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डेवलपमेंट: साउथ की तकनीक से धांधरां क्लस्टर में 90 लाख की लागत से बनेगा सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट

लुधियानाएक घंटा पहले

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साउथ की एनड्रोबिक बीफील्ड रियेक्टर तकनीक से धांधरां क्लस्टर में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट बनेगा। भारत सरकार की डा. श्यामा प्रसाद मुखर्जी मिशन योजना के तहत 90 लाख रुपये सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट बनाने में खर्च होंगे। इससे ट्रीट होने वाली पानी को सिंचाई के लिए इस्तेमाल में लाया जाएगा।

भारत सरकार की डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी मिशन योजना के तहत प्रदेश में विभिन्न जिलों में क्लस्टर योजना के तहत गांवों में विकास कार्य कराकर वहां दुकानें, मैरिज हॉल तैयार कर रेवेन्यू जनरेट करना है। इनसे मिलने वाले रेवेन्यू से गांवों में सड़क, नालियां, पुल आदि विकास कार्य हो सकेंगे।

इसी क्रम में पंजाब में बठिंडा, फतेहगढ़ साहिब, तरनतारन, नवांशहर, अमृतसर, गुरदासपुर और लुधियाना में इस योजना की शुरुआत 2019 में की गई थी। अकेले लुधियाना में 21 गांवों को शामिल कर बनी धांधरा क्लस्टर योजना के तहत विभिन्न कार्यों के लिए 30 करोड़ स्वीकृत हुए थे।

इसमें से 26 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं जबकि बड़े कार्यों में अभी सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण होना बाकी है। 21 गांवों में रहने वाले लोगों को इस योजना का लाभ मिलेगा। अर्बन मिशन योजना के डिस्ट्रिक्ट प्रोग्राम अफसर एमएस कंग ने बताया कि अब सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण होना है।

इसके लिए 90 लाख रुपये स्वीकृत हुए हैं। दिसंबर 2023 तक इस कार्य को पूरा करना है। बताया कि एसटीपी के निर्माण में साउथ की एनड्रोबिक बीफील्ड रियेक्टर तकनीक का इस्तेमाल होगा। इसका लाभ ये है कि इस तकनीक के इस्तेमाल के बाद जो पानी ट्रीट होकर निकलेगा, उसमें टीओडी(टोटल आॅक्सीजन डिमांड) की मात्रा जीरो होगी। इससे यह पानी सिंचाई के लिए प्रयुक्त हो सकेगा जो काफी लाभकारी होगा।

एसटीपी निर्माण के चलते गांवों में डाली जाएगी सीवरेज लाइनें
कलस्टर योजना के तहत बनने वाले एसटीपी प्लांट से लोगों को कई फायदे होंगे। इससे सीवरेज लाइन गांवों में डाली जाएगी। एसटीपी से लाभ यह है कि इसमें मौजूद सिस्टम से गंदे और दूषित पानी को फिर से इस्तेमाल करने के लायक बनाया जाता है।

एसटीपी तकनीक नदियों, झीलों से आने वाले प्रदूषित पानी से उसके अंदर की अशुद्धियों को हटा देता है। अधिकारियों के अनुसार यह तकनीक पानी के उपचार के लिए सबसे अच्छी तकनीक मानी जाती है। इससे पानी को उपयोग करने के लायक बनाया जाता है।

अर्बन मिशन योजना के तहत इस क्लस्टर के अंतर्गत रेवेन्यू जनरेट करने के लिए 21 दुकानों का निर्माण किया जाना है। इन दुकानों से सालाना चार लाख रुपये की इनकम होगी। इन दुकानों को किराए पर दिया जाएगा। बताया कि इस इनकम से विभिन्न गांवों में विकास कार्य हो सकेंगे और अन्य जरूरी काम निपटा सकेंगे।

वहीं, गांव में सोलर लाइट, स्ट्रीट लाइट भी लगाई गई है। अधिकारियों ने बताया कि क्लस्टर में शामिल 21 गांवों के लोगों के लिए मैरिज हॉल बनाया गया है। इस मैरिज हॉल को संचालित करने वाली समिति इसकी दरें तय करेगी।

जो लोग मैरिज हॉल में शादी समारोह, बर्थ डे सेलिब्रेशन समेत अन्य आयोजन करना चाहते हैं, वह समिति की ओर से निर्धारित दरों का भुगतान करेंगे। यह राशि बाजार के मैरिज हॉल से कम होगी। इससे भी रेवेन्यू जेनरेट होगा

पंजाब में पहले नंबर पर लुधियाना

भारत सरकार की डाॅ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी मिशन योजना के तहत विभिन्न जिलों में क्लस्टर बनाए गए हैं लेकिन लुधियाना में बने क्लस्टर को सूबे में पहला स्थान मिला है। इसका कारण यहां विकास कार्य समेत अधिकांश कार्य समय रहते पूरे होने हैं। अगर भारत वर्ष में बात करें तो लुधियाना को चौथा स्थान मिला है।

मानसून डालेगा कार्यों में खलल
भले ही सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट बनाने को जल्द बनाने के अधिकारियों के दावे किए जा रहे हों लेकिन मानसून इस कार्य में खलल डाल सकता है। जल्द ही मानसून शुरू होने जा रहा है जिसके चलते बारिश में काम प्रभावित होना तय माना जा रहा है। ऐसे में अधिकारी भी यह मानकर चल रहे हैं कि एसटीपी के निर्माण में बारिश परेशान कर सकती है लेकिन वे अपने स्तर से इस कार्य को जल्द पूरा करेंगे।

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