Categories: International

मगरमच्छ काट खाए आपके हाथ तो कैसा लगेगा? पढ़ें, इस दैत्याकार जीव के हमले की दर्दनाक कहानी!

हम अक्‍सर रोमांच की तलाश में घने जंगलों के बीच चले जाते हैं और कई बार रास्‍ता भूल जाते हैं. फ्लोरिडा के एरिक के साथ भी यही हुआ. शहर में काम खत्‍म करने के बाद घर लौटते समय उसे घूमने का मन किया तो वह जंगल की ओर न‍िकल गया. सोचा था क‍ि मैनाटी फिश कैंप में कुछ दिन बिताएगा पर चिलचिलाती गर्मी में घनी और कंटीली झाड़ियों के बीच घंटों चलने के बाद, उसे एहसास हुआ कि वह भटक गया है. उसने अपना फोन भी अपनी वैन में छोड़ दिया था. तभी एक लंबी झील नजर आई. पानी के पार एक बोट-लैंडिंग रैंप दिख रहा था. उसे लगा शायद वहां कोई मिल जाए जो रास्‍ता बता दे.

हालांकि, घने जंगल की वजह से वहां पहुंचने में बहुत अधिक समय लगता. इसलिए पानी में मगरमच्छ होने की चेतावनी के बावजूद, मेरडा पानी में उतरा और लैंडिंग रैंप की ओर निकल गया. करीब तीन घंटे वह पानी में तैरता रहा लेकिन रास्‍ता नहीं सूझ रहा था. तभी उसकी नजर ऊपर गई और उसे मगरमच्छ की आंख दिखी. वह घबरा गया. एरिक कुछ समझ पाता उससे पहले लगभग 7 फुट के दैत्‍यकार मगरमच्‍छ ने हमला बोल दिया, सिर पर जोरदार टक्‍कर मारी और सामने अंधेरा छा गया . मगरमच्‍छ ने दो बार एरिक को खींचा पर दोनों बार वह छुड़ा ले गया, तीसरी बार मगरमच्‍छ ने उसकी बांह पकड़ ली और जाने नहीं दिया. एरिक तड़पता रहा, लेकिन छुड़ा नहीं पाया. मगरमच्‍छ ने उसका दाहिना हाथ काट खाया. जब उसे लगा क‍ि अब सब कुछ खत्‍म हो गया तभी मगरमच्‍छ उसे छोड़कर चला गया

जान बचाने की लंबी जद्दोजहद के बाद वह आखिरकार किनारे पर वापस आ गया. हाथ से खून बहता चला जा रहा था. वह इतना डरा हुआ था क‍ि एक मोटी घास के उपर जाकर बैठ गया ताक‍ि अगर मगरमच्‍छ आए भी तो घास पर चलने की आवाज से उसे पता चल जाए. पूरी तरह से थके हुए और दर्द में, उसने पहली रात वहीं बिताई. थोड़ी देर बाद खून का रिसना भी बंद हो गया. बता दें कटी हुई धमनियां खुद बंद कर सकती हैं अगर उन्हें सफाई से काटा जाए.

वह सुबह एक पेड़ पर चढा ताक‍ि कुछ नजर आ सके पर कुछ नहीं दिखा. एरिक ने बताया क‍ि वह लगातार चिल्ला रहा था, इस उम्मीद में कि कोई उसे सुन सकता है पर कुछ नहीं सुनाई दिया. वहां जमीन कांटों से भरी थी, उसकी पीठ पर लाल चींटियां हमला कर रही थीं, और मक्खियां उसके चारों ओर इकट्ठी हो गई थीं. इसलिए वहां रहना खतरे से खाली नहीं था पर मेरडा ने अपनी दूसरी रात पानी के किनारे पर कंक्रीट के एक छोटे से स्लैब पर बिताई, जिस पर वह लेट सके. जिंदा रहने के लिए उसने झील का बदबूदार पानी प‍िया. कुछ बैंगनी फूल खाए.

उसने ओवरहेड बिजली लाइनों का उपयोग करके अपना रास्ता नेविगेट करने की कोशिश की लेकिन फिर उसने पाया कि वह घेरे में चक्कर लगा रहा था। बाद में मेरडा ने उस जंगल में वापस जाने का फैसला किया जहां से वह आया था। चौथे दिन तक उसने महज 100 कदम की दूरी तय की. और दोपहर में जाकर उसे वह बीयर की बोतल मिल गई जिसे वह जाते वक्‍त छोड़ गया था. उसी के सहारे वह अपनी वैन तक पहुंचने में सफल रहा. करीब तीन हफ्ते के उपचार के बाद अब उसकी सेहत में सुधार हो रहा है.

Tags: Ajab ajab news, Shocking news, Trending news

Recent Posts

छत्तीसगढ़ सरकार का महत्वपूर्ण ऐलान: आरोपियों को सरकारी नौकरियों से प्रतिबंध

आज पूरे हिंदुस्तान में धूमधाम से स्वतंत्रता दिवस मनाया जा रहा है। इस खास मौके…

11 months ago

MP जेल में आजादी के पर्व पर एक नया मोड़: कैदियों के लिए कैंटीन की शुरुआत

मध्यप्रदेश के खंडवा जिले की शहीद टंट्या मामा जेल में बंद बंदियों के लिए एक…

11 months ago

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री ने मां नर्मदा मंदिर में पूजा अर्चना की, प्रदेश की कुशलता की मांगी कामना

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मां नर्मदा उद्गम स्थल मंदिर परिसर में पूजा अर्चना की,…

11 months ago

मध्य प्रदेश में इस बार धमाकेदार होगी बहनों की राखी, मुख्यमंत्री ने दिया यह उपहार

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने हाल ही में एक उत्कृष्ट पहल की…

11 months ago

लाडली बहन योजना: 1.25 करोड़ बहनों के लिए आई खुशखबरी, तीसरी किस्त जारी करने की तैयारी

मध्य प्रदेश सरकार ने लाडली बहन योजना के तहत 1.25 करोड़ बहनों के लिए एक…

11 months ago

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने मंच से की ये बड़ी घोषणा, जनता को होगा बड़ा फायदा

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने लाडली बहन योजना के प्रचार प्रसार के…

11 months ago