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अकादमी पुरस्कार का आयोजन 13 मार्च के दिन लॉस एंजिल्स में होने वाला है। बता दें, सभी भारतीयों की नजरें ऑस्कर अवॉर्ड्स पर टिकी हुई हैं। दरअसल, इस बार ऑस्कर अवॉर्ड्स के लिए भारत की दो फिल्मों को शॉर्टलिस्ट किया गया है। पहली गुजराती फिल्म ‘छेल्लो शो (लास्ट फिल्म शो)’ और दूसरी एसएस राजामौली की फिल्म ‘आरआरआर’। यूं तो सभी भारतीयों को उम्मीद है कि इस बार भारत की किसी-न-किसी फिल्म को ऑस्कर जरूर मिलेगा लेकिन, लगता है एसएस राजामौली को इस बात पर डाउट है।
एसएस राजामौली ने कही ये बात
एपीएफ को दिए इंटरव्यू के दौरान जब एसएस राजामौली से ऑस्कर अवॉर्ड के बारे में पूछा गया तब निर्देशक ने कहा, “हमारी फिल्म ‘आरआरआर’ एक के बाद एक अवॉर्ड अपने नाम जरूर कर रही है लेकिन, मुझे लगता है कि हम अभी बहुत ही इनिशियल स्टेज पर हैं। जब आप (दक्षिण) कोरिया की फिल्मों को देखेंगे तब आपको पता चलेगा कि उन्होंने किस तरह की फिल्में बनाई हैं। हमें भी उनसे सिखना चाहिए।”
क्या निर्देशक की फिल्मों में छुपा होता है कोई एजेंडा?
इंटरव्यू के दौरान एसएस राजामौली से जब पूछा गया कि क्या फिल्म ‘आरआरआर’ को बनाने के पीछे उनका कोई एजेंडा था तब निर्देशक ने कहा, “कोई एजेंडा नहीं था। मैं उन लोगों के लिए फिल्में बनाता हूं जो फिल्म की टिकट खरीदने के लिए अपनी मेहनत की कमाई देने के लिए तैयार हैं। मैं चाहता हूं कि वे लोग सिनेमाघरों में आएं, समय बिताएं, एंटरटेन हो, वापस जाएं और अपनी जिंदगी जीएं। जब मैं किसी फिल्म को देखने जाता हूं, तो मैं लार्जर दैन लाइफ कैरेक्टर, लार्जर दैन लाइफ सिचुएशन, लार्जर दैन लाइफ ड्रामा देखना पसंद करता हूं। इसलिए मुझे भी इसी तरह की फिल्में बनाना पसंद है।”