![GDP: सरकार आज जारी करेगी अक्तूबर-दिसंबर के जीडीपी आंकड़े, तीसरी तिमाही में 5.5 फीसदी तक रह सकती है विकास दर जीडीपी (सांकेतिक तस्वीर)।](https://i0.wp.com/staticimg.amarujala.com/assets/images/2021/01/01/750x506/gdp_1609488608.jpeg?resize=414%2C233&ssl=1)
जीडीपी (सांकेतिक तस्वीर)।
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आरबीआई की ओर से नीतिगत दर (रेपो दर) में आक्रामक बढ़ोतरी के बीच कमजोर मांग की वजह से चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही यानी अक्तूबर-दिसंबर में देश की आर्थिक वृद्धि घटकर 5.5 फीसदी तक रह सकती है। सरकार मंगलवार को तीसरी तिमाही के जीडीपी के आंकड़े जारी करेगी। 2022-23 की दूसरी तिमाही में विकास दर 6.3 फीसदी रही थी।
अर्थशास्त्रियों का कहना है कि केंद्रीय बैंक उच्च महंगाई पर काबू करने के लिए मई, 2022 से अब तक रेपो दर में 2.50 फीसदी की बढ़ोतरी कर चुका है। इससे लोगों की मासिक किस्त (ईएमआई) बढ़ी है और उनकी खर्च करने की क्षमता प्रभावित हुई है। कारोबारी गतिविधियों में भी नरमी आई है। इससे मांग और खपत के मोर्चे पर कमजोरी आई है, जिसका असर तीसरी तिमाही के जीडीपी के आंकड़ों पर दिख सकता है। बार्कलेज इंडिया के अर्थशास्त्री राहुल बजोरिया ने कहा कि वैश्विक स्तर पर अनिश्चितता के बीच उच्च ब्याज दर की वजह से कर्ज वितरण की रफ्तार में नरमी आई है। थोड़ी राहत के बावजूद महंगाई अब भी उच्च स्तर है। इसका असर विकास दर पर पड़ने की आशंका है।
इन कारकों से भी प्रभावित होगी आर्थिक वृद्धि की रफ्तार
एचडीएफसी बैंक की प्रमुख अर्थशास्त्री साक्षी गुप्ता ने कहा, मंदी की आशंका के बीच कारोबारी गतिविधियों में नरमी से विनिर्माण प्रभावित होने की आशंका है।
- कृषि क्षेत्र से भी अर्थव्यवस्था को कम समर्थन मिलने का अनुमान है।
- सेवा क्षेत्र के 14 उच्च आवृत्ति वाले संकेतकों में 12 का प्रदर्शन 2022-23 की दूसरी तिमाही के मुकाबले तीसरी तिमाही में कमजोर रह सकता है।
- मॉर्गन स्टैनली इंडिया की मुख्य अर्थशास्त्री उपासना चाचरा ने कहा, हाल के महीनों में निर्यात में गिरावट आई है। उपभोक्ता मांग भी कमजोर हुई है। इससे तीसरी तिमाही में जीडीपी की वृद्धि दर कम रह सकती है।
अन्य एजेंसियों का अनुमान
एजेंसी विकास दर
एसबीआई 4.6 फीसदी
आरबीआई 4.4 फीसदी
बार्कलेज 5.0 फीसदी
यस बैंक 5.5 फीसदी
आईसीआईसीआई
सिक्योरिटीज 4.7 फीसदी
2027-28 तक तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनेगा भारत : पनगढ़िया
नीति आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष अरविंद पनगढ़िया का कहना है कि भारत 2027-28 तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। उन्होंने कहा, वैश्विक अर्थव्यवस्था में भारत की स्थिति नाटकीय तरीके से मजबूत हो रही है। भारत को व्यापार बाधाओं को नहीं बढ़ाना चाहिए बल्कि वैश्विक व्यापार में बड़ी हिस्सेदारी पाने पर ध्यान देना चाहिए।