हिमांशु अग्रवाल/छतरपुर: यूं तो आपने अनेकों धार्मिक स्थान और उनकी मान्यताओं के बारे में देखा और सुना होगा, लेकिन आज हम आपको एक ऐसे धार्मिक स्थान के बारे में बताते हैं, जहां पर्वत की चोटी पर कालेश्वर महाराज विराजमान हैं. जिस पहाड़ पर ये स्थान है. उसमें लाखों की संख्या में पेड़ लगे हुए हैं और किसी की मजाल नहीं की इस पहाड़ पर लगे पेड़ों की लकड़ी को कोई तोड़ या काट लें, जिसने भी ऐसा करने की जुर्रत की है उसका अनिष्ट ही हुआ है.
यही वजह है कि छतरपुर जिले के गौरिहार तहसील के प्रकाश बमहौरि गांव के बीच में स्थित पहाड़ में चारों ओर लगे लाखों पेड़ों की हरियाली बेहद ही खूबसूरत और लुभावनी नजर आती है. तो वहीं ऊपर चोटी पर कालेश्वर महराज का मंदिर इस खूबसरती को चार चांद लगाता है. इस स्थान को लेकर ग्रामीण रामनरेश यादव ने मान्यताएं और विशेषता बताई कि यहां पर लाखों पेड़ लगे हैं, पर ऐसी यहां पर मान्यता है कि जो भी इस स्थान पर लगे पेड़ों को काटता या तोड़ता है, उसके साथ अनिष्ट या कहें कि बुरा होता है.
वर्षों से चली आ रही मान्यता
जिस व्यक्ति के द्वारा यहां पर पेड़ या उसकी लकड़ियां काटी जाती हैं. उसके साथ कुछ ही समय बाद उसको स्वयं ही आभास होता है कि उसने इस स्थान की लकड़ी तोड़ी या काटी है, जिससे उसे यह परेशानी हो रही है. फिर पूजा अर्चना के बाद दो-चार 10 दिन में सही हो जाता है. अगर ऐसा नहीं करते तो लकड़ी तोड़ने वाले व्यक्ति की मौत तक हो जाती है. यह मान्यता राजा महाराजा और पूर्वजों के समय से चली आ रही है, जो कि आज भी जारी है.
कालेश्वर महाराज के मंदिर में जो भी सच्चे मन से मनोकामना मांगता है उनकी मनोकामना अवश्य ही वह पूर्ण होती है और कोई भी व्यक्ति यहां से खाली हाथ नहीं जाता. वहीं यह क्षेत्र खनिज संपदा के लिए भी जाना जाता है.
(नोट- यह खबर मान्यताओं के आधार पर है. News18 इसकी पुष्टि नहीं करता)
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FIRST PUBLISHED : June 07, 2023, 23:14 IST