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Rajasthan: काली तीर योजना को लेकर कांग्रेसियों में घमासान, MLA मलिंगा और बैरवा CM के कार्यक्रम में नहीं पहुंचे

Furore among Congressmen over Kali Teer scheme MLA Malinga and Bairwa did not attend CM Gehlot program

बाड़ी विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा
– फोटो : सोशल मीडिया

विस्तार

धौलपुर जिले के चारों विधानसभा क्षेत्र के लिए स्वीकृत की गई काली तीर परियोजना पर कांग्रेस में जोरदार रार देखने को मिल रही है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बुधवार को वर्चुअल काली तीर परियोजना का राजाखेड़ा में शिलान्यास कर दिया। शिलान्यास कार्यक्रम में राजाखेड़ा विधायक रोहित बोहरा और धौलपुर विधायक शोभारानी कुशवाह मौजूद रहीं। बाड़ी विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा और बसेड़ी विधायक खिलाड़ी लाल बैरवा की मुख्यमंत्री के कार्यक्रम में गैर मौजूदगी देखी गई।

लगभग 8 करोड़ की लागत से जिले के लिए स्वीकृत की गई काली तीर परियोजना पर कांग्रेस में जोरदार घमासान देखने को मिल रहा है। राजाखेड़ा विधानसभा क्षेत्र के विधायक रोहित बोहरा काली तीर परियोजना को धरातल पर लाने का श्रेय खुद दे रहे हैं। वहीं बाड़ी विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा काली तीर परियोजना को स्वीकृति दिलाना खुद की मेहनत का नतीजा बता रहे हैं। बसेड़ी विधायक खिलाड़ी लाल बैरवा ने भी परियोजना को लेकर गिर्राज सिंह मलिंगा की हां में हां डालकर परियोजना का श्रेय गिर्राज सिंह मलिंगा एवं खुद को दिया है। काली तीर परियोजना को लेकर भाजपा भी अछूती नहीं रही। 

भाजपा के क्षेत्रीय सांसद डॉ मनोज राजोरिया ने हाल ही में प्रेस वार्ता कर परियोजना को लागू करने का श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दिया है। पिछले एक सप्ताह से काली तीर परियोजना जमकर सुर्खियां बटोर रही है। बुधवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजाखेड़ा में वर्चुअल तरीके से विधायक रोहित बोहरा एवं विधायक शोभारानी कुशवाहा की मौजूदगी में काली तीर परियोजना का शिलान्यास कर दिया। मुख्यमंत्री के शिलान्यास कार्यक्रम में गिर्राज सिंह मलिंगा एवं खिलाड़ी लाल बैरवा का नहीं पहुंचना जिले की सियासत में चर्चा का विषय बना हुआ है।

वर्ष 2011 से उठा रहा मुद्दा- बोले गिर्राज सिंह मलिंगा

काली तीर परियोजना को लेकर बाड़ी विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा ने कहा, परियोजना का मुद्दा उन्होंने वर्ष 2011 से उठाया है। तब रोहित बोहरा और उनके पिता प्रद्युम्न सिंह विधायक भी नहीं थे। मलिंगा ने कहा कि 2012 में इस परियोजना को लेकर सर्वे भी कराया था। जिसका रिकॉर्ड संबंधित विभाग में मौजूद है। 2013 के बाद तत्कालीन कांग्रेस की सरकार चली जाने पर उन्होंने वसुंधरा सरकार में भी काली तीर परियोजना के मुद्दे को पुरजोर तरीके से उठाया था। उन्होंने कहा राजाखेड़ा विधायक रोहित बोहरा जनता को गुमराह कर झूठी वाहवाही लूट रहे हैं। विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा ने काली तीर परियोजना को धरातल पर लाने का श्रेय खुद के प्रयासों को दिया है।

क्या है काली तीर परियोजना

काली तीर परियोजना को राज्य सरकार ने 8 सौ करोड़ से अधिक की वित्तीय स्वीकृति जारी कर झंडी दी है। काली तीर परियोजना का मुख्य उद्देश्य बाड़ी और बसेड़ी विधानसभा के डांग क्षेत्र को पानी उपलब्ध कराना है। बसेड़ी विधानसभा क्षेत्र के सरमथुरा उपखंड के डांग इलाके में इस प्रोजेक्ट को लगाया जाएगा। चंबल नदी से परियोजना को कनेक्ट कर आंगई डैम, राम सागर, उर्मिला सागर एवं तालाब शाही में पानी छोड़ा जाएगा। इन चार बांध से पानी नहर एवं पाइप लाइन के माध्यम से बसेड़ी, सरमथुरा, बाड़ी,सैंपऊ, धौलपुर, मनिया एवं राजाखेड़ा में उपलब्ध कराया जाएगा। काली तीर परियोजना से लगभग 500 गांव लाभान्वित होंगे। खेती की सिंचाई के लिए 24 घंटे किसानों को पानी उपलब्ध होने के साथ पीने के लिए भी फिल्टर्ड पानी उपलब्ध कराया जाएगा। इस परियोजना से बाड़ी एवं बसेड़ी विधानसभा क्षेत्र के लोगों को अधिक लाभ मिलेगा।

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