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Wrestlers Row : पहलवानों के ‘अखाड़े’ में सियासी हलचल, कांग्रेस ने कहा-दखल दें प्रधानमंत्री मोदी

Political stir intensifies in wrestlers' strike at Jantar Mantar

धरने पर बैठे पहलवान
– फोटो : अमर उजाला

विस्तार

जंतर-मंतर पर पहलवानों के धरना में सियासी हलचल तेज होती दिख रही है। शनिवार को कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी व सांसद दीपेंद्र हुड्डा और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पहलवानों के समर्थन में धरनास्थल पर पहुंचे और केंद्र सरकार पर हमला बोला। कांग्रेस ने मामले में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से दखल का अनुरोध किया है। पार्टी ने पीटी उषा के अनुशासनहीनता वाले बयान को भी सिरे से खारिज किया है। 

  इस संदर्भ में शनिवार को पार्टी मुख्यालय में पार्टी के सांसद दीपेंद्र हुड्डा और पूर्व ओलंपिक खिलाड़ी कृष्णा पूनिया ने आरोप लगाया कि इस मामले में खेल मंत्रालय की भूमिका की भी जांच होनी चाहिए, क्योंकि खिलाड़ियों को तीन महीने तक केवल झांसे में रखा गया और बृजभूषण शरण सिंह को बचाने की कवायद की गई। पुनिया के कहा एक महिला खिलाड़ी होने के नाते वह कह सकती हैं कि शोषण की शिकायत करके इन महिला खिलाड़ियों ने बड़ा काम किया है। इसलिए उन्हें न्याय मिलना चाहिए।  दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कुश्ती फेडरेशन ऑफ इंडिया के मुखिया हिस्ट्रीशीटर हैं, उन पर पहले से ही 40 से ज्यादा संगीन अपराधों के मुकदमे हैं। वह बाहुबली नेता है, ऐसे में उनके पद पर रहते खिलाड़ियों को कैसे न्याय मिलेगा। 

प्रियंका ने कहा-आखिर बृजभूषण को क्यों बचा रही मोदी सरकार

शनिवार को कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने जंतर-मंतर पर धरनास्थल पर पहुंचकर पहलवानों का  समर्थन करते हुए कहा कि ब्रजभूषण के खिलाफ दो एफआईआर दर्ज हुईं, लेकिन कॉपी नहीं मिली है। आखिर सरकार बृजभूषण शरण सिंह को क्यों बचा रही है। बहुत सारी लड़कियां है जिनके साथ ऐसा हुआ है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से  मेरी कोई उम्मीद नहीं है। मेडल लेकर आए तो घर बुलाया, अब क्यों नहीं बुला रहे हैं। 

जंतर-मंतर पहुंचे केजरीवाल कहा-पहलवानों का दें साथ

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल शनिवार को जंतर-मंतर पर पहुंचे और कई दिनों से धरना दे रहे पहलवानों को समर्थन दिया। उन्होंने पूरे देश से पहलवानों का साथ देने की अपील की। उन्होंने कहा कि जो लोग भारत मां से प्यार करते हैं, वे सभी इनके समर्थन देने जंतर-मंतर जरूर पहुंचे, भले ही एक-दो दिन की छुट्टी लेनी पड़े। ये बच्चियां अपने लिए नहीं, बल्कि खेल जगत के लिए लड़ रही हैं।

दुनिया में देश का नाम रोशन करने वाली इन बेटियों को पूरे देश ने कंधे पर उठाया था, लेकिन आज इन्हें छेड़खानी करने वाले व्यक्ति के खिलाफ एक एफआईआर कराने के लिए धरना देना पड़ रहा है। प्रधानमंत्री ने गरीब के बच्चों को पढ़ाने वाले को जेल में डाल दिया और महिला खिलाड़ियों का शोषण करने वाले को गले लगा लिया। दिल्ली का मुख्यमंत्री होने के नाते मुझसे जो भी बन पड़ेगा, मैं सब कुछ करूंगा। सभी हमारे ही बच्चे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे देश के किसी भी बहन-बेटी के साथ गलत काम करने वाले व्यक्ति को तुरंत पकड़कर सख्त सजा देनी चाहिए और फांसी पर लटका देना चाहिए। 

ये सामान्य महिलाएं नहीं हैं। ये वो महिलाएं हैं, जिन्होंने मेहनत से दुनियाभर में देश का नाम रोशन किया। जब इन्होंने मेडल जीते थे तो टीवी पर पूरी दुनिया इन्हें देख रही थी। यह बहुत ही दुख की बात है कि इनके साथ किसी आदमी ने छेड़खानी, दुर्व्यवहार व गलत काम किया। 

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