रिपोर्ट-रितेश कुमार
समस्तीपुर. लोक आस्था के पर्व छठ को लेकर सिर्फ महिलाओं को ही उपासना करते देखते हैं. जबकि इस दौरान पुरुष महिलाओं का अन्य काम में हाथ बटाते हैं. हालांकि बिहार के समस्तीपुर जिले के मोरवा प्रखंड क्षेत्र के ररियाही पंचायत के रघुनाथपुर गांव में महिलाएं नहीं बल्कि पुरुष छठ व्रत करते नजर आए, तो महिलाएं उनका सहयोग करते दिखीं. वहीं, छठ व्रत के हर नियम का भी पालन करते हुए पुरुषों ने उगते सूर्य को अर्घ्य दिया.
इस गांव के लोग कहते हैं कि गांव में करीब 5 हजार की आबादी है. जहां एक हजार पुरुष छठ पर्व करते हैं. साथ ही इस बार भी एक दर्जन युवकों ने पहली बार छठ की. इस गांव में पुरुष कब से छठ पर्व करते आ रहे हैं यह तो किसी को मालूम नहीं है, लेकिन धीरे-धीरे इस गांव में पुरुष छठ व्रती पुरुषों की संख्या बढ़ती जा रही है. इसको लेकर इस गांव की चर्चा भी होती है.
छठ घाट दूर होने के कारण बदल गई पर्व की परंपरा
लोग बताते हैं कि 5000 आबादी वाले गांव के लोगों को करीब 6 किलोमीटर दूर नून नदी किनारे छठ पर्व मनाने जाना पड़ता है. इस कारण महिला छठ व्रतियों को दूर जाने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता था. इसको देखते हुए गांव के बुजुर्गों ने यह तय किया कि व्रत करने और छठ घाट तक जाने की परंपरा शादी-शुदा पुरुष निभाएंगे. इस गांव के लोग यह भी बताते हैं कि पहले के जमाने में घर की महिलाओं को घर से दूर जाना गांव के बुजुर्गों को अच्छा नहीं लगता था. इस वजह से पुरुषों के छठ पर्व करने की परंपरा बना दी गई है.
सुपौल घाट पर भी आधा दर्जन पुरुषों ने किया छठ
वहीं, दूसरी ओर जिले के उजियारपुर प्रखंड के बिरणामा तुला पंचायत सुपौल घाट पर महिलाओं की जगह पुरुष छठ व्रत करते हैं, तो महिलाएं उन्हें पर्व के प्रसाद बनाने में सहयोग करती हैं. कहा जाता है कि यहां के भी पुरुष व्रत के हर नियम का पालन करते हुए पुरुष व्रती अस्ताचलगामी और उगते सूर्य को अर्घ्य देते हुए चार दिवसीय छठ महापर्व का व्रत रखते हैं.
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Tags: Bihar Chhath Puja, Chhath Mahaparv, Chhath Puja, Samastipur news
FIRST PUBLISHED : October 31, 2022, 09:37 IST