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पश्चिम बंगाल के पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी सुनवाई के दौरान रो पड़े, कहा- मुझे जिंदा रहने दें

हाइलाइट्स

पश्चिम बंगाल के पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी कोर्ट में रो पड़े
जमानत के लिए लगाई गुहार, कहा- मुझे जिंदा रहने दें
जांच एजेंसियां को कई लोगों से करनी है पूछताछ

कोलकाता. पश्चिम बंगाल (West Bengal) के पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी (Partha Chatterjee) सोमवार को बिचार भवन में विशेष पीएमएलए अदालत में पेश हुए और सुनवाई के दौरान रोने लगे. उन्‍होंने कोर्ट से गुहार लगाते हुए कहा कि ‘उन्‍हें जीवित रहने दिया जाए’. कोर्ट कार्यवाही के दौरान जज विद्युत कुमार रॉय ने पार्थ चटर्जी से पूछा था कि क्‍या उन्‍हें आरोपों के संदर्भ में कुछ कहना है? इस पर पार्थ चटर्जी ने कहा कि ‘मुझे जमानत से वंचित किया जा रहा है. मैं जांच में हस्‍तक्षेप नहीं करना चाहता, लेकिन मुझे जीवित रहने दिया जाए’. चटर्जी लगभग एक महीने के बाद अदालत में पेश हुए थे.

पार्थ चटर्जी को शिक्षक भर्ती घोटाले (Teachers Recruitment Scam) को लेकर 23 जुलाई को गिरफ्तार किया गया था. उसके बाद उनकी करीबी अर्पिता मुखर्जी के फ्लैट से करोड़ों रुपये जब्त किए गए थे. इसके बाद प्रवर्तन निदेशालय ने अर्पिता मुखर्जी को भी गिरफ्तार कर लिया था. केंद्रीय जांच एजेंसियों, सीबीआई और ईडी ने पार्थ चटर्जी और अर्पिता मुखर्जी दोनों को हिरासत में लेकर पूछताछ की है. कोर्ट में ईडी के वकील भास्‍कर प्रसाद बनर्जी ने दलील दी कि अर्पिता मुखर्जी का बयान 19 अक्टूबर को दर्ज किया गया था. इस संबंध में अपराध की आगे की जांच के लिए कार्रवाई हो रही है. साथ ही माणिक भट्टाचार्य से पूछताछ में नए तथ्य भी सामने आए हैं.

अर्पिता मुखर्जी के लिए जमानत याचिका दायर नहीं की 

हालांकि अर्पिता मुखर्जी के वकील नीलाद्री भट्टाचार्य ने कहा कि मुखर्जी के लिए कोई जमानत याचिका दायर नहीं की है लेकिन कोर्ट रिमांड देने के लिए कोई मैकेनिकल रास्‍ता नहीं तलाश सकता है. इससे पहले दिन में विशेष सीबीआई अदालत में चटर्जी के वकील सलीम रहमान ने तर्क दिया था कि आरोपपत्र पहले ही दाखिल हो चुका है और जांच पूरी हो गई है. इस लिए अब ‘कोई कारण नहीं है कि उसे सलाखों के पीछे रखा जाए. अगर एजेंसी को लगता है कि चटर्जी फरार हो सकता है, तो कोर्ट पासपोर्ट जमा करने की शर्त लगा सकता है. लेकिन अब उन्‍हें जमानत दी जानी चाहिए. हालांकि सीबीआई की विशेष अदालत ने चटर्जी को जमानत देने से इनकार कर दिया था.

जमानत न दी जाए, आरोपी जांच को प्रभावित कर सकते हैं: सीबीआई 

सीबीआई कोर्ट से बाहर आते हुए पार्थ चटर्जी ने कहा था कि मैं पार्टी के साथ हूं और सभी के लिए शुभकामनाएं देता हूं. लेकिन अलीपुर कोर्ट जाते समय पार्थ चटर्जी ने सवालों का जवाब देने से इनकार कर दिया. कोर्ट में प्रवेश के दौरान उन्‍होंने ‘चुप रहो’ कहा. आरोपी एसपी सिन्हा और कल्याणमय गंगोपाध्याय सहित छह और गिरफ्तार लोगों को भी अदालत में पेश किया गया. सीबीआई के वकील ने तर्क दिया कि उन्हें जमानत नहीं दी जा सकती क्योंकि जांच जारी है और अगर जमानत दी जाती है तो आरोपी व्यक्ति जांच प्रभावित करने की कोशिश कर सकते हैं.

कोर्ट ने कहा- जांच अनंत काल तक जारी नहीं रह सकती 

शेख कमरुद्दीन की कोर्ट में सीबीआई के वकील ने कहा कि इस मामले में कम से कम 350 गवाह उनके पास है. अब तक 10 लोगों से पूछताछ हुई है. इस पर जज ने टिप्पणी की, कि जांच अनंत काल तक नहीं चल सकती है. इस पर सीबीआई से समय सीमा मांगी. अदालत में मौजूद सीबीआई अधिकारी ने कहा कि उन्हें पूछताछ पूरा करने में कम से कम छह महीने लगेंगे. उन्‍होंने कहा कि हमें हर दिन नए इनपुट मिल रहे हैं और अधिक गिरफ्तारियों से इंकार नहीं किया जा सकता है. आरोपी व्यक्तियों को रिहा करना इस समय जमानत पर रहने से मामले की प्रगति खतरे में पड़ जाएगी. सीबीआई को सिन्हा के अलावा अन्य संदिग्धों से पूछताछ करने की जरूरत है. सिन्हा के वकील संजीबो दासगुप्ता ने कहा कि वह पिछले 70 दिनों से हिरासत में है और आगे की जांच में उसकी कोई भूमिका नहीं है. साथ ही गवाहों के बयान सीबीआई के पास हैं. सिन्‍हा को उनके सुनवाई के अधिकार से इनकार किया जा रहा है क्योंकि सीबीआई ने अदालत में कोई दस्तावेज पेश नहीं किया है. सीबीआई कोर्ट ने चटर्जी समेत सात आरोपियों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया.

Tags: Teachers Recruitment Scam, West bengal

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