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Gujarat Elections 2022: गुजरात में किए गए ये काम बताते हैं पीएम मोदी क्यों हैं अजेय! यूं बदल दी प्रदेश की सूरत

हाइलाइट्स

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सीएम रहते गुजरात में किए कई काम
सूखे इलाकों में पानी के साथ-साथ की रोजगार की व्यवस्था
गुजरात के कई इलाकों में खड़ा किया पर्यटन उद्योग

अहमदाबाद. गुजरात चुनाव के पहले चरण का मतदान गुरुवार को है. यहां कई उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला ईवीएम में कैद हो जाएगा. इस बीच यह चर्चा भी जोर पकड़ रही है कि आखिर गुजरात का मतदाता केवल बीजेपी को ही क्यों चुनता है. दरअसल, मुख्यमंत्री से प्रधानमंत्री पद का सफर तय करने वाले नरेंद्र मोदी ने यहां कई ऐसे काम किए हैं, जिसकी वजह से जनता उन्हें पसंद करती है. राजनीतिक विशेषज्ञ तो यहां तक कहते हैं कि पीएम नरेंद्र मोदी अजेय हैं. आइए जानते हैं पीएम मोदी ने गुजरात में वह कौन से काम किए हैं जो उन्हें अजेय बना रहे हैं.

सरदार पटेल स्पोर्ट्स एन्क्लेव: सरदार वल्लभभाई पटेल स्पोर्ट्स एन्क्लेव अहमदाबाद के मोटेरा में बनाया गया है. इसे अहमदाबाद शहरी विकास प्राधिकरण और गुजरात सरकार ने मिलकर बनाया है. इसका प्रस्तावित बिल्ट-अप एरिया 93 लाख स्क्वेयर फीट है. इस पूरी योजना की लागत 4600 करोड़ रुपये है. इसमें से सरकार 3200 करोड़ रुपये और निजी कंपनियां 1400 करोड़ रुपये का निवेश करेंगी. विश्व का सबसे बड़ा क्रिकेट स्टेडियम नरेंद्र मोदी स्टेडियम सरदार वल्लभभाई पटेल स्पोर्ट्स एन्क्लेव में ही बना है. इसमें 236 एकड़ में एक ही जगह 50 तरह के खेलों की व्यवस्था की जाएगी.

गुजरात की लाइफलाइन नर्मदा: मुख्य नर्मदा नहर विश्व की सबसे लंबी सिंचाई करने वाली नहर है. यह 458 किमी लंबी है. यह 40 हजार क्यूसेक पानी ले जाने की क्षमता रखती है. इसके लिए साल 2014-15 से साल 2022-23 तक 10562 करोड़ रुपये बजट का प्रावधान है. सौराष्ट्र इलाके की सौणी योजना के तहत 1370 किमी का काम पूरा हो चुका है, जबकि 1150 किमी का काम अभी चल रहा है. नर्मदा से 90 लाख एकड़-फीट पानी गुजरात आता है. यह पानी के कुल उपभोग का 16 फीसदी है. नर्मदा प्रोजेक्ट के तहत 53 जलाशय, 130 झीलें और 800 से ज्यादा डैम पानी से भर चुके हैं.

रण उत्सव: कच्छ का रण के पास जगह है धोरडो कस्बा. यहां साल 2006 में ‘रण उत्सव’ शुरू किया गया था. तीन दिन यह उत्सव अब सौ दिन में बदल चुका है. अब टूरिस्ट यहां केवल नमक का रेगिस्तान और नीला आकाश ही देखने नहीं आते, बल्कि, गोल्फ कार्ट, एटीवी राइड, ऊंट की सवारी सहित कई चीजों का आनंद उठाने आते हैं. अब यह उत्सव अंतरराष्ट्रीय रूप ले चुका है और हर साल 4 से 5 लाख टूरिस्ट यहां आते हैं.

गुजरात का वाघा नडाबेट: गुजरात सरकार ने सीमा के पास रह रहे ग्रामीणों का पलायन रोकने और उनकी आय बढ़ाने के उद्देश्य से सीमा दर्शन योजना शुरू की. इसमें लोगों को भारत-पाक बॉर्डर तक ले जाया जाता है. इसी योजना के तहत कच्छ के रण के पास नडाबेट को भी बॉर्डर टूरिस्ट स्पॉट बनाया गया. इसे गुजरात का ‘वाघा’ कहा जाता है. गृह मंत्री अमित शाह ने इस बॉर्डर का उद्घाटन इस साल अप्रैल महीने में किया. सीमा दर्शन योजना बीएसएफ का पहला प्रोजेक्ट है. इसकी लागत 125 करोड़ रुपये है. बीएसएफ ने ‘अजय प्रहरी’ स्मारक भी बनाया है. इस पर 40 फीट ऊंचाई पर तिरंगा लहराया जाता है. यहां बीएसएफ जवानों के अजेय योगदान और त्याग की कहानियां मिलती हैं. यहां बीटिंग रिट्रीट, प्रदर्शनी हॉल, 5 हजार की क्षमता वाला परेड मैदान और साउंड सिस्टम सहित कई चीजें बनाई गई हैं. यहां बीएसएफ के हथियार भी देखे जा सकते हैं. लोग आसानी से मिसाइलें, टैंक, बंदूकें, तारपीडो और मिग-27 फाइटर जेट देख सकते हैं.

शिक्षा: नरेंद्र मोदी सरकार ने शिक्षा को लेकर राज्य में जबरदस्त काम किया. साल 2001 में जहां साक्षरता का प्रतिशत 69.14 था, वहीं यह 2011 में बढ़कर 78 फीसदी हुआ और साल 2021 में यह दर 82.5 फीसदी हो गई. इन सालों में पुरुषों की साक्षरता दर 79.66 से बढ़कर 89.5 फीसदी हो गई, जबकि महिलाओं की दर 57.8 फीसदी से बढ़कर 74.8 फीसदी हो गई. गुजरात सरकार ने साल 2002-03 में विद्यालक्ष्मी बॉन्ड योजना शुरू की. इसके बाद सरकार ने कन्या केलावानी रथ यात्रा योजना, अन्ना त्रिवेणी योजना, वहली डिकरी योजना, मुख्यमंत्री युवा स्वावलंबन योजना शुरू की. गुजरात पूरे देश का पहला राज्य था, जिसने नई शिक्षा नीति 2020 राज्य में लागू की.

पंचमहल-सुरेंद्र नगर में पानी की व्यवस्था: जब नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे, तब उन्होंने सौणी योजना शुरू की. इसका मकसद था गुजरात के सूखे इलाकों में पानी पहुंचाना. इसमें 1126 किमी की पाइपलाइन बिछाने की योजना थी. इसमें नर्मदा के ओवरफ्लो पानी को 115 जलाशयों में पहुंचाया जाना है. मोदी सरकार ने साल 2003 में 320 करोड़ रुपये के पाइपलाइन प्रोजेक्ट की शुरुआत की. इसमें सुरेंद्र नगर और सौराष्ट्र में पानी पहुंचाया जाना था. गुजरात सरकार ने साल 2009 में पंचमहल के लिए 182.15 करोड़ रुपये की योजना मंजूर की. इसमें इलाकों के लिए पीने के पानी की व्यवस्था की जानी थी.

Tags: Assembly Elections 2022, Gujarat Elections, Narendra modi

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