महज 10 साल में एक पत्रकार से उप-मुख्यमंत्री की कुर्सी तक का सफर करने वाले सिसोदिया वैसे तो शुरू से ही सरकार में अहम भूमिका निभाते आ रहे थे, लेकिन मंत्री सत्येंद्र जैन की गिरफ्तारी के बाद उनकी जिम्मेदारी और बढ़ गई। इस वक्त वह दिल्ली सरकार के कुल 18 अहम विभागों का जिम्मा संभाले हुए थे। हालांकि, शिक्षा को वह शुरू से ही अपना प्रिय क्षेत्र बताते रहे और उसके सुधार पर उनका खास फोकस भी रहा, लेकिन नए मंत्रालय मिलने के बाद पीडब्ल्यूडी मिनिस्टर के तौर पर भी उनके काम को केजरीवाल ने सराहा। इसके अलावा, वित्त मंत्री के तौर पर सरकार की योजनाओं को अमलीजामा पहनाने के लिए फंड्स के एलोकेशन में भी उनकी बेहद अहम भूमिका रही।
देशभर में ‘आप’ के विस्तार में भी काम किया
केवल दिल्ली सरकार ही नहीं, बल्कि देशभर में आप के विस्तार में भी सिसोदिया केजरीवाल के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम कर रहे थे। जिस वक्त केजरीवाल गुजरात विधानसभा चुनाव में व्यस्त थे, उस समय दिल्ली में एमसीडी चुनाव के प्रचार का पूरा बीड़ा सिसोदिया ने अपने ही कंधों पर उठा रखा था। गुजरात, हिमाचल, गोवा, पंजाब, महाराष्ट्र, उत्तराखंड, मध्यप्रदेश, राजस्थान समेत अन्य राज्यों के विधानसभा चुनाव के लिए भी रणनीति बनाने से लेकर चुनाव प्रचार तक में सिसोदिया का अहम योगदान रहा।
उत्तर प्रदेश के हापुड़ में जन्मे 51 साल के मनीष सिसोदिया पूर्वी दिल्ली की पटपड़गंज विधानसभा सीट से विधायक हैं। वह आप के संस्थापक सदस्य और पार्टी में फैसले लेने वाली सर्वोच्ची बॉडी पीएसी के मेंबर भी हैं। 90 के दशक में पत्रकारिता के पेशे से जुड़ने के बाद उन्होंने रेडियो और न्यूज चैनलों में काम किया, लेकिन जल्द ही वह समाजसेवा और फिर सियासत से जुड़ गए।