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Rajasthan: 28 ठिकानों पर तीसरे दिन भी ED की कार्रवाई जारी, कई दस्तावेज जब्त, ढाका की गिरफ्तारी की कोशिशें तेज

Rajasthan ED action continues on the third day at 28 locations many documents seized

सांकेतिक तस्वीर
– फोटो : सोशल मीडिया

विस्तार

पेपर लीक मामले में लगातार तीसरे दिन भी कार्रवाई और ईडी की पूछताछ जारी है।  राजस्थान लोक सेवा आयोग के मेंबर बाबूलाल कटारा, फरार चल रहे मास्टरमाइंड सुरेश ढाका और सुरेश कुमार विश्नोई के घर से कई महत्वपूर्ण डॉक्युमेंट्स ईडी को मिले हैं। इन सभी आरोपियों के निवास और ऑफिस को सील कर दिया गया है। ईडी की टीम ने दो दर्जन ज्यादा टैबलेट और लैपटॉप ज़ब्त किए हैं।

बैंक स्टेटमेंट और मोबाइल फोन का डाटा भी खंगाला जा रहा है। प्राथमिक जांच में आरोपियों से जुड़े कुछ नए लोगों की जानकारी भी सामने आई है, जिनकी पड़ताल की जा रही है। ईडी की टीम के साथ सीआरपीएफ के और और ज्यादा जवान अब शामिल किए जा सकते हैं। क्योंकि जांच के दायरे को बढ़ाकर ठिकानों की संख्या 28 से 35 तक पहुंच सकती है।

मनी लॉन्ड्रिंग और नकल गिरोह पर शिकंजा…

बुधवार को आरपीएससी के कुछ और सदस्यों और कुछ नेताओं से ईडी के अफसर पूछताछ कर सकते हैं। ईडी को शक है कि आरपीएससी का सदस्य बाबूलाल कटारा इतने बड़े घोटाले को अकेले ही अंजाम नहीं दे सकता था। उसके साथ कुछ और भी स्टाफ और सदस्य मिले हो सकते हैं। बुधवार को ईडी की टीम जयपुर में कुछ नेताओं और उनके परिचितों से पूछताछ कर सकती है। जयपुर में चार ठिकानों पर सर्च की गई है। ईडी की अब तक की जांच में पता चला है कि यह पूरा मामला मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़ा हुआ है। पेपर लीक, नकल और नौकरी लगाने के नाम पर पूरी गैंग ने संगठित काम किया। कई अभ्यर्थियों की नौकरी लगाई। इसमें करोड़ों रुपए का लेन-देन भी हुआ है। आरपीएससी के अन्य सदस्यों से भी इस बार पूछताछ हो सकती है।

सुरेश डाका की गिरफ्तारी के प्रयास तेज…

सुरेश ढाका की गिरफ्तारी के प्रयास भी ईडी ने तेज कर दिए हैं। राजस्थान पुलिस के साथ-साथ ईडी को भी सुरेश ढाका की तलाश है। ईडी के अफसरों को पता लगा है कि सुरेश ढाका के प्रदेश में कई मंत्रियों और ब्यूरोक्रेट्स के साथ अच्छे संबंध थे। नौकरी लगाने के धंधे के साथ उसकी कई कोचिंग सेंटरों में पार्टनरशिप भी थी। जिनमें कई नेताओं और ब्यूरोक्रेट्स का पैसा लगा हुआ था। ऐसे पुख्ता सबूत मिले हैं कि ढाका कई राजनेताओं के सोशल मीडिया हैंडल को मैनेज कर रहा था। ढाका ने कई कोचिंग सेंटर्स में मोटी रकम लगाई हुई है।

