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Punjab News: डॉ. राजीव सूद बने बाबा फरीद विवि के कुलपति, चिकित्सा क्षेत्र में 40 साल का है अनुभव

Dr Rajeev Sood became Vice Chancellor of Baba Farid University

डॉ. राजीव सूद।
– फोटो : अमर उजाला

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पंजाब के राज्यपाल और प्रदेश के विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति बनवारी लाल पुरोहित ने प्रो. डॉ. राजीव सूद को बाबा फरीद यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंसेज फरीदकोट का कुलपति नियुक्त किया है। डॉ. सूद को उनके पदभार ग्रहण करने की तिथि से तीन वर्ष की अवधि के लिए नियुक्त किया गया है।

डॉ. सूद के पास चिकित्सा पद्धति में 40 वर्ष का व्यापक अनुभव है। साथ ही विभिन्न पदों का प्रशासनिक अनुभव भी है। डॉ. सूद एमसीएच में 26 वर्ष और प्रोफेसर के तौर पर 12 वर्ष का शिक्षण अनुभव भी रखते हैं। वह साढ़े पांच साल तक डीन पीजीआईएमईआर दिल्ली और एक साल से अधिक समय तक एबीवीआईएमएस के संस्थापक डीन रहे हैं। वह 10 वर्ष के लिए यूरो सलाहकार के रूप में संसद से भी जुड़े रहे और पांच वर्षों तक राष्ट्रपति के यूरो सलाहकार रहे हैं।

डॉ. सूद के पास 50 से अधिक अनुसंधान परियोजनाएं हैं और उन्होंने 1000 थीसिस और परियोजनाओं का पर्यवेक्षण किया है। उन्होंने 500 से अधिक कार्यशालाओं/प्रशिक्षण मॉड्यूलों का सफलतापूर्वक संचालन करने के अलावा कई राष्ट्रीय/अंतरराष्ट्रीय शोध पत्र प्रकाशित किए हैं।

डॉ. राजीव सूद ने मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज दिल्ली से स्नातक की उपाधि प्राप्त की और डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल एवं पीजीएमआईईआर-दिल्ली से एमएस (जनरल सर्जरी) पास की। बाद में एम्स नई दिल्ली से एमसीएच (यूरोलॉजी) किया। डॉ. राजीव सूद को साल 2017 में चिकित्सा क्षेत्र के प्रतिष्ठित डॉ. बीसी रॉय नेशनल अवार्ड से सम्मानित किया जा चुका है।

पंजाब सरकार ने पांच अफसरों का भेजा था पैनल

बाबा फरीद यूनिवर्सिटी के कुलपति पद के लिए पंजाब सरकार ने सोमवार को पांच अफसरों के नाम का पैनल राज्यपाल के पास भेजा था। गौरतलब है कि डॉ. राजबहादुर के वीसी पद से इस्तीफे के बाद राज्य सरकार ने डॉ. गुरप्रीत सिंह वांडर के यूनिवर्सिटी का वाइस चांसलर नियुक्त कर दिया था। इस पर राज्यपाल ने कड़ा एतराज जताते हुए डॉ. वांडर की नियुक्ति रद्द कर राज्य सरकार से पांच अफसरों के नामों का पैनल भेजने को कहा था।

इस मुद्दे पर राज्यपाल और मुख्यमंत्री के बीच काफी समय तक विवाद भी चला लेकिन राज्यपाल ने प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों का कुलाधिपति होने के नाते वाइस चांसलर की नियुक्ति के अपने अधिकार का हवाला देते हुए राज्य सरकार के एकतरफा फैसला को दरकिनार कर दिया था। आखिरकार मुख्य सचिव वीके जंजुआ की अध्यक्षता में राज्य सरकार ने चयन कमेटी का गठन कर पांच अफसरों के नामों का पैनल तैयार कर राज्यपाल को भेज दिया था।

इस पैनल में पीजीआई के डीन प्रोफेसर डॉ. राकेश सहगल, पीजीआई के परमाणु मेडिसन विभाग के प्रोफेसर बलजिंदर सिंह, राजिंदरा मेडिकल कॉलेज पटियाला के पूर्व प्रोफेसर केके अग्रवाल, जीएमसीएच-32 चंडीगढ़ के माइक्रो बायोलॉजी विभाग के पूर्व एचओडी प्रो. जगदीश चंदर और दिल्ली के प्रोफेसर डॉ. राजीव सूद का नाम शामिल था।

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