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दिल्ली के पूर्व पुलिस आयुक्त को अपना चालान बचाने के लिए ये कहना पड़ा कि पहचाना नहीं कि मैं कौन हूं। उन्हें ट्रैफिक पुलिस के अभियान के दौरान नई दिल्ली में रोक लिया गया था। बताया जा रहा है कि उन्होंने दोनों ट्रैफिक पुलिस कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई करवाने की काफी कोशिश की, मगर ऐसा न हो सका।
दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि नई दिल्ली जिला ट्रैफिक पुलिस ने इन दिनों मोडिफाई साइलेंसर के खिलाफ अभियान चला रखा है। करीब दो दिन पहले शाहजहां रोड पर ये ड्राइव चल रही थी। तभी दिल्ली के पूर्व पुलिस आयुक्त अपनी बीएमडब्ल्यू कार से वहां से गुजर रहे थे। उनके साथ उनका बेटा या भतीजा था।
तभी दो ट्रैफिक पुलिसकर्मियों ने उनकी कार को रोक लिया। वह कार की जांच करने लगे। तभी पूर्व पुलिस आयुक्त बोले पहचाना नहीं मैं कौन हूं। इस पर ट्रैफिक पुलिसकर्मियों ने जवाब दिया कि पहचान कर क्या करना है। यह सुनकर पूर्व आयुक्त कार से उतर आए। इसके बाद ट्रैफिक पुलिसकर्मियों ने पूर्व पुलिस आयुक्त को जाने दिया और उनका चालान नहीं किया।
बताया जा रहा है कि पूर्व आयुक्त ने दोनों पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई करवाने के लिए उनके ऑपरेटर ने दिल्ली पुलिस के कुछ सीनियर पुलिस अधिकारियों को फोन किया। बताया जा रहा है कि उनके एसओ रहे अधिकारी को भी फोन किया। मगर ट्रैफिक पुलिसकर्मियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई। ये मामला पुलिस महकमे में चर्चा में है।
कुछ विभागीय लोग दबी जुबान से कह रहे हैं कि पूर्व पुलिस आयुक्त जब तक दिल्ली पुलिस के आयुक्त थे तब दिल्ली पुलिस के विशेष पुलिस आयुक्त स्तर के अधिकारियों तक की बोलती बंद रहती थी। उनका इतना खौफ था कि कोई पुलिस अधिकारी सादी वर्दी में नहीं रहता था। उनके सख्त बर्ताव से परेशान होकर कई वरिष्ठ अधिकारी दिल्ली से अपना तबादला कराकर बाहर चले गए थे।
दिल्ली के पूर्व पुलिस आयुक्त को अपना चालान बचाने के लिए ये कहना पड़ा कि पहचाना नहीं कि मैं कौन हूं। उन्हें ट्रैफिक पुलिस के अभियान के दौरान नई दिल्ली में रोक लिया गया था। बताया जा रहा है कि उन्होंने दोनों ट्रैफिक पुलिस कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई करवाने की काफी कोशिश की, मगर ऐसा न हो सका।
दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि नई दिल्ली जिला ट्रैफिक पुलिस ने इन दिनों मोडिफाई साइलेंसर के खिलाफ अभियान चला रखा है। करीब दो दिन पहले शाहजहां रोड पर ये ड्राइव चल रही थी। तभी दिल्ली के पूर्व पुलिस आयुक्त अपनी बीएमडब्ल्यू कार से वहां से गुजर रहे थे। उनके साथ उनका बेटा या भतीजा था।
तभी दो ट्रैफिक पुलिसकर्मियों ने उनकी कार को रोक लिया। वह कार की जांच करने लगे। तभी पूर्व पुलिस आयुक्त बोले पहचाना नहीं मैं कौन हूं। इस पर ट्रैफिक पुलिसकर्मियों ने जवाब दिया कि पहचान कर क्या करना है। यह सुनकर पूर्व आयुक्त कार से उतर आए। इसके बाद ट्रैफिक पुलिसकर्मियों ने पूर्व पुलिस आयुक्त को जाने दिया और उनका चालान नहीं किया।
बताया जा रहा है कि पूर्व आयुक्त ने दोनों पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई करवाने के लिए उनके ऑपरेटर ने दिल्ली पुलिस के कुछ सीनियर पुलिस अधिकारियों को फोन किया। बताया जा रहा है कि उनके एसओ रहे अधिकारी को भी फोन किया। मगर ट्रैफिक पुलिसकर्मियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई। ये मामला पुलिस महकमे में चर्चा में है।
कुछ विभागीय लोग दबी जुबान से कह रहे हैं कि पूर्व पुलिस आयुक्त जब तक दिल्ली पुलिस के आयुक्त थे तब दिल्ली पुलिस के विशेष पुलिस आयुक्त स्तर के अधिकारियों तक की बोलती बंद रहती थी। उनका इतना खौफ था कि कोई पुलिस अधिकारी सादी वर्दी में नहीं रहता था। उनके सख्त बर्ताव से परेशान होकर कई वरिष्ठ अधिकारी दिल्ली से अपना तबादला कराकर बाहर चले गए थे।
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