हम अक्सर रोमांच की तलाश में घने जंगलों के बीच चले जाते हैं और कई बार रास्ता भूल जाते हैं. फ्लोरिडा के एरिक के साथ भी यही हुआ. शहर में काम खत्म करने के बाद घर लौटते समय उसे घूमने का मन किया तो वह जंगल की ओर निकल गया. सोचा था कि मैनाटी फिश कैंप में कुछ दिन बिताएगा पर चिलचिलाती गर्मी में घनी और कंटीली झाड़ियों के बीच घंटों चलने के बाद, उसे एहसास हुआ कि वह भटक गया है. उसने अपना फोन भी अपनी वैन में छोड़ दिया था. तभी एक लंबी झील नजर आई. पानी के पार एक बोट-लैंडिंग रैंप दिख रहा था. उसे लगा शायद वहां कोई मिल जाए जो रास्ता बता दे.
हालांकि, घने जंगल की वजह से वहां पहुंचने में बहुत अधिक समय लगता. इसलिए पानी में मगरमच्छ होने की चेतावनी के बावजूद, मेरडा पानी में उतरा और लैंडिंग रैंप की ओर निकल गया. करीब तीन घंटे वह पानी में तैरता रहा लेकिन रास्ता नहीं सूझ रहा था. तभी उसकी नजर ऊपर गई और उसे मगरमच्छ की आंख दिखी. वह घबरा गया. एरिक कुछ समझ पाता उससे पहले लगभग 7 फुट के दैत्यकार मगरमच्छ ने हमला बोल दिया, सिर पर जोरदार टक्कर मारी और सामने अंधेरा छा गया . मगरमच्छ ने दो बार एरिक को खींचा पर दोनों बार वह छुड़ा ले गया, तीसरी बार मगरमच्छ ने उसकी बांह पकड़ ली और जाने नहीं दिया. एरिक तड़पता रहा, लेकिन छुड़ा नहीं पाया. मगरमच्छ ने उसका दाहिना हाथ काट खाया. जब उसे लगा कि अब सब कुछ खत्म हो गया तभी मगरमच्छ उसे छोड़कर चला गया
जान बचाने की लंबी जद्दोजहद के बाद वह आखिरकार किनारे पर वापस आ गया. हाथ से खून बहता चला जा रहा था. वह इतना डरा हुआ था कि एक मोटी घास के उपर जाकर बैठ गया ताकि अगर मगरमच्छ आए भी तो घास पर चलने की आवाज से उसे पता चल जाए. पूरी तरह से थके हुए और दर्द में, उसने पहली रात वहीं बिताई. थोड़ी देर बाद खून का रिसना भी बंद हो गया. बता दें कटी हुई धमनियां खुद बंद कर सकती हैं अगर उन्हें सफाई से काटा जाए.
वह सुबह एक पेड़ पर चढा ताकि कुछ नजर आ सके पर कुछ नहीं दिखा. एरिक ने बताया कि वह लगातार चिल्ला रहा था, इस उम्मीद में कि कोई उसे सुन सकता है पर कुछ नहीं सुनाई दिया. वहां जमीन कांटों से भरी थी, उसकी पीठ पर लाल चींटियां हमला कर रही थीं, और मक्खियां उसके चारों ओर इकट्ठी हो गई थीं. इसलिए वहां रहना खतरे से खाली नहीं था पर मेरडा ने अपनी दूसरी रात पानी के किनारे पर कंक्रीट के एक छोटे से स्लैब पर बिताई, जिस पर वह लेट सके. जिंदा रहने के लिए उसने झील का बदबूदार पानी पिया. कुछ बैंगनी फूल खाए.
उसने ओवरहेड बिजली लाइनों का उपयोग करके अपना रास्ता नेविगेट करने की कोशिश की लेकिन फिर उसने पाया कि वह घेरे में चक्कर लगा रहा था। बाद में मेरडा ने उस जंगल में वापस जाने का फैसला किया जहां से वह आया था। चौथे दिन तक उसने महज 100 कदम की दूरी तय की. और दोपहर में जाकर उसे वह बीयर की बोतल मिल गई जिसे वह जाते वक्त छोड़ गया था. उसी के सहारे वह अपनी वैन तक पहुंचने में सफल रहा. करीब तीन हफ्ते के उपचार के बाद अब उसकी सेहत में सुधार हो रहा है.
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