन में सिसोदिया ने कहा था कि दिल्ली में अब फिर से सरकारी दुकानों पर शराब बेची जाएगी।

 हालांकि, उन्होंने इसके पीछे की वजह शराब विक्रेताओं का कारोबार से हाथ खींच लेना बताया है। सिसोदिया ने आरोप लगाया कि ईडी व सीबीआई का डर दिखाकर भाजपा शराब की वैध दुकानों को बंद करवाना चाहती है। उनकी मंशा दिल्ली में भी गुजरात की तरह अवैध नकली शराब बिकवाने की है। इसके लिए दुकानदारों को दुकान छोड़ने को मजबूर किया जा रहा है। भाजपा के मकसद को नाकामयाब करने के लिए दिल्ली सरकार नई आबकारी नीति को वापस ले रही है। 

गुजरात मॉडल से की तुलना
सिसोदिया ने कहा कि देश में दो तरीके की शराब नीति है। एक तरफ गुजरात है और दूसरा दिल्ली। गुजरात में शराबबंदी के नाम पर भाजपा के लोग हजारों करोड़ों की नकली शराब बनाते और बेचते हैं। वहीं, जहरीली शराब पीने से लोगों की मौत हो रही है।  इसके उलट दिल्ली सरकरा ने नई नीति के तहत पारदर्शी तरीके से शराब की दुकानों का आवंटन किया। इससे भ्रष्टाचार खत्म हुआ। 

आर्थिक अपराध शाखा ने शुरू की आबकारी नीति का जांच
नई आबकारी नीति के तहत लाइसेंस जारी करने के मामले में दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने जांच शुरू कर दी है। हालांकि, इस मामले में कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई है। लेकिन सूत्रों का कहना है कि पुलिस  लाइसेंस जारी करने वाले विभागीय अधिकारियों को जांच में शामिल होने का नोटिस भेज सकती है।

नीति को वापस लेने से पाप नहीं धुलते
केजरीवाल सरकार ने आबकारी नीति के माध्यम से बड़े स्तर पर जो भ्रष्टाचार किया है, उसके बारे में उसे बताना ही पड़ेगा। नीति को वापस लेने से पाप नहीं धुलते। सरकार ने शराब माफिया को लाभ पहुंचाया है।
-मीनाक्षी लेखी,  केंद्रीय राज्य मंत्री 

नई शराब नीति पर यू टर्न मतलब भ्रष्टाचार मामले में केजरीवाल ने सरकार ने दोष मान लिया है। लोकायुक्त ने सरकार द्वारा स्कूलों के कमरों में हुए घोटाले पर जांच के आदेश दे दिए हैं। स्वास्थ्य मंत्री जेल में है शिक्षा मंत्री जांच के दायरे में हैं।
-मनोज तिवारी, सांसद

विस्तार

नई आबकारी नीति वापस लेने से मचे सियासी घमासान के बीच दिल्ली सरकार ने शनिवार देर रात स्पष्ट किया कि अभी एक माह तक मौजूदा व्यवस्था ही लागू रहेगी। पुरानी आबकारी नीति लागू करने में कुछ औपचारिकताएं पूरी करने के लिए यह समय लिया गया है। सूत्रों का कहना है कि नई आबकारी नीति में विस्तार के लिए मुख्य सचिव ने उपमुख्यमंत्री व आबकारी मंत्री मनीष सिसोदिया को प्रस्ताव भेजा, जिसके कैबिनेट से पास होने के बाद फाइल उपराज्यपाल के पास जाएगी। अभी तक न तो कैबिनेट नोट तैयार हुआ है और न ही कैबिनेट की बैठक की तारीख तय है। ऐसे में वैकल्पिक इंतजाम करने के लिए वक्त चाहिए।  

 ताजा फैसले के मद्दनेजर मुख्य सचिव को शराब की दुकानों पर भीड़ न हों और सरकारी दुकानों में शराब बिक्री शुरू होने से पहले गैर कानूनी तरीके होने वाली बिक्री पर नजर रखने के निर्देश दिए हैं। हालांकि दिल्ली सरकार और आबकारी विभाग की ओर से इस संबंध में कोई प्रतिक्रिया नहीं आई कि नई आबकारी नीति वापस लेने के बाद शराब बिक्री की क्या व्यवस्था रहेगी।   इससे पहले दिन में सिसोदिया ने कहा था कि दिल्ली में अब फिर से सरकारी दुकानों पर शराब बेची जाएगी।

 हालांकि, उन्होंने इसके पीछे की वजह शराब विक्रेताओं का कारोबार से हाथ खींच लेना बताया है। सिसोदिया ने आरोप लगाया कि ईडी व सीबीआई का डर दिखाकर भाजपा शराब की वैध दुकानों को बंद करवाना चाहती है। उनकी मंशा दिल्ली में भी गुजरात की तरह अवैध नकली शराब बिकवाने की है। इसके लिए दुकानदारों को दुकान छोड़ने को मजबूर किया जा रहा है। भाजपा के मकसद को नाकामयाब करने के लिए दिल्ली सरकार नई आबकारी नीति को वापस ले रही है। 

गुजरात मॉडल से की तुलना

सिसोदिया ने कहा कि देश में दो तरीके की शराब नीति है। एक तरफ गुजरात है और दूसरा दिल्ली। गुजरात में शराबबंदी के नाम पर भाजपा के लोग हजारों करोड़ों की नकली शराब बनाते और बेचते हैं। वहीं, जहरीली शराब पीने से लोगों की मौत हो रही है।  इसके उलट दिल्ली सरकरा ने नई नीति के तहत पारदर्शी तरीके से शराब की दुकानों का आवंटन किया। इससे भ्रष्टाचार खत्म हुआ। 

आर्थिक अपराध शाखा ने शुरू की आबकारी नीति का जांच

नई आबकारी नीति के तहत लाइसेंस जारी करने के मामले में दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने जांच शुरू कर दी है। हालांकि, इस मामले में कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई है। लेकिन सूत्रों का कहना है कि पुलिस  लाइसेंस जारी करने वाले विभागीय अधिकारियों को जांच में शामिल होने का नोटिस भेज सकती है।

नीति को वापस लेने से पाप नहीं धुलते

केजरीवाल सरकार ने आबकारी नीति के माध्यम से बड़े स्तर पर जो भ्रष्टाचार किया है, उसके बारे में उसे बताना ही पड़ेगा। नीति को वापस लेने से पाप नहीं धुलते। सरकार ने शराब माफिया को लाभ पहुंचाया है।

-मीनाक्षी लेखी,  केंद्रीय राज्य मंत्री 

नई शराब नीति पर यू टर्न मतलब भ्रष्टाचार मामले में केजरीवाल ने सरकार ने दोष मान लिया है। लोकायुक्त ने सरकार द्वारा स्कूलों के कमरों में हुए घोटाले पर जांच के आदेश दे दिए हैं। स्वास्थ्य मंत्री जेल में है शिक्षा मंत्री जांच के दायरे में हैं।

-मनोज तिवारी, सांसद

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