भाजपा आदिवासी समाज में पेंठ बनाने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति बनाकर भाजपा ने इस वर्ग को साधने के लिए बड़ा दांव खेला था। वहीं, अब राजस्थान, मध्य प्रदेश और गुजरात के आदिवासियों को लुभाने के लिए भी भाजपा लगातार कोशिश कर रही है। भाजपा की इस योजना के तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक नवंबर यानी कल राजस्थान के आदिवासी बहुल्य जिले बांसवाड़ा आ रहे हैं। वह यहां आदिवासियों के प्रमुख तीर्थ स्थल मानगढ़ धाम में एक जनसभा को संबोधित करेंगे।
जिसमें राजस्थान, गुजरात और मध्य प्रदेश तीन राज्यों के हजारों आदिवासी लोग शामिल होंगे। उम्मीद जताई जा रही है कि पीएम मोदी जनसभा के दौरान मानगढ़ धाम को राष्ट्रीय स्मारक घोषित कर सकते हैं। वहीं, मानगढ़ धाम का आजादी से पहले का एक पुराना इतिहास भी है। यहां 109 साल पहले करीब 1500 लोगों का नरसंहार कर दिया गया था। इस नरसंहार को जलियांवाला बाग से भी बड़ा बताया जाता है। हालांकि, कई साल पहले तक इस बारे में बहुत कम लोगों को ही पता था। आइए अब जातने हैं मानगढ़ धाम के नरसंहार के बारे में…।
मानगढ़ आदिवासियों की आस्था का केंद्र
राजस्थान, मध्य प्रदेश और गुजरात की 99 विधानसभा सीटें आदिवासी बहुल्य हैं। ऐसे माना जा रहा है कि पीएम मोदी मानगढ़ को राष्ट्रीय स्मारक घोषित कर यहां के मतदाताओं को लुभाने की कोशिश कर सकते हैं। क्योंकि मानगढ़ आदिवासियों की आस्था का बड़ा केंद्र हैं। राजस्थान विधानसभा की 25, मध्य प्रदेश में 47 और गुजरात में 27 सीटें अनुसूचित जनजातियों के लिए आरक्षित हैं। पीएम मोदी की एक नवंबर को होने वाली जनसभा में इन तीनों राज्यों के आदिवासियों को बुलाया गया है। साथ ही तीनों प्रदेशों के सीएम और बीजेपी प्रदेश अध्यक्षों को भी न्योता भेजा गया है।