बाबूलाल कटारा मामले में जांच का दायरा बढ़ेगा…

आरपीएससी के सदस्य रहे बाबूलाल कटारा के डूंगरपुर स्थित निवास से ईडी को कई डाक्यूमेंट्स मिले हैं, जिसमें उनके बेटे और परिवार के अन्य सदस्यों के नाम हैं। सूत्र बताते हैं कि बाबूलाल कटारा के आवास पर सर्च के दौरान ईडी को उनके बेटे के नाम 50 लाख रुपए के म्यूचुअल फंड की जानकारी मिली है।

साल 2021-22 में अलग-अलग जिलों में 5 जगह जमीन खरीदने की भी जानकारी मिली है। बाबूलाल कटारा, उनके बेटे और और परिवार के अन्य सदस्यों से इस बारे में पूछताछ की जाएगी। शेर सिंह मीणा की फ्रेंड अनिता मीणा,  बाबूलाल कटारा के भतीजे विजय डामोर, सुरेश कुमार विश्नोई और सुरेश ढाका के परिवार के सदस्यों की भी जांच की जा रही है। जयपुर, उदयपुर, अजमेर, जालोर, डूंगरपुर, बांसवाड़ा, सिरोही में कुल 28 जगहों पर ईडी की टीम जांच कर रही है। ईडी के अधिकारी आरोपियों के परिजनों के बयान और लेन-देन और इन्वेस्टमेंट संबंधी जानकारी जुटा रहे हैं। ईडी को पेपर लीक और रुपयों के भारी मात्रा में लेन-देन के सबूत मिले हैं।

पीई दर्ज करके एक्शन लेगी ईडी…

मिले सबूतों और दस्तावेजों के आधार पर ईडी की ओर से प्रारंभिक जांच (PRIMARY ENQUIRY) भी दर्ज करने की तैयारी है, जिसके बाद सभी आरोपियों से ईडी के अधिकारी खुलकर पूछताछ करेंगे, जिनके खिलाफ उन्हें सबूत और दस्तावेज मिले हैं। इनमें कई राजनेता और ब्यूरोक्रेट्स, अफसर, कर्मचारी शामिल हैं।

कई और भर्ती परीक्षाएं भी जांच के दायरे में आईं…

जानकारी के मुताबिक, ईडी की कुछ टीमें रीट के पहले और बाद में हुईं भर्ती परीक्षाओं की जांच भी कर रही हैं। शक है कि परीक्षाओं में भी नकल और घपला किया गया होगा। आरपीएससी की ओर से हुई आरएएस, सब इंस्पेक्टर, जेईएन भर्ती परीक्षा, कॉन्स्टेबल भर्ती परीक्षा और विद्युत विभाग की ओर से आयोजित जूनियर और कॉमर्शियल असिस्टेंट भर्ती परीक्षाएं शामिल हैं।

सीएम गहलोत बोले- ईडी का ध्यान संजीवनी पर क्यों नहीं जाता?

राजस्थान में ईडी की कार्रवाई पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि लड़ाई विचारधारा की होती है। पेपर लीक में जांच करने वाली ईडी का ध्यान संजीवनी घोटाले पर क्यों नहीं जा रहा है? संजीवनी घोटाले में गरीबों के पैसे भी विदेश में लगे हुए हैं। उनकी जांच करनी चाहिए। गहलोत ने केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के लिए कहा कि वह अच्छे से जानते हैं कि एक लाख से ज्यादा पीड़ित लोगों की जिंदगी भर की जमा पूंजी के करीब 900 करोड़ रुपये संजीवनी सोसायटी ने लूटे हैं। संपत्ति जब्त करने के अधिकार एसओजी के पास नहीं, बल्की ईडी के पास हैं। राजस्थान एसओजी ने पिछले दो साल में ईडी को पांच बार संजीवनी सोसाइटी से जुड़ी संपत्ति ज़ब्त करने का आग्रह किया है। लेकिन देश भर में विपक्षी नेताओं के घर छापे मारने वाली ईडी ने अभी तक संजीवनी घोटाले के आरोपियों की संपत्ति जब्त नहीं की है।

